देश के कई किसान अब पुरानी पारंपरिक खेती को छोड़कर आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे उन्हें बेहतर पैदावार और अच्छा मुनाफा मिल रहा है। टमाटर की खेती में स्टेकिंग तकनीक ऐसा ही एक कमाल का तरीका है, जो मेहनत को कई गुना फल देता है। इस तकनीक से 1 एकड़ में टमाटर की पैदावार 4 से 5 गुना तक बढ़ सकती है। जैविक खाद और रासायनिक उर्वरकों के संतुलित इस्तेमाल से फसल की गुणवत्ता भी शानदार रहती है। ये तरीका न सिर्फ फसल को बचाता है, बल्कि जेब को भी भरता है। आइए, इसे समझें और मुनाफे की खेती का रास्ता जानें।
स्टेकिंग तकनीक
स्टेकिंग तकनीक में टमाटर के पौधों को खंभों या डंडियों के सहारे खड़ा रखा जाता है। इससे पौधे टूटते नहीं, और फल जमीन से दूर रहते हैं। नतीजा? फल बड़े, चमकदार और स्वाद में लाजवाब। इस तकनीक से हवा और धूप पौधों को अच्छे से मिलती है, जिससे फसल जल्दी पकती है और गुणवत्ता बढ़ती है। खेत में रोज 10 क्विंटल तक टमाटर की कटाई हो सकती है। ये आधुनिक खेती का ऐसा तरीका है, जो कम जगह में ढेर सारा उत्पादन देता है।
जैविक और रासायनिक का संतुलन
टमाटर की खेती को कामयाब बनाने के लिए जैविक खाद और रासायनिक उर्वरकों का संतुलित इस्तेमाल जरूरी है। गोबर की खाद और वर्मी कंपोस्ट से मिट्टी की ताकत बनी रहती है, और रासायनिक खाद से पौधे हरे-भरे रहते हैं। जैविक तरीके से उत्पादन बढ़ाने पर जोर देने से फसल में रसायनों के अवशेष नहीं रहते। समय पर सिंचाई और सही मात्रा में खाद डालने से पैदावार लगातार बढ़ती है। ये तरीका लागत कम करता है, और बाजार में टमाटर की माँग भी बनाए रखता है। मुनाफे की खेती के लिए ये संतुलन गेम-चेंजर है।
कीटों से बचाव का देसी तरीका
फसल को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए जैविक कीटनाशकों का छिड़काव जरूरी है। नीम का तेल और जैविक घोल से पौधे सुरक्षित रहते हैं, और पैदावार में गिरावट नहीं आती। स्टेकिंग तकनीक की वजह से पौधे ऊपर रहते हैं, तो कीटों का हमला भी कम होता है। समय-समय पर छिड़काव करने से फसल स्वस्थ रहती है। गाँव में लोग कहते हैं, “कीटों को भगाओ, फसल को हँसाओ।” ये देसी उपाय टमाटर को चमकदार और मजबूत रखता है।
4-5 लाख की कमाई
टमाटर की खेती में स्टेकिंग तकनीक से 1 एकड़ में 4 से 5 लाख रुपये तक की कमाई का रास्ता खुलता है। अगर बाजार में अच्छा रेट मिले – जैसे 20-30 रुपये प्रति किलो – तो ये मुनाफा आसानी से हासिल हो सकता है। सही समय पर कटाई और सही मंडी में बिक्री से फायदा दोगुना होता है। रोज 10 क्विंटल की हार्वेस्टिंग मेहनत को रंग लाती है। ये आधुनिक खेती का ऐसा तरीका है, जो छोटे किसानों को भी बड़ी सफलता दे सकता है।
फायदे ही फायदे
स्टेकिंग तकनीक से टमाटर की गुणवत्ता बढ़ती है, और बाजार में ज्यादा कीमत मिलती है। पौधों को हवा-धूप मिलने से फल का आकार बड़ा और स्वाद लाजवाब होता है। जैविक खाद से लागत कम होती है, और फसल टूटने का डर खत्म हो जाता है। कम जगह में ज्यादा उत्पादन मिलता है। ये तरीका मुनाफे की खेती को आसान बनाता है, और दूसरे किसानों को भी प्रेरित करता है।
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