बंपर डिमांड वाला पीला टमाटर! इस नई किस्म से किसान कर रहे शानदार कमाई

Pusa Golden Cherry Tomato-2 Variety: भारत में खेती-किसानी को नई दिशा देने के लिए वैज्ञानिक लगातार नई फसलें ला रहे हैं। इन्हीं में से एक है पूसा गोल्डन चेरी टमाटर-2, जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), पूसा ने तैयार किया है। ये छोटे, सुनहरे पीले टमाटर न सिर्फ़ देखने में सुंदर हैं, बल्कि सेहत और मुनाफे के लिए भी कमाल के हैं। विटामिन A और C से भरपूर ये टमाटर संरक्षित खेती के लिए खास तौर पर बनाए गए हैं। बाज़ार में इनकी मांग तेज़ी से बढ़ रही है, जिससे किसान भाई कम मेहनत में मोटी कमाई कर सकते हैं। आइए, इस नई किस्म की खासियत और खेती का तरीका जानते हैं।

सुनहरे टमाटर की बाज़ार में धूम

पूसा गोल्डन चेरी टमाटर-2 अपने चमकीले पीले रंग की वजह से हर किसी का ध्यान खींच रहा है। ये छोटे-छोटे टमाटर सलाद, स्नैक्स और डिश को सजाने के लिए शानदार हैं। इनमें बीटा-कैरोटीन, जो विटामिन A का रूप है, और विटामिन C खूब होता है। ये सेहत के लिए फायदेमंद होने की वजह से हेल्थ स्टोर्स और ऑर्गेनिक दुकानों में खूब बिक रहे हैं। खास बात ये है कि ये किस्म लंबे समय तक फल देती है। एक बार खेती शुरू करने के बाद कई महीनों तक फसल मिलती रहती है। शहरों के बड़े होटल, रेस्तरां और निर्यात के लिए इनकी डिमांड बढ़ रही है। किसान इसे उगाकर अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते हैं।

पॉलीहाउस में चमकेगा मुनाफा

ये टमाटर खास तौर पर नेट हाउस, पॉलीहाउस और हाइड्रोपोनिक्स जैसे आधुनिक खेती के तरीकों के लिए बनाए गए हैं। पॉलीहाउस में खेती करने से मौसम का कोई डर नहीं रहता। चाहे गर्मी हो, सर्दी हो या बारिश, तापमान और नमी को कंट्रोल करके आप साल भर फसल ले सकते हैं। हाइड्रोपोनिक्स में तो ये और भी कमाल करता है, क्योंकि इसमें मिट्टी की ज़रूरत नहीं पड़ती। पानी और खाद का सही इस्तेमाल होने से फसल की बर्बादी कम होती है और पैदावार ज़्यादा मिलती है। इसकी क्वालिटी इतनी शानदार होती है कि बाज़ार में ऊंचा दाम मिलता है। छोटे किसान भी इसे अपनाकर अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं।

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खेती का आसान तरीका

पूसा गोल्डन चेरी टमाटर-2 (Pusa Golden Cherry Tomato-2 Variety) की खेती शुरू करना आसान है। खेत को तैयार करते वक्त पौधों के बीच 50 सेमी और कतारों के बीच 100 सेमी की दूरी रखें। इससे पौधों को बढ़ने की जगह मिलती है और फल ज़्यादा लगते हैं। ये पौधे छोटे लेकिन फलों से भारी होते हैं, इसलिए इन्हें ट्रेलिस या किसी मज़बूत डंडे का सहारा देना ज़रूरी है। बुवाई के लिए बीज या कटिंग दोनों इस्तेमाल कर सकते हैं। बीज से खेती में थोड़ा समय लगता है, लेकिन कटिंग से जल्दी फल मिलने शुरू हो जाते हैं। खेत में पानी की निकासी का अच्छा इंतज़ाम करें, क्योंकि जड़ों में पानी जमा होने से फसल खराब हो सकती है।

कीटों से बचाव के नुस्खे

हर फसल को कीटों से बचाना ज़रूरी है। इस टमाटर में लाल मकड़ी और सफेद मक्खी सबसे बड़ा खतरा हैं। लाल मकड़ी के लिए ओबेरॉन का छिड़काव करें, और सफेद मक्खी के लिए इमीडाक्लोप्रिड कारगर है। कीटनाशक सही मात्रा में और सही समय पर डालें, ताकि फल की क्वालिटी बनी रहे। अगर आप ऑर्गेनिक खेती करना चाहते हैं, तो नीम का तेल या देसी नुस्खे आजमाएं। पौधों की नियमित जांच करते रहें, ताकि कीटों का हमला शुरू होने से पहले ही रोका जा सके। इससे फसल स्वस्थ रहेगी और बाज़ार में अच्छा दाम मिलेगा।

कमाई का सुनहरा मौका

पूसा गोल्डन चेरी टमाटर-2 की खेती किसानों के लिए कमाई का नया रास्ता खोल रही है। इसके फल न सिर्फ़ स्थानीय बाज़ार में, बल्कि ऑर्गेनिक स्टोर्स और निर्यात के लिए भी खूब बिक रहे हैं। ये लंबे समय तक फल देता है, जिससे कमाई का सिलसिला चलता रहता है। सरकार की योजनाएं, जैसे पॉलीहाउस के लिए सब्सिडी, इस खेती को और आसान बना रही हैं। छोटे खेतों में भी ये किस्म मोटा मुनाफा दे सकती है। अगर आप नई और मुनाफेदार फसल की तलाश में हैं, तो पूसा गोल्डन चेरी टमाटर-2 से खेती शुरू करें। ये सुनहरा टमाटर आपकी मेहनत को सुनहरे मुनाफे में बदलेगा।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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