बासमती की ये खास किस्म बना देगी धान की खेती को फायदेमंद, सस्ते बीज यहाँ से मंगवाएं

Pusa Basmati 1718 variety: मई का महीना आते ही देशभर के किसान खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान की तैयारी में जुट जाते हैं। धान की खेती हर किसान की रीढ़ है, लेकिन जब बात स्वाद और सुगंध की आती है, तो बासमती धान सबसे आगे है। ये फसल न सिर्फ खाने में लाजवाब है, बल्कि बाजार में इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है। खासकर पूसा बासमती 1718 जैसी उन्नत किस्म ने किसानों की जिंदगी बदल दी है। आइए जानें कि मई में बासमती धान की खेती की तैयारी कैसे करें और इससे मोटा मुनाफा कैसे कमाएं।

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बासमती धान का जादू

बासमती धान की खेती किसानों के लिए इसलिए खास है, क्योंकि ये कम समय में अच्छी पैदावार देती है। बाजार में इसकी मांग कभी कम नहीं होती। चाहे गांव की मंडी हो या बड़े शहर, बासमती चावल हर जगह बिकता है। उत्तर प्रदेश के किसान रामलाल, जो पिछले तीन साल से बासमती की खेती कर रहे हैं, बताते हैं कि इस फसल ने उनकी आमदनी दोगुनी कर दी। पूसा बासमती 1718 की सुगंध और स्वाद की वजह से ग्राहक इसके चावल को हाथों-हाथ लेते हैं। ये किस्म रोगों से भी लड़ने में माहिर है, जिससे नुकसान का डर कम रहता है।

पूसा बासमती 1718 की खासियत

पूसा बासमती 1718 (Pusa Basmati 1718 variety) को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने 2017 में विकसित किया था। ये किस्म उन खेतों के लिए बनी है, जहां सिंचाई की सुविधा हो। इसे पकने में 136-138 दिन लगते हैं, और एक हेक्टेयर में 46-48 क्विंटल तक पैदावार मिलती है। इसके दाने लंबे, पतले और चमकदार हैं, जो खाने में जितने स्वादिष्ट हैं, देखने में उतने ही सुंदर। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि फसल गिरती नहीं और पकने पर दाने नहीं झड़ते। इसकी खुशबू इतनी जबरदस्त है कि बाजार में इसके चावल की कीमत हमेशा ऊंची रहती है।

घर बैठे मंगवाएं बीज

अच्छी फसल के लिए अच्छा बीज जरूरी है। अगर आप बासमती धान की खेती शुरू करना चाहते हैं, तो पूसा बासमती 1718 के बीज घर बैठे मंगवा सकते हैं। राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी) की वेबसाइट पर 10 किलो का बीज पैकेट 19 प्रतिशत छूट के साथ 890 रुपये में मिल रहा है। ऑर्डर करना इतना आसान है कि दो-तीन दिन में बीज आपके घर पहुंच जाएगा। रामलाल ने पिछले साल यही बीज मंगवाया था और उनकी फसल ने पूरे गांव में तारीफ बटोरी। खास बात ये है कि बीज के साथ आपको एक जैकेट भी मुफ्त मिलेगी।

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खेती का सही तरीका

बासमती धान की खेती के लिए खेत की तैयारी सबसे जरूरी है। खेत को दो-तीन बार जोतकर मिट्टी को भुरभुरा और समतल कर लें। अगर आप सीधी बुवाई करना चाहते हैं, तो खेत में हल्की नमी रखें और बीज को लाइनों में बोएं। अगर रोपाई का मन है, तो पहले नर्सरी में बिचड़ा तैयार करें। नर्सरी के लिए गोबर की खाद डालें और बीज बो दें। 25-30 दिन बाद बिचड़ा रोपाई के लिए तैयार हो जाएगा। रोपाई से पहले खेत में पानी जमा करें, ताकि पौधे अच्छे से जम जाएं।

धान की फसल को अच्छी पैदावार के लिए थोड़ी देखभाल चाहिए। बुवाई या रोपाई के बाद खेत में नमी बनाए रखें, लेकिन पानी ज्यादा न जमा हो। हर 8-10 दिन में हल्की सिंचाई करें। शुरुआती 20-25 दिन में खरपतवार हटाएं। जैविक खेती के लिए नीम का तेल या गोमूत्र का छिड़काव करें। पूसा बासमती 1718 रोगों से मजबूत है, लेकिन पत्तियां पीली पड़ें, तो वर्मी कम्पोस्ट डालें।

मुनाफे की बात

बासमती धान में लागत कम और मुनाफा ज्यादा है। एक हेक्टेयर में 15-20 हजार रुपये की लागत आती है। पूसा बासमती 1718 से 46-48 क्विंटल पैदावार मिलती है। बाजार में बासमती चावल 50-80 रुपये प्रति किलो बिकता है। यानी, एक हेक्टेयर से 1.5-2 लाख रुपये की कमाई हो सकती है। रामलाल ने पिछले साल 1.5 एकड़ में खेती की और 2 लाख रुपये से ज्यादा कमाए।

पहली बार खेती करने वाले छोटे स्तर पर शुरू करें। बीज राष्ट्रीय बीज निगम से ही लें। जैविक खेती करें, क्योंकि जैविक बासमती की कीमत ज्यादा है। सरकार की सब्सिडी योजनाओं का फायदा उठाएं। मई में खेती की तैयारी शुरू करें और बासमती की खेती से अपनी कमाई को नई उड़ान दें।

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Author

  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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