ऑपरेशन सिंदूर बनी प्रेरणा, वैज्ञानिकों ने तैयार की आम की नई किस्म, अब दीवाली पर भी मिलेगा स्वाद

Sindoori Mango New Variety: किसान भाइयों, उत्तराखंड के जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने आम की एक नई किस्म ‘सिंदूर’ विकसित की है, जो भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर की वीरता को समर्पित है। ऑपरेशन सिंदूर ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का करारा जवाब दिया था, जिसमें कई निर्दोष लोगों की जान गई थी। इस हमले ने कई परिवारों को दुख दिया, और सेना ने आतंक के ठिकानों को नेस्तनाबूद किया। अब इस नई आम की किस्म के जरिए उस साहस को हर खेत और थाली में याद किया जाएगा।

ठंड में पकेगा ये अनोखा आम

पारंपरिक आम की किस्में जैसे दशहरी या लंगड़ा गर्मियों में पकती हैं, लेकिन सिंदूर आम सितंबर-अक्टूबर की ठंड में तैयार होता है। जब बाजार में आम की कमी होती है, तब ये चटक लाल रंग का फल अपनी चमक बिखेरता है। इसका स्वाद संतुलित है, न ज्यादा मीठा, न खट्टा, बल्कि चीनी और सौंफ जैसा। प्रत्येक फल का वजन 200 ग्राम के आसपास होता है, जो इसे बेचने के लिए आदर्श बनाता है। ये खासियत इसे आम प्रेमियों के बीच लोकप्रिय और किसानों के लिए फायदेमंद बनाती है।

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किसानों की आय में बढ़ोतरी

विश्वविद्यालय के वरिष्ठ बागवानी वैज्ञानिक डॉ. एके सिंह बताते हैं कि सिंदूर किस्म को स्थानीय जर्मप्लाज्म से सीडलिंग सिलेक्शन के जरिए विकसित किया गया है। ये मौसम के अंत में पकता है, जब बाजार में आम कम होते हैं, जिससे किसानों को ऊँचा दाम मिलता है। एक हेक्टेयर में 100 पेड़ लगाने पर 5000 किलो फल मिल सकते हैं, और 50-60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 2.5-3 लाख रुपये की कमाई हो सकती है। लागत निकालने के बाद 80,000 रुपये तक का मुनाफा संभव है। उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में, जहाँ बागवानी आजीविका का बड़ा हिस्सा है, ये किस्म किसानों के लिए वरदान है।

विज्ञान और देशभक्ति का प्रतीक

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मनमोहन सिंह चौहान कहते हैं कि सिंदूर आम सिर्फ फल नहीं, बल्कि विज्ञान और देशभक्ति का संगम है। इसका चटक लाल रंग सैनिकों के माथे पर लगने वाले पवित्र सिंदूर का प्रतीक है, जो साहस और बलिदान को दर्शाता है। 6 जुलाई 2025 को दिल्ली के मैंगो फेस्टिवल में इसे प्रदर्शित किया गया, जहाँ इसने सबका ध्यान खींचा। ये किस्म न सिर्फ खेती को बढ़ावा देगी, बल्कि सेना की वीरता को हर घर तक पहुँचाएगी।

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खेती का आसान तरीका

सिंदूर आम की खेती के लिए दोमट मिट्टी और 20-30 डिग्री तापमान आदर्श है। मई-जून में खेत को दो बार जोतें, 10-15 टन गोबर की खाद डालें। पौधों को 8-10 मीटर की दूरी पर रोपें। मानसून के बाद हल्की सिंचाई और खरपतवार निकालना जरूरी है। सितंबर-अक्टूबर में फसल तैयार होती है, और इसका लंबा शेल्फ लाइफ इसे दूर तक बेचने के लिए उपयुक्त बनाता है। किसान नजदीकी कृषि केंद्र से बीज और जानकारी ले सकते हैं।

बाजार में नया मौका

सिंदूर आम की मांग स्थानीय और बड़े शहरों में बढ़ रही है। इसका रंग, स्वाद, और शेल्फ लाइफ इसे निर्यात के लिए भी आदर्श बनाता है। जैविक खेती से इसकी कीमत और बढ़ सकती है। किसान इस फसल को अपनाकर अपनी आय बढ़ाएँ और सेना के साहस को सलाम करें।

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  • Shashikant

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