Best Kharif Crops: खरीफ सीजन में ये टॉप-10 फसलें बना सकती हैं किसान को लखपति, जानें पूरी लिस्ट

Best Kharif Crops : मानसून की बारिश के साथ ही खरीफ फसलों की खेती का काम शुरू हो जाता है। ये मौसम जून से अक्तूबर तक चलता है और किसान भाइयों के लिए कमाई का बड़ा मौका लेकर आता है। अगर सही फसल का चयन किया जाए और बाजार की मांग को ध्यान में रखा जाए, तो मुनाफा कई गुना बढ़ सकता है। कृषि विज्ञान केंद्र नोएडा के प्रभारी डॉ. विपिन बताते हैं कि खरीफ सीजन में सही फसल चुनना किसानों के लिए किसी खजाने से कम नहीं। आइए जानते हैं उन 10 फसलों के बारे में, जिनकी खेती से आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

खेत को तैयार करने का देसी ढंग

खरीफ फसलों के लिए खेत को पहले से सँवार लीजिए। 1-2 बार गहरी जुताई करिए, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए और जड़ें मजबूत बनें। 30-40 टन गोबर की सड़ी खाद या जैविक खाद डाल दीजिए, ये मिट्टी को ताकत देगा। बारिश का पानी खेत में जमा न हो, इसके लिए नालियाँ बनाइए ताकि जल निकासी सही रहे। बीज बोने से पहले उसे नीम तेल या फफूंदनाशक से ट्रीट कर लीजिए, इससे फसल बीमारियों से बचेगी। गर्मी खत्म होते ही ये तैयारी शुरू कर दीजिए, ताकि जून में बुवाई हो सके।

धान: खरीफ की सबसे बड़ी फसल
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धान की खेती

हमारे देश में धान खरीफ सीजन की सबसे बड़ी फसल है। गाँवों से लेकर शहरों तक और विदेशों में भी चावल की मांग बनी रहती है। खासकर बासमती चावल का तो बाजार में अलग ही जलवा है। अगर अच्छे हाइब्रिड बीज, जैसे बासमती की उन्नत किस्में, बोए जाएँ और खेत की सही देखभाल हो, तो एक एकड़ में 20 से 25 क्विंटल तक पैदावार मिल सकती है। सही बीज और मेहनत से एक एकड़ में 50,000 से 80,000 रुपये तक कमाई हो सकती है। बुआई से पहले खेत में पानी और नमी का ध्यान रखें। बीज को उपचारित करें, ताकि रोग न लगें। बाजार में बासमती की मांग हमेशा रहती है, तो सही समय पर बिक्री करें, जिससे दाम अच्छा मिले।

मक्का: कम पानी में बंपर फसल
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मक्का की खेती

मक्का उन किसानों के लिए वरदान है, जिनके खेतों में पानी कम होता है। ये फसल सूखे इलाकों में भी अच्छा कमाल दिखाती है। पशु चारे से लेकर स्टार्च, खाद्य पदार्थ और बायोफ्यूल तक, मक्के की मांग हर तरफ बढ़ रही है। अगर खेत को अच्छे से तैयार करें और उन्नत बीज बोएँ, तो एक एकड़ में 30,000 से 60,000 रुपये तक कमाई हो सकती है। बुआई के समय बीज को ज्यादा गहरा न बोएं, ताकि पौधे जल्दी उगें। खेत में नमी बनाए रखें और समय पर खाद डालें। अगर फसल में कीट दिखें, तो नजदीकी कृषि केंद्र से सलाह लें। मक्के की खेती आसान है और मुनाफा पक्का।

बाजरा: कम पानी का मसीहा
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बाजरा की खेती

बाजरा सूखे इलाकों का साथी है। खरीफ में कम बारिश हो, तो भी ये लहलहाता है। इसे बोने के लिए खेत में गोबर खाद डालिए और हल्की जुताई करिए। ज्यादा पानी की जरूरत नहीं, बारिश ही काफी है। एक एकड़ से 10-15 क्विंटल तक पैदावार हो सकती है। इसका दाम 20-25 रुपये किलो तक मिलता है। गाँव में रोटी और चारे के लिए ये बढ़िया है।

ज्वार: पोषण से भरा अनाज
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ज्वार की खेती

ज्वार भी खरीफ की मजबूत फसल है। ये सूखा सहन कर लेता है और पोषण से भरपूर होता है। खेत में 20-30 किलो नाइट्रोजन डालिए। बारिश के साथ थोड़ी नमी रखिए। एक एकड़ से 12-15 क्विंटल ज्वार मिल सकता है। ये पशुओं के चारे और इंसानों के खाने में काम आता है। बाजार में इसका दाम ठीक रहता है, तो कमाई का भरोसा है।

सोयाबीन: तेल और प्रोटीन का खजाना
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सोयाबीन की खेती

