राजस्थान की बेटियों को मिला बड़ा तोहफा, एग्रीकल्चर में पढ़ाई पर सीधे 1 लाख रुपये की मदद

राजस्थान सरकार ने कृषि शिक्षा में छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए ‘राजस्थान गर्ल स्टूडेंट्स एग्रीकल्चर सब्जेक्ट योजना’ शुरू की है। इस योजना के तहत बीएससी एग्रीकल्चर करने वाली छात्राओं को 4 साल के कोर्स के लिए प्रतिवर्ष 25,000 रुपये यानी कुल 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा होगी। योजना पूरे प्रदेश में लागू है और उद्यानिकी, डेयरी, कृषि अभियांत्रिकी, और खाद्य प्रसंस्करण जैसे कोर्स में पढ़ाई करने वाली छात्राओं को भी प्रोत्साहन राशि मिलेगी। झुंझुनूं जिले के चिड़ावा और मंडावा में दो सरकारी कॉलेजों में जॉइंट एंट्रेंस टेस्ट (जेट) के जरिए प्रवेश होगा।

झुंझुनूं में प्रवेश के लिए जेट परीक्षा

झुंझुनूं जिले में बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई के लिए दो सरकारी कॉलेज हैं। चिड़ावा का राजकीय कृषि महाविद्यालय और मंडावा का राजकीय कृषि महाविद्यालय प्रवेश के मुख्य केंद्र हैं। इन कॉलेजों में दाखिला जेट परीक्षा के आधार पर होगा। यह परीक्षा मई-जून में आयोजित होती है। 12वीं में विज्ञान स्ट्रीम (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी/मैथ्स) के साथ कम से कम 50% अंक जरूरी हैं। प्रवेश प्रक्रिया जुलाई से शुरू होगी। इच्छुक छात्राएँ राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय की वेबसाइट या कॉलेजों से संपर्क कर सकती हैं। जेट में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी/मैथ्स, और कृषि से सवाल पूछे जाते हैं।

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प्रोत्साहन राशि

राजस्थान सरकार ने अलग-अलग स्तरों पर प्रोत्साहन राशि तय की है। 11वीं और 12वीं में कृषि संकाय की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को हर साल 15,000 रुपये दिए जाएंगे। बीएससी एग्रीकल्चर, उद्यानिकी, डेयरी, कृषि अभियांत्रिकी, और खाद्य प्रसंस्करण की पढ़ाई के लिए प्रतिवर्ष 25,000 रुपये मिलेंगे। श्री कर्ण नरेंद्र व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय, जोबनेर में बीएससी (कृषि/एग्री बिजनेस) करने वाली छात्राओं को भी यही राशि दी जाएगी। एमएससी एग्रीकल्चर में पढ़ाई के लिए 25,000 रुपये सालाना मिलेंगे। पीएचडी करने वाली छात्राओं को 3 साल के लिए प्रतिवर्ष 40,000 रुपये यानी कुल 1.2 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। यह राशि आर्थिक बोझ कम करेगी।

पात्रता और आवश्यक दस्तावेज

प्रोत्साहन राशि के लिए छात्रा का राजस्थान की मूल निवासी होना अनिवार्य है। उसे राजकीय या राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त स्कूल, कॉलेज, या विश्वविद्यालय में पढ़ाई करनी होगी। पिछले साल की कक्षा में अनुत्तीर्ण नहीं होना चाहिए और उसी कक्षा में दोबारा प्रवेश नहीं लिया होना चाहिए। आवेदन के लिए मूल निवास प्रमाण पत्र, पिछले साल की मार्कशीट, बैंक पासबुक की कॉपी, आधार कार्ड, और संस्था प्रधान का प्रमाण पत्र जमा करना होगा। यह प्रमाण पत्र छात्रा की कक्षा और पढ़ाई की स्थिति को सत्यापित करता है। गलत जानकारी पर आवेदन रद्द हो सकता है।

आवेदन प्रक्रिया और ई-साइन सर्टिफिकेट

आवेदन राज किसान साथी पोर्टल पर करना होगा। अंतिम तिथि 31 जनवरी 2026 है। पोर्टल पर ‘फार्मर/सिटिजन’ सेक्शन में ‘छात्राओं के लिए प्रोत्साहन राशि’ विकल्प चुनकर जन आधार या SSO ID से लॉगिन करें। नया SSO ID बनाने के लिए पोर्टल पर रजिस्टर करना होगा। फॉर्म में व्यक्तिगत जानकारी, कोर्स विवरण, और बैंक डिटेल्स भरकर दस्तावेज अपलोड करें। सबमिट करने के बाद संस्था प्रधान आवेदनों की जाँच करेंगे। वे ई-साइन सर्टिफिकेट जारी करेंगे, जिसमें छात्रा की कक्षा और पढ़ाई की स्थिति सत्यापित होगी। संस्था प्रधान यह भी सुनिश्चित करेंगे कि छात्रा ने उसी कक्षा में दोबारा प्रवेश नहीं लिया और वह अनुत्तीर्ण नहीं है। गलत आवेदनों की जिम्मेदारी उनकी होगी।

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ई-साइन सर्टिफिकेट के बाद संयुक्त निदेशक (कृषि) आवेदनों की अंतिम जाँच करेंगे। सत्यापन पूरा होने पर वित्तीय स्वीकृति दी जाएगी। संयुक्त निदेशक डॉ. राजेंद्र लाम्बा ने बताया कि सख्त जाँच के बाद ही राशि स्वीकृत होगी, ताकि योजना का लाभ सही छात्राओं को मिले। यह प्रक्रिया पारदर्शी और तेज होगी। राशि सीधे बैंक खातों में जमा होगी, जिससे छात्राएँ बिना देरी के इसका इस्तेमाल कर सकेंगी।

झुंझुनूं के कॉलेज और कोर्स

चिड़ावा और मंडावा के राजकीय कृषि महाविद्यालयों में बीएससी एग्रीकल्चर के अलावा उद्यानिकी और एग्री बिजनेस जैसे कोर्स उपलब्ध हैं। उद्यानिकी में फल, सब्जी, और फूलों की खेती सिखाई जाती है। डेयरी कोर्स दूध उत्पादन और प्रसंस्करण पर फोकस करते हैं। कृषि अभियांत्रिकी में खेती की मशीनरी और तकनीक पढ़ाई जाती है। खाद्य प्रसंस्करण में खाद्य उत्पादों की पैकेजिंग और प्रोसेसिंग की जानकारी दी जाती है। जोबनेर का श्री कर्ण नरेंद्र महाविद्यालय एग्री बिजनेस में विशेषज्ञता देता है। इन कोर्स में पढ़ाई करने वाली छात्राओं को भी 25,000 रुपये सालाना मिलेंगे।

यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राओं के लिए वरदान है। 1 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि से ट्यूशन फीस, किताबें, और अन्य खर्चे आसानी से पूरे होंगे। यह योजना कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाएगी। डॉ. राजेंद्र लाम्बा के मुताबिक, इससे खेती आधुनिक और समावेशी बनेगी। छात्राएँ समय पर आवेदन करें और दस्तावेज पूरे रखें। राज किसान साथी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए ई-मित्र केंद्र मदद कर सकते हैं। जेट परीक्षा की तैयारी के लिए पिछले साल के पेपर और ऑनलाइन मॉक टेस्ट उपयोगी हैं।

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  • Shashikant

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