Supari ki kheti : सुपारी का पेड़, जिसे बीटल नट या ताम्बूल भी कहते हैं, भारत में पूजा-पाठ, पान और दवा के लिए खूब इस्तेमाल होता है। ये पेड़ नारियल की तरह दिखता है और गर्म-नम जगहों में अच्छे से बढ़ता है। केरल, कर्नाटक, असम और महाराष्ट्र जैसे इलाकों में इसकी खेती मशहूर है। सुपारी की कीमत 300-500 रुपये किलो तक जाती है, तो सही देखभाल से ये अच्छी कमाई दे सकती है। आइए जानते हैं कि अपने खेत में सुपारी की खेती कैसे करें।
सुपारी के पेड़ को समझें
सुपारी का पेड़ 30-50 फीट तक बढ़ता है और इसकी पत्तियाँ लंबी-हरी होती हैं। ये 5-7 साल में फल देना शुरू करता है और 50-60 साल तक चलता है। सुपारी के फल हरे होते हैं, जो पकने पर पीले-नारंगी हो जाते हैं। हर पेड़ से सालाना 10-15 किलो सुपारी मिल सकती है। ये नमी और छाया पसंद करता है, इसलिए इसे नारियल या केले के पेड़ों के साथ लगाना बढ़िया रहता है। गाँव में इसे खेत के किनारे या मुख्य फसल के बीच में उगा सकते हैं।
खेत को तैयार करें
सुपारी की खेती के लिए ऐसी जगह चुनें जहाँ धूप और छाया दोनों मिलें। दोमट या लाल मिट्टी इसके लिए सबसे अच्छी है, जिसका pH 5.5 से 7 हो। खेत को जोत लें और 5-10 किलो गोबर की खाद प्रति गड्ढा डालें। गड्ढे 2 फीट गहरे और 2 फीट चौड़े खोदें, पेड़ों के बीच 8-10 फीट की दूरी रखें। पानी जमा न हो, इसके लिए जल निकासी का इंतजाम करें। बारिश से पहले (मई-जून) खेत तैयार करें, ताकि पौधे को नमी मिले। ऊँचे इलाकों में छतरीनुमा खेत बनाएँ।
बीज या पेड़ कैसे प्राप्त करें
सुपारी के बीज या पेड़ आसानी से मिल सकते हैं। गाँव की नजदीकी नर्सरी में जाकर पूछें, वहाँ ताजे बीज या 1-2 साल के पौधे मिल जाते हैं। अगर नर्सरी न हो, तो सरकारी बागवानी केंद्र या कृषि विभाग से संपर्क करें, जहाँ सस्ते में अच्छे पौधे मिलते हैं। ऑनलाइन भी ऑर्डर कर सकते हैं—नर्सरी लाइव, इंडिया मार्ट या उगाओ.कॉम पर सुपारी के बीज 50-100 रुपये और पौधे 150-300 रुपये में उपलब्ध हैं। बीज लेने के लिए ताजे सुपारी फल से निकालें, या किसी किसान से माँग लें। बीज और पौधे ताजा और स्वस्थ हों, ताकि खेती अच्छी चले।
पौधा कैसे लगाएं
सुपारी को बीज से उगाया जाता है। ताजे सुपारी के फल लें, छिलका हटाएँ और बीज को 24-48 घंटे पानी में भिगो दें। फिर नर्सरी में 2-3 इंच गहरा बोएं और 6-8 महीने तक बढ़ने दें। जब पौधा 1-2 फीट का हो जाए, तो खेत में रोपें। गड्ढे में पौधा लगाएँ, जड़ों को मिट्टी से ढकें और हल्का पानी दें। बारिश का मौसम (जून-जुलाई) रोपाई के लिए बढ़िया है। पहले साल पौधे को सहारा दें। नर्सरी से तैयार पौधा भी ले सकते हैं।
पानी और देखभाल का तरीका
सुपारी को नम मिट्टी चाहिए। पहले 2-3 साल हफ्ते में 2-3 बार पानी दें। बड़ा होने पर बारिश काफी होती है, मगर सूखे में ड्रिप इरिगेशन करें। हर 3-4 महीने में गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट डालें। नीम की खली भी अच्छी है। खरपतवार को हाथ से निकालें। कीट (जैसे पत्ती खाने वाले कीड़े) से बचाने के लिए नीम का तेल छिड़कें। पेड़ को 10-15 फीट पर काट-छाँट करें, ताकि फल तोड़ना आसान हो।
कटाई कब और कैसे करें
सुपारी का पेड़ 5-7 साल में फल देना शुरू करता है। फल हरे और सख्त हों, तो कैंची या डंडे से तोड़ लें। पकने पर ये पीले हो जाते हैं। कटाई साल में 2-3 बार (अक्टूबर-दिसंबर और मार्च-मई) होती है। फलों को छीलकर सुखाएँ और बेचें। एक पेड़ से 10-15 किलो सुपारी मिलती है। प्रति हेक्टेयर 200-300 पेड़ लगाकर 2-3 टन सुपारी मिल सकती है। बाज़ार में अच्छा दाम मिले, तो मुनाफा बढ़िया होगा।
फायदे और सावधानियाँ
सुपारी की खेती से खेत की जगह का पूरा इस्तेमाल होता है। ये पान, मुँह की दवा और निर्यात के लिए बिकती है। एक हेक्टेयर से 5-7 लाख रुपये सालाना कमाई हो सकती है। मगर ज्यादा पानी से जड़ें सड़ सकती हैं, और कीटों पर नजर रखें। छोटे पौधों को जानवरों से बचाएँ। सुपारी उगाना गाँव में इसलिए बढ़िया है, क्यूंकि ये गर्म-नम मौसम में फलता-फूलता है और कम मेहनत में लंबी कमाई देता है। इसे दूसरी फसलों के साथ लगाकर दोगुना फायदा लें। तो अपने खेत में सुपारी लगाएँ और मुनाफा कमाएँ।
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