Suar Palan Kaise Karen : किसान साथियों, आज के समय में खेती के साथ अगर कोई साइड बिजनेस हो जाए जिससे कमाई भी हो और मेहनत भी ज़्यादा न लगे, तो सूअर पालन एक बढ़िया विकल्प बन सकता है। गांव के किसान भाई अगर इसे समझदारी से करें तो बहुत अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। पहले जहां सूअर पालन को कम आंका जाता था, आज वही काम कई राज्यों में रोजगार और कमाई का मजबूत जरिया बन चुका है। खास बात ये है कि इसमें शुरुआती खर्च बहुत ज्यादा नहीं है और जानवर तेजी से बढ़ता है।
सूअर पालन के लिए जगह और जरूरी सुविधाएं
सूअर पालन शुरू करने के लिए किसी बहुत बड़ी जमीन की जरूरत नहीं होती। अगर आपके पास घर के पास थोड़ी खाली जगह है तो वहीं से इसकी शुरुआत की जा सकती है। इसके लिए एक मजबूत और पक्का शेड बनाना जरूरी है ताकि सूअरों को गर्मी, बरसात और ठंड से बचाया जा सके। शेड में पानी की निकासी और सफाई का पूरा इंतजाम होना चाहिए, क्योंकि सूअर की सेहत साफ-सफाई पर बहुत निर्भर करती है। ज्यादा जानवर हों तो अलग-अलग खांचे में रखना फायदेमंद होता है ताकि आप उनके खाने-पीने और देखभाल को ठीक तरह से संभाल सकें।
कौन-सी नस्ल अपनाएं जिससे फायदा ज़्यादा हो
भारत में सूअर की कई नस्लें पाई जाती हैं लेकिन अगर आप इस काम को मुनाफे के हिसाब से करना चाहते हैं तो विदेशी या उन्नत नस्लों का चुनाव करें। लार्ज व्हाइट यॉर्कशायर, लैंडरेस और हैम्पशायर नस्लें जल्दी बढ़ती हैं और इनसे मांस उत्पादन भी ज़्यादा होता है। देसी और विदेशी नस्ल का क्रॉस करके भी अच्छी नस्ल तैयार की जा सकती है जो बीमारियों से कम ग्रसित होती है और वजन जल्दी बढ़ाती है। एक मादा सूअर साल में दो बार बच्चों को जन्म देती है और हर बार 8 से 12 बच्चे हो सकते हैं। इससे तेजी से आपकी यूनिट बढ़ सकती है।
सूअर के खान-पान का ध्यान कैसे रखें
सूअर लगभग हर तरह का खाना खा लेता है। फिर भी अगर आप चाहते हैं कि इसका वजन जल्दी बढ़े और सेहत अच्छी रहे, तो इसे पौष्टिक आहार देना जरूरी है। इसमें आप मक्के का आटा, गेहूं की भूसी, रसोई का बचा हुआ खाना, सब्जियों के छिलके, तेल की खल्ली और चावल की कुंडी दे सकते हैं। इसके अलावा खमीर और थोड़ा नमक मिलाकर देने से यह खाना जल्दी पचता है और वजन तेजी से बढ़ता है। हमेशा ताजा पानी भी उपलब्ध होना चाहिए, क्योंकि सूअर दिन में कई बार पानी पीते हैं।
बीमारी से बचाव और देखभाल के उपाय
सूअर आमतौर पर मजबूत जानवर होता है लेकिन फिर भी कुछ बीमारियां इसे जल्दी पकड़ सकती हैं। खासकर बारिश के मौसम में इनकी सेहत का ध्यान रखना जरूरी होता है। समय-समय पर टीकाकरण करवाना और मादा सूअरों को गर्भावस्था के दौरान सही देखभाल देना बहुत जरूरी है। शेड की सफाई, हर पंद्रह दिन में चूना या फिनाइल का छिड़काव और सूअर के शरीर की नियमित जांच से आप बीमारियों से बचे रह सकते हैं। अगर सूअर सुस्त हो जाए, खाना छोड़ दे या शरीर पर दाने निकल आएं तो तुरंत किसी पशु चिकित्सक से सलाह लें।
लागत और मुनाफा, जानिए पूरा गणित
अगर आप 10 सूअर के बच्चों से शुरुआत करते हैं तो एक बच्चा ₹3000 से ₹5000 तक में मिल जाएगा। कुल मिलाकर ₹40,000 से ₹50,000 की लागत आएगी। 6 महीने के भीतर एक सूअर का वजन 90 से 100 किलो तक हो सकता है। बाजार में पोर्क यानी सूअर का मांस ₹100 से ₹150 किलो तक बिकता है। ऐसे में एक सूअर से ₹9000 से ₹12,000 तक की कमाई हो सकती है। अगर आपके पास खुद का शेड और थोड़ा-बहुत खाना भी घर से निकलता हो तो मुनाफा और भी ज्यादा होता है। आप अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या पशुपालन विभाग से संपर्क करके सरकारी योजना और लोन की जानकारी ले सकते हैं।
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