यहां पुराने पेड़ों को मिलती है ₹3000 की पेंशन! किसान इस अनोखी योजना का उठा सकते हैं सीधा लाभ

Pran Vayu Devta Yojana: हरियाणा का करनाल जिला, जो अपनी हरियाली और खेती के लिए मशहूर है, अब एक अनोखी पहल से सुर्खियों में है। हरियाणा सरकार की प्राण वायु देवता योजना के तहत 75 साल से ज़्यादा पुराने पेड़ों की देखभाल करने वाले किसानों और ग्रामीणों को हर साल 3,000 रुपये की पेंशन दी जा रही है। यह योजना पर्यावरण को बचाने के साथ-साथ उन लोगों को आर्थिक मदद दे रही है, जो अपने खेतों या गाँवों में पुराने पेड़ों का ख्याल रखते हैं। करनाल में इस योजना ने लोगों को पेड़ों की देखभाल के लिए प्रेरित किया है, और गाँवों में हरियाली बढ़ाने की नई उम्मीद जगी है।

योजना का मकसद और शुरुआत

प्राण वायु देवता योजना की शुरुआत हरियाणा सरकार ने 2021 में पर्यावरण संरक्षण के लिए की थी। इसका लक्ष्य है पुराने पेड़ों, जैसे पीपल, बरगद, नीम, और आम, को कटने से बचाना और उनकी देखभाल को बढ़ावा देना। ये पेड़ ऑक्सीजन बढ़ाने, गर्मी कम करने, और जैव-विविधता को बनाए रखने में अहम हैं। करनाल में वन विभाग ने अब तक 112 पेड़ों को इस योजना में शामिल किया है, जिनके मालिकों को पेंशन मिल चुकी है। इसके अलावा, 55 और पेड़ों को जल्द ही पेंशन की सूची में जोड़ा जाएगा। यह पेंशन पेड़ों की देखभाल, जैसे खाद डालने, पानी देने, और शाखाओं की छँटाई के लिए दी जाती है, ताकि ये पेड़ लंबे समय तक जीवित रहें।

पेंशन पाने का आसान तरीका

इस योजना का लाभ लेना बेहद आसान है। अगर आपके खेत, आँगन, या गाँव की ज़मीन पर 75 साल से ज़्यादा पुराना कोई पेड़ है, तो आप पेंशन के हकदार हो सकते हैं। पेड़ स्वस्थ और हरा-भरा होना चाहिए; सूखे या मृत पेड़ इस योजना में शामिल नहीं हैं। आवेदन के लिए नज़दीकी वन विभाग कार्यालय में आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, और पेड़ की तस्वीर जमा करें। वन विभाग की टीम पेड़ की उम्र और स्थिति की जाँच करती है, और मंजूरी मिलने पर पेंशन सीधे बैंक खाते में आती है। करनाल में अब तक सैकड़ों किसान और ग्रामीण इस योजना से जुड़ चुके हैं, और पूरे हरियाणा में 4,000 से ज़्यादा पेड़ों को पेंशन दी जा रही है।

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पर्यावरण और किसानों का फायदा

यह योजना पर्यावरण और किसानों दोनों के लिए वरदान है। पुराने पेड़ हवा को शुद्ध करते हैं, गर्मी कम करते हैं, और पक्षियों को आश्रय देते हैं। करनाल जैसे इलाकों में, जहाँ प्रदूषण बढ़ रहा है, ये पेड़ प्रकृति के लिए अनमोल हैं। पेंशन की राशि से किसान और ग्रामीण पेड़ों की देखभाल के लिए खाद, मिट्टी, और पानी का इंतज़ाम कर सकते हैं। पहले पैसे की कमी के कारण कई पेड़ सूख जाते थे या काट दिए जाते थे। यह योजना ऐसी समस्याओं को रोक रही है। साथ ही, यह ग्रामीणों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित कर रही है, जिससे गाँवों की हरियाली बढ़ रही है।

किसानों के लिए सलाह

करनाल के किसान और ग्रामीण इस योजना का लाभ उठाकर पर्यावरण की रक्षा के साथ आय बढ़ा सकते हैं। अगर आपके पास 75 साल से पुराना पेड़ है, तो तुरंत वन विभाग से संपर्क करें। पेड़ की देखभाल के लिए समय-समय पर खाद डालें, पानी दें, और शाखाओं की छँटाई करें। इसके अलावा, ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाएँ, जैसे नीम, आम, या पीपल, जो कम पानी में भी पनपते हैं। वन विभाग का कहना है कि पेड़ों की देखभाल से गाँवों की हवा शुद्ध होगी और भविष्य सुरक्षित होगा। अपने नज़दीकी कृषि या वन केंद्र से सलाह लें और इस योजना से जुड़ें।

प्राण वायु देवता योजना ने करनाल में पेड़ों को बचाने और हरियाली बढ़ाने की नई राह दिखाई है। यह पेंशन योजना न सिर्फ़ पर्यावरण को मज़बूत कर रही है, बल्कि किसानों और ग्रामीणों को आर्थिक मदद भी दे रही है। किसान भाई, अपने खेतों और गाँवों में पुराने पेड़ों की देखभाल करें और नए पेड़ लगाएँ। इस योजना से पेड़ भी बचेंगे और आपकी जेब भी भरेगी।

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  • Shashikant

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