नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NSC) ने टमाटर की पूसा प्रसंस्कृत किस्म के बीज को प्रमोट किया है। यह भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा विकसित उन्नत किस्म है। NSC के अनुसार औसत फल का वजन 90-95 ग्राम रहता है। प्रति पौधा उत्पादन 3.5 से 4.5 किलोग्राम तक मिलता है। यह किस्म गर्म और उप-आर्द्र जलवायु में अच्छा प्रदर्शन करती है तथा उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान और अन्य राज्यों में सफलतापूर्वक उगाई जा रही है। 10 ग्राम बीज पैक मात्र 55 रुपये में उपलब्ध है।
पूसा प्रसंस्कृत किस्म की मुख्य विशेषताएं
यह किस्म मध्यम आकार के गोलाकार लाल रंग के फल देती है। फल चिकने गुदेदार और स्वादिष्ट होते हैं। पौधा निर्धारित प्रकार का होता है जिससे देखभाल आसान रहती है। रोपाई के 60-70 दिन बाद फल तोड़ाई शुरू हो जाती है। फल प्रसंस्करण जैसे सॉस केचप और प्यूरी बनाने के लिए उपयुक्त हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है विशेषकर लीफ कर्ल वायरस और फ्यूजेरियम विल्ट के प्रति। IARI की रिपोर्ट्स के अनुसार यह किस्म बाजार और घरेलू उपयोग दोनों के लिए लोकप्रिय है।
खेती की जलवायु और मिट्टी
पूसा प्रसंस्कृत गर्मी और मानसून दोनों मौसम में उगाई जा सकती है। तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस उपयुक्त रहता है। बलुई दोमट से दोमट मिट्टी जिसमें जल निकास अच्छा हो बेहतर है। मिट्टी का पीएच 6 से 7.5 के बीच रखें। अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में ऊंची क्यारियां बनाएं।
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रोपाई और प्रबंधन
नर्सरी में बीज बोने के 25-30 दिन बाद रोपाई करें। दूरी 60 सेमी x 45 सेमी रखें। रोपाई के समय गोबर खाद 20-25 टन प्रति हेक्टेयर मिलाएं। नाइट्रोजन फास्फोरस और पोटाश संतुलित मात्रा में दें। ड्रिप सिंचाई से पानी और उर्वरक की बचत होती है। सहारा देने की व्यवस्था करें ताकि फल जमीन से न छुएं। कीटों जैसे फल छेदक से बचाव के लिए नीम आधारित दवाएं या इंडोक्साकार्ब का छिड़काव करें। वायरस से बचाव के लिए वेक्टर कीटों को नियंत्रित रखें।
उत्पादन और बाजार
प्रति पौधा 3.5-4.5 किलोग्राम फल मिलने से प्रति हेक्टेयर 400-600 क्विंटल तक उत्पादन संभव है। फल लंबे समय तक ताजा रहते हैं जिससे परिवहन आसान होता है। बाजार में इसकी अच्छी मांग रहती है विशेषकर प्रसंस्करण उद्योग में। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत सब्जी फसलों पर सब्सिडी उपलब्ध है।
बीज उपलब्धता
NSC के अनुसार 10 ग्राम पैक मात्र 55 रुपये में उपलब्ध है। लिंक: https://www.mystore.in/en/product/nsc-tomato-pusa-prasanskrit-10gm। प्रमाणित बीज ही उपयोग करें ताकि शुद्धता और अंकुरण दर अच्छी रहे।
पूसा प्रसंस्कृत टमाटर की खेती कम लागत में अच्छी कमाई का स्रोत है। वैज्ञानिक प्रबंधन अपनाकर अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करके और जानकारी लें।
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