Sugarcane Best Variety: हमारे किसान भाइयों, अगर आपके पास खाली खेत पड़ा है और उसे कमाई का जरिया बनाना चाहते हैं, तो अप्रैल का महीना आपके लिए सुनहरा मौका लेकर आया है। गन्ने की बुवाई इस वक्त शुरू करें, और मेहनत का फल अच्छा मुनाफा लेकर आएगा। बिहार के सहरसा में अगवानपुर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. पंकज कुमार राय जी बताते हैं कि गन्ना एक नगदी फसल है, जिससे किसान भाई मालामाल हो सकते हैं। आज हम आपको गन्ने की उन शानदार किस्मों के बारे में बताएँगे, जो अप्रैल में बोने के लिए बेस्ट हैं। इनसे न सिर्फ पैदावार बढ़ेगी, बल्कि जेब भी भरेगी। तो आइए, जानते हैं पूरी बात।
अप्रैल के लिए गन्ने की टॉप वैरायटी
डॉ. पंकज कुमार राय जी के मुताबिक, गन्ने की कई उन्नत किस्में हैं, जो अप्रैल की बुवाई के लिए एकदम सही हैं। इनमें Cop 9301, BO 130, BO 120, BO 153, और Cop 112 शामिल हैं। ये किस्में उत्तर भारत और मध्य भारत में खूब उगाई जाती हैं। इनकी खासियत ये है कि ये ज्यादा चीनी देती हैं और रोगों से लड़ने की ताकत रखती हैं।
गर्मी और सूखे में भी ये डटी रहती हैं। पानी कम हो, तब भी ये अच्छी पैदावार देती हैं, जो सहरसा जैसे इलाकों के लिए बड़ी बात है। Cop 9301 में चीनी की मात्रा ज्यादा होती है, BO 130 और BO 120 सूखा झेल लेते हैं, BO 153 की पैदावार शानदार है, और Cop 112 रोगों से बचाव में माहिर है। इनसे बाजार में अच्छा दाम मिलता है, और किसानों की कमाई बढ़ती है।
खेत तैयार करें, मेहनत रंग लाएगी
गन्ने की बुवाई से पहले खेत को तैयार करना जरूरी है। सबसे पहले खेत की अच्छे से जुताई करें। ट्रैक्टर से दो-तीन बार हल चलाएँ, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए। फिर पाटा लगाएँ, जिससे खेत समतल हो और नमी बनी रहे। डॉ. पंकज जी कहते हैं कि मिट्टी की जाँच करवाना न भूलें। इससे पता चलेगा कि आपके खेत के लिए कौन सी वैरायटी बेस्ट है। अप्रैल या मई में इनमें से कोई भी किस्म बो सकते हैं। खेत में गन्ने के सेट्स 90-120 सेंटीमीटर की दूरी पर कतारों में लगाएँ। हर सेट में 2-3 आँखें हों, ताकि अंकुरण अच्छा हो। थोड़ी सी मेहनत से खेत तैयार करें, और फसल लहलहाने लगेगी।
जैविक खाद से बढ़ाएँ पैदावार
खाद की बात करें, तो जैविक तरीका सबसे बढ़िया है। डॉ. पंकज जी बताते हैं कि खेत में 10 से 15 टन सड़ी हुई गोबर की खाद डालें। इसे बुवाई से 25 दिन पहले छिड़क दें, ताकि मिट्टी में मिल जाए। इसके साथ 150 किलोग्राम यूरिया और 60 किलोग्राम पोटाश भी डालें। यूरिया को तीन बार में बाँटकर दें – बुवाई के वक्त, 30 दिन बाद, और 60 दिन बाद। अगर जैविक खाद का इस्तेमाल करें, तो फसल की ताकत और मुनाफा दोनों बढ़ेगा। गोबर की खाद मिट्टी को तंदुरुस्त बनाती है, और गन्ना ज्यादा मीठा और मजबूत होता है। बिहार में गन्ना नकदी फसल है, तो इसे सही खाद देकर कमाई को दोगुना करें।
मुनाफे का रास्ता
गन्ने की इन किस्मों से न सिर्फ पैदावार अच्छी होगी, बल्कि चीनी मिलों में अच्छा दाम भी मिलेगा। सहरसा का मौसम और मिट्टी गन्ने के लिए मुफीद है। अप्रैल में बुवाई करें, तो अगले साल तक फसल तैयार हो जाएगी। इन किस्मों की खास बात ये है कि ये कम पानी में भी चल जाती हैं, और रोगों से कम परेशान होती हैं। सरकार भी गन्ना किसानों को बढ़ावा दे रही है। अपने नजदीकी कृषि केंद्र से सलाह लें, और इन वैरायटी को आजमाएँ। थोड़ी मेहनत और सही तरीके से खेती करें, तो खाली खेत सोने की खान बन जाएगा।
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