सब्जियों में नाइट्रोजन की सही मात्रा: एक छोटी गलती कर सकती है भारी नुकसान

किसान साथियों, नाइट्रोजन सब्जियों की खेती में सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जो पौधों की बढ़वार, पत्तियों के विकास, और उत्पादन को बढ़ाता है। यह क्लोरोफिल निर्माण और प्रोटीन संश्लेषण में मदद करता है, जिससे पौधे हरे-भरे और स्वस्थ रहते हैं। ICAR के अनुसार, नाइट्रोजन की कमी से सब्जियों की उपज 20-30% तक कम हो सकती है, जबकि सही उपयोग से उत्पादन 15-25% बढ़ सकता है। विभिन्न सब्जियों (पत्तेदार, फल वाली, जड़ वाली) को अलग-अलग स्टेज पर नाइट्रोजन की जरूरत होती है। यह लेख नाइट्रोजन की भूमिका, स्टेज-विशिष्ट जरूरतें, और जैविक/रासायनिक स्रोतों की जानकारी देगा, ताकि किसान 2025 में बम्पर फसल प्राप्त कर सकें।

नाइट्रोजन का महत्व

नाइट्रोजन पौधों की वृद्धि का आधार है। यह पत्तियों, तनों, और शाखाओं के विकास को बढ़ावा देता है। KVK के अनुसार, नाइट्रोजन की कमी से पौधे पीले पड़ जाते हैं, पत्तियां छोटी रहती हैं, और फल/जड़ का विकास रुक जाता है। अधिक नाइट्रोजन से पौधे में केवल पत्तियां बढ़ती हैं, और फल/कंद कम लगते हैं। इसलिए, सही मात्रा और समय पर नाइट्रोजन देना जरूरी है। नाइट्रोजन मिट्टी में यूरिया, अमोनियम सल्फेट, या जैविक खाद (गोबर खाद, वर्मीकम्पोस्ट) के रूप में उपलब्ध होता है। मिट्टी जांच से नाइट्रोजन की कमी का पता लगाएं।

पत्तेदार सब्जियों की जरूरत

पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, धनिया, और लेट्यूस को नाइट्रोजन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, क्योंकि इनका मुख्य उत्पादन पत्तियां हैं। ICAR सलाह देता है कि इन सब्जियों को वनस्पति वृद्धि (Vegetative Growth) स्टेज (बुवाई के 10-30 दिन) में 50-60 किलो/एकड़ नाइट्रोजन दें। यूरिया (100-120 किलो/एकड़) को दो बार—बुवाई के समय और 20 दिन बाद—टॉप ड्रेसिंग के रूप में डालें। जैविक खेती में वर्मीकम्पोस्ट (5 टन/एकड़) या नीम खली (200 किलो/एकड़) उपयोगी है। अधिक नाइट्रोजन से पत्तियां कड़वी हो सकती हैं, इसलिए मात्रा सटीक रखें। लागत 2000-3000 रुपये/एकड़ है।

फल वाली सब्जियों की जरूरत

फल वाली सब्जियां जैसे टमाटर, बैंगन, भिंडी, और शिमला मिर्च को नाइट्रोजन की मध्यम मात्रा चाहिए। इनमें तीन स्टेज होती हैं: वनस्पति वृद्धि (रोपाई के 10-30 दिन), फूल आने की अवस्था (30-45 दिन), और फल विकास (45-60 दिन)। वनस्पति वृद्धि में 40-50 किलो/एकड़ नाइट्रोजन दें, ताकि पौधे मजबूत हों। फूल आने और फल विकास में 20-30 किलो/एकड़ पर्याप्त है। यूरिया (80-100 किलो/एकड़) को तीन बार (रोपाई, 20 दिन, 40 दिन बाद) डालें। जैविक स्रोत में गोबर खाद (10 टन/एकड़) और लिक्विड बायोफर्टिलाइज़र (10 मिली/लीटर) का छिड़काव करें। लागत 2500-4000 रुपये/एकड़ है।

जड़ वाली सब्जियों की जरूरत

जड़ वाली सब्जियां जैसे मूली, गाजर, शलजम, और चुकंदर को नाइट्रोजन कम चाहिए, क्योंकि अधिक नाइट्रोजन से जड़ों के बजाय पत्तियां बढ़ती हैं। ICAR के अनुसार, इन सब्जियों को प्रारंभिक वृद्धि (बुवाई के 10-20 दिन) में 20-30 किलो/एकड़ नाइट्रोजन दें। कंद विकास (20-40 दिन) में नाइट्रोजन कम करें और पोटाश बढ़ाएं। यूरिया (50-60 किलो/एकड़) को बुवाई के समय और 15 दिन बाद डालें। जैविक खेती में वर्मीकम्पोस्ट (3 टन/एकड़) और स सरसों की खली (100 किलो/एकड़) उपयोगी हैं। लागत 1500-2500 रुपये/एकड़ है। अधिक नाइट्रोजन से जड़ें छोटी और बेस्वाद हो सकती हैं।

