सूखे के लिए बेस्ट हैं ये धान की 3 उन्नत किस्में, कम पानी में भी मिलेगा बम्पर उत्पादन

धान की खेती में अच्छी पैदावार और मिट्टी की सेहत को बनाए रखने के लिए हाइब्रिड धान की किस्में किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प हैं। ये किस्में रासायनिक उर्वरकों, जैसे यूरिया, पर कम निर्भर करती हैं और रोगों से लड़ने की ताकत रखती हैं, जिससे फसल स्वस्थ रहती है। हाइब्रिड धान की किस्में महीन धान की तुलना में थोड़ा मोटा दाना देती हैं और पकने में कुछ ज्यादा समय लेती हैं, लेकिन इनकी पैदावार इतनी शानदार होती है

कि लागत कम होने के साथ मुनाफा बढ़ जाता है। जैविक खेती की ओर बढ़ते कदमों में ये किस्में मिट्टी की उर्वरता को बचाने में भी मदद करती हैं। इस लेख में तीन शानदार हाइब्रिड धान की किस्मों पायनियर सीड्स की PHB-71, बायर क्रॉप साइंस की अराइज 6444 गोल्ड, और कावेरी सीड्स की कावेरी 468 के बारे में बताया गया है।

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पायनियर सीड्स की PHB-71

पायनियर सीड्स की PHB-71 हाइब्रिड धान की एक ऐसी किस्म है, जो कम पानी और कम उर्वरक में भी शानदार पैदावार देती है। ये किस्म 130 से 135 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 60 से 80 क्विंटल तक उत्पादन दे सकती है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, और हरियाणा के किसान इसकी खेती खूब करते हैं। इसके पौधे 80 से 82 सेमी ऊंचे होते हैं, जिनमें लंबी बालियां और मजबूत, चमकदार दाने होते हैं।

ये किस्म सूखे वाले इलाकों के लिए खास तौर पर उपयुक्त है, क्योंकि इसे कम सिंचाई की जरूरत पड़ती है। PHB-71 के चावल का स्वाद लाजवाब होता है, जो बाजार में अच्छा दाम दिलाता है। रोगों से लड़ने की इसकी क्षमता रासायनिक कीटनाशकों की जरूरत को कम करती है, जिससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलता है और मिट्टी की सेहत बनी रहती है।

बायर क्रॉप साइंस की अराइज 6444 गोल्ड

बायर क्रॉप साइंस की अराइज 6444 गोल्ड एक रोग प्रतिरोधी हाइब्रिड धान की किस्म है, जो बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट (BLB) जैसे रोगों से फसल को बचाती है। भारत के कई राज्यों में किसानों के बीच ये किस्म बहुत लोकप्रिय है। ये 135 से 140 दिनों में पककर तैयार होती है और प्रति एकड़ 30 से 35 क्विंटल तक पैदावार देती है। इसके पौधे 75 से 80 सेमी ऊंचे होते हैं और प्रत्येक पौधे में 12 से 15 मजबूत कल्ले निकलते हैं।

ये किस्म सूखे और विपरीत परिस्थितियों को आसानी से झेल लेती है, जिससे कम पानी वाले क्षेत्रों में भी फसल सुरक्षित रहती है। अराइज 6444 गोल्ड बेमौसम बारिश से भी कम प्रभावित होती है, जिससे पैदावार पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। कम रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों की जरूरत इसे लागत में किफायती और जैविक खेती के लिए आदर्श बनाती है।

कावेरी सीड्स की कावेरी 468

कावेरी सीड्स की कावेरी 468 एक ऐसी हाइब्रिड धान की किस्म है, जो कम समय में पककर तैयार हो जाती है। ये 115 से 120 दिनों में फसल देती है, जो उन किसानों के लिए बेहतरीन है जो जल्दी पैदावार चाहते हैं। इसके पौधे 105 से 110 सेमी ऊंचे होते हैं, और प्रत्येक पौधे में 15 से 16 कल्ले निकलते हैं। इसकी लंबी बालियों में 250 से 300 दाने होते हैं, जो प्रति एकड़ 30 से 32 क्विंटल तक पैदावार देते हैं।

कावेरी 468 बेमौसम बारिश से कम प्रभावित होती है, जिससे फसल का नुकसान कम होता है। इसके चावल का स्वाद शानदार होता है, जो बाजार में अच्छा दाम दिलाता है। ये किस्म कम रासायनिक उर्वरक में भी अच्छा प्रदर्शन करती है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और जैविक खेती को बढ़ावा मिलता है।

हाइब्रिड धान की खेती के फायदे

हाइब्रिड धान की इन किस्मों का सबसे बड़ा फायदा उनकी रोग प्रतिरोधी क्षमता और कम उर्वरक की जरूरत है। PHB-71, अराइज 6444 गोल्ड, और कावेरी 468 जैसी किस्में यूरिया और अन्य रासायनिक खादों पर कम निर्भर करती हैं, जिससे खेती की लागत घटती है। ये किस्में सूखे और बेमौसम बारिश जैसी विपरीत परिस्थितियों में भी अच्छा प्रदर्शन करती हैं, जिससे फसल का नुकसान कम होता है। इनकी बंपर पैदावार 30 से 35 क्विंटल प्रति एकड़ तक किसानों को अच्छा मुनाफा देती है। साथ ही, इनके चावल की स्वादिष्टता बाजार में अच्छा दाम दिलाती है। जैविक खेती की ओर बढ़ते किसानों के लिए ये किस्में मिट्टी की सेहत को बनाए रखने में भी मदद करती हैं।

खेती के लिए जरूरी सलाह

हाइब्रिड धान की खेती में अच्छे नतीजे पाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। बुआई से पहले मिट्टी की जांच कराएं और जैविक खाद, जैसे वर्मीकम्पोस्ट या गोबर खाद, का इस्तेमाल करें। PHB-71, अराइज 6444 गोल्ड, और कावेरी 468 के बीज भरोसेमंद कंपनियों या कृषि केंद्रों से खरीदें। बुआई के समय पंक्तियों के बीच सही दूरी रखें, ताकि पौधों को पर्याप्त धूप और हवा मिले।

पानी का प्रबंधन सही करें, क्योंकि ये किस्में कम पानी में भी अच्छा प्रदर्शन करती हैं। खरपतवार और कीटों से बचाव के लिए जैविक उपाय, जैसे नीम की खली या बायोफर्टिलाइज़र, का इस्तेमाल करें। नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करके इन किस्मों की बुआई और देखभाल की सही जानकारी ली जा सकती है।

जैविक खेती की ओर कदम

हाइब्रिड धान की किस्में, जैसे PHB-71, अराइज 6444 गोल्ड, और कावेरी 468, न सिर्फ बंपर पैदावार देती हैं, बल्कि रासायनिक उर्वरकों की जरूरत को भी कम करती हैं। ये किस्में जैविक खेती को बढ़ावा देने और मिट्टी की उर्वरता को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद करती हैं। कम लागत, रोग प्रतिरोधकता, और विपरीत परिस्थितियों में टिकने की क्षमता इन्हें छोटे और बड़े किसानों के लिए आदर्श बनाती हैं। इन किस्मों को अपनाकर किसान न सिर्फ अपने मुनाफे को बढ़ा सकते हैं, बल्कि खेत की मिट्टी को भी स्वस्थ रख सकते हैं। कृषि विभाग या नजदीकी बीज केंद्र से इन किस्मों के बारे में और जानकारी लेकर खेती को और फायदेमंद बनाया जा सकता है।

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  • Shashikant

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