बिहार के कई जिलों में गन्ना किसानों की मुख्य कमाई का स्रोत है। सही समय, सही किस्म और वैज्ञानिक तरीके से खेती करने पर लाखों रुपये कमा सकते हैं। खासकर शरदकालीन गन्ना, जो अक्टूबर में बोया जाता है, ज्यादा उपज, अच्छी शर्करा और मजबूत क्वालिटी देता है। सीतामढ़ी और शिवहर जैसे जिलों में उपजाऊ मिट्टी और बागमती नदी का पानी गन्ने के लिए बिल्कुल फिट है। रीगा चीनी मिल को भी यहाँ से गन्ना सप्लाई होता है। अगर आप वैज्ञानिक पद्धति अपनाएँ, तो पैदावार और आय दोनों बढ़ जाएँगी।
शरदकालीन गन्ने के लिए जल्दी पकने वाली किस्में
अगर आप जल्दी फसल काटना चाहते हैं, तो CoLk 14201, Co 16034, Co 17018 और Co 15023 जैसी किस्में चुनें। CoLk 14201 लाल सड़न और ऊखमुड़िया रोग से बचाती है और 850-950 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देती है। Co 16034 में 18-19% शर्करा है, जो सूखे में भी अच्छा प्रदर्शन करती है। Co 17018 और Co 15023 तेज बढ़ती हैं, मजबूत डंठल वाली हैं और 900 क्विंटल तक पैदावार देती हैं। ये किस्में रोगों से लड़ने में माहिर हैं।
लंबे समय तक फसल रखने वाली किस्में
अगर फसल को ज्यादा दिन खेत में रखना चाहते हैं, तो CoS 767, CoS 8432, CoS 88216, CoS 97264, CoS 96275 और Pant 84212 चुनें। CoS 8432 में 19% चीनी है, जबकि Pant 84212 ठंड सहन करती है और 1050 क्विंटल तक उपज देती है। ये किस्में लंबे समय तक खड़ी रहती हैं, नहीं गिरतीं और रोगों से बचाव करती हैं। इससे कटाई का समय आप तय कर सकेंगे।
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बुवाई का सही तरीका
शरदकालीन बुवाई के लिए अक्टूबर का पहला पखवाड़ा सबसे अच्छा है। 9-10 महीने पुराना, मोटा और रोगमुक्त गन्ना बीज के रूप में लें। पंक्तियों की दूरी 75 सेंटीमीटर रखें, मिश्रित फसल के लिए 90 सेंटीमीटर। बीज उपचार जरूरी है: 500 ग्राम एगलॉल को 100 लीटर पानी में घोलकर बीज डुबोएँ। या जैविक तरीके से 1 लीटर एजोटोबैक्टर और 1 लीटर पी.एस.बी. मिलाकर इस्तेमाल करें। इससे बीज मजबूत बनेगा और रोग कम होंगे।
मिट्टी के हिसाब से खाद डालें
मिट्टी की जाँच करवाएँ, फिर उर्वरक डालें। औसतन प्रति हेक्टेयर 60-75 किलो नाइट्रोजन, 60-80 किलो फॉस्फोरस और 20-40 किलो पोटाश डालें। 10 टन गोबर खाद या प्रेसमड जरूर मिलाएँ। दीमक और अंकुर बेधक से बचाव के लिए क्लोरोपाइरीफॉस या क्लोरेन्ट्रेनिलिप्रोल का छिड़काव करें। समय-समय पर निराई-गुड़ाई करें और फसल पर नजर रखें। इससे शरदकालीन गन्ना सोने की फसल बनेगा।
वैज्ञानिक तरीके से कमाएँ ज्यादा
उत्तर बिहार के सीतामढ़ी और शिवहर में गन्ना प्रमुख फसल है। यहाँ की दोमट मिट्टी और मौसम गन्ने के लिए परफेक्ट है। हजारों किसान शरद और वसंत गन्ना उगा रहे हैं। पारंपरिक तरीके के साथ वैज्ञानिक पद्धति अपनाने से पैदावार दोगुनी हो जाती है। रीगा मिल को सप्लाई से अच्छा दाम मिलता है। किसान भाई इन टिप्स को अपनाएँ, तो मुनाफा बरसेगा।
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