नाइट्रोजन के स्रोत

नाइट्रोजन के दो मुख्य स्रोत हैं: रासायनिक और जैविक। रासायनिक स्रोतों में यूरिया (46% नाइट्रोजन), अमोनियम सल्फेट (21% नाइट्रोजन), और कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट (26% नाइट्रोजन) शामिल हैं। यूरिया की कीमत 300-400 रुपये/50 किलो है। जैविक स्रोतों में गोबर खाद (0.5-1% नाइट्रोजन), वर्मीकम्पोस्ट (1-2% नाइट्रोजन), नीम खली (2-3% नाइट्रोजन), और लिक्विड बायोफर्टिलाइज़र (जैसे अज़ोटोबैक्टर) शामिल हैं। जैविक खाद की लागत 5000-10000 रुपये/एकड़ है, लेकिन यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है। KVK सलाह देता है कि जैविक और रासायनिक स्रोतों का संतुलित उपयोग करें।

सही समय और उपयोग की विधि

नाइट्रोजन का उपयोग सही समय और स्टेज पर करना जरूरी है। बुवाई/रोपाई के समय बेसल डोज के रूप में 50% नाइट्रोजन डालें। वनस्पति वृद्धि (10-30 दिन) में 30% और फूल/फल अवस्था (30-60 दिन) में 20% टॉप ड्रेसिंग करें। ड्रिप सिंचाई से नाइट्रोजन (यूरिया या लिक्विड फर्टिलाइज़र) देना प्रभावी है। जैविक खाद को मिट्टी में अच्छी तरह मिलाएं। छिड़काव के लिए लिक्विड बायोफर्टिलाइज़र (10 मिली/लीटर) सुबह या शाम करें। मिट्टी नम होने पर नाइट्रोजन डालें, ताकि पौधे इसे अच्छी तरह अवशोषित करें। ICAR सलाह देता है कि मिट्टी जांच के बाद ही मात्रा तय करें।

नाइट्रोजन की कमी और अधिकता के लक्षण

नाइट्रोजन की कमी से पौधे पीले, पत्तियां छोटी, और वृद्धि रुकी हुई दिखती है। फल/जड़ छोटे और कमजोर होते हैं। अधिक नाइट्रोजन से पत्तियां अत्यधिक बढ़ती हैं, फूल/फल कम लगते हैं, और पौधे कीटों/रोगों के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं। KVK सलाह देता है कि मिट्टी जांच (100-200 रुपये) करवाएं और नाइट्रोजन की मात्रा 50-100 किलो/एकड़ (सब्जी के प्रकार पर निर्भर) रखें। अधिकता से बचने के लिए NPK (10:26:26) का संतुलित उपयोग करें।

लागत और मुनाफा

नाइट्रोजन की लागत सब्जी और स्रोत पर निर्भर करती है। रासायनिक स्रोत (यूरिया, 100 किलो/एकड़) की लागत 600-800 रुपये/एकड़ है। जैविक स्रोत (वर्मीकम्पोस्ट, 5 टन/एकड़) की लागत 5000-10000 रुपये/एकड़ है। नाइट्रोजन के सही उपयोग से पालक (15-20 टन/एकड़), टमाटर (20-25 टन/एकड़), और मूली (10-15 टन/एकड़) की उपज मिलती है। बाजार में सब्जियों की कीमत 20-50 रुपये/किलो मानें, तो 400000-1250000 रुपये/एकड़ की आय होती है। शुद्ध मुनाफा 350000-1200000 रुपये/एकड़ है।

नाइट्रोजन से बम्पर सब्जी उत्पादन

नाइट्रोजन सब्जियों की बढ़वार और उत्पादन का आधार है। पत्तेदार सब्जियों को वनस्पति वृद्धि में, फल वाली को फूल/फल अवस्था में, और जड़ वाली को प्रारंभिक स्टेज में नाइट्रोजन दें। जैविक और रासायनिक स्रोतों का संतुलित उपयोग करें। KVK से प्रशिक्षण और मिट्टी जांच लें। सही नाइट्रोजन उपयोग से 3-12 लाख रुपये/एकड़ मुनाफा कमाएं। यह आपके खेत और समृद्धि का रास्ता खोलेगा।

ये भी पढ़ें – केंद्र सरकार ने दी नई जैविक खाद को मान्यता, इससे किसानो को होगा जबरदस्त लाभ

Author

  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

    View all posts

Leave a Comment