सोयाबीन की खेती खरीफ सीजन में मुनाफे का बड़ा रास्ता खोलती है। खाद्य तेल, पशु चारा और सोया पनीर जैसे उत्पादों की मांग इसे खास बनाती है। दोमट मिट्टी में ये फसल खूब पनपती है। अगर मौसम साथ दे और अच्छे बीज बोए जाएँ, तो एक एकड़ में 40,000 से 70,000 रुपये तक कमाई हो सकती है। बुआई से पहले खेत की गहरी जुताई करें और बीज को उपचारित करें, ताकि फंगस या रोग न लगें। पौधों को समय पर खाद और पानी दें। सोयाबीन की फसल तैयार होने पर बाजार के रेट देखकर बिक्री करें, ताकि ज्यादा मुनाफा मिले।

मूंगफली: तिलहन का मुनाफा
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मूंगफली की खेती

मूंगफली खरीफ की तिलहनी फसल है। इसके लिए खेत में गोबर खाद और 20 किलो पोटाश डालिए। बारिश का पानी इसके लिए काफी है। एक एकड़ से 8-10 क्विंटल मूंगफली मिल सकती है। बाजार में 50-60 रुपये किलो तक बिकती है। इसका तेल और दाना दोनों कमाई का रास्ता खोलते हैं। गाँव में ये बढ़िया मुनाफा देती है।

गन्ना: साल भर की नकदी
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गन्ना की खेती

गन्ना खरीफ में बोया जाता है और साल भर कमाई देता है। इसके लिए खेत में पानी का अच्छा इंतजाम रखिए। 60 किलो नाइट्रोजन और 30 किलो फास्फोरस डालिए। एक एकड़ से 30-40 टन गन्ना हो सकता है। चीनी मिलों में इसका दाम 300-350 रुपये क्विंटल तक मिलता है। ये नकदी फसल आपकी जेब को भारी कर सकती है।

कपास: रुई का धंधा
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कपास की खेती

कपास टेक्सटाइल का बड़ा आधार है। खरीफ में इसे बोने के लिए 50 किलो नाइट्रोजन डालिए। बारिश के साथ हल्की सिंचाई करिए। एक एकड़ से 8-10 क्विंटल कपास मिल सकता है। इसका दाम 60-70 रुपये किलो तक जाता है। रुई और बीज दोनों बिकते हैं, तो डबल फायदा है।

मिर्च: मसाले से मोटा मुनाफा

मिर्च की खेती मसालों में सबसे ज्यादा कमाई वाली फसल है। गाँव की रसोई से लेकर विदेशों तक, सूखी मिर्च की मांग कभी कम नहीं होती। अगर उन्नत किस्म के बीज बोए जाएँ और फसल की अच्छी देखभाल हो, तो एक एकड़ में 60,000 से 1,20,000 रुपये तक कमाई हो सकती है। अगर आपके पास मिर्च सुखाने की सुविधा है, तो मुनाफा और बढ़ सकता है। बुआई के समय खेत में नमी रखें और बीज को उथला बोएं। फसल में कीट या रोग दिखें, तो तुरंत कृषि विशेषज्ञों से सलाह लें। मिर्च की फसल को सही समय पर काटें और सुखाएँ, ताकि बाजार में अच्छा दाम मिले।

भिंडी: हरी सब्जी, तुरंत कमाई

भिंडी की खेती उन किसानों के लिए फायदेमंद है, जो कम समय में मुनाफा चाहते हैं। ये फसल 45 से 50 दिन में तैयार हो जाती है और शहरों में इसकी मांग खूब रहती है। मंडी या खुदरा बिक्री से एक एकड़ में 1,00,000 रुपये तक कमाई हो सकती है। भिंडी की खेती के लिए दोमट मिट्टी और अच्छी नमी चाहिए। बुआई से पहले बीज को उपचारित करें और पौधों की नियमित देखभाल करें। अगर पौधों में पीला रंग या कीट दिखें, तो नजदीकी कृषि केंद्र से संपर्क करें। भिंडी की तुड़ाई सही समय पर करें, ताकि सब्जी ताजी रहे और बाजार में अच्छा दाम मिले।

उर्वरक का सही इंतजाम

फसलों को पोषण देने के लिए खाद का सही इस्तेमाल जरूरी है। धान और मक्का के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश संतुलित मात्रा में डालिए। 1 एकड़ में 50-60 किलो नाइट्रोजन, 30 किलो फास्फोरस और 20 किलो पोटाश ठीक रहता है। सोयाबीन, मूंग या अरहर जैसी दलहनी फसलों के लिए सल्फर और जिंक डालिए, ये उनकी सेहत बढ़ाता है। जैविक खेती पसंद है, तो नीम खली, जीवामृत या वर्मी कम्पोस्ट छिड़किए। ये सस्ता है और मिट्टी को सालों तक हरा-भरा रखता है।

फसल चयन और देखभाल के देसी नुस्खे

खरीफ सीजन में मुनाफा कमाने के लिए सही फसल चुनना और उसकी देखभाल करना सबसे जरूरी है। डॉ. विपिन सलाह देते हैं कि बुआई से पहले खेत की मिट्टी जाँच लें और उसी हिसाब से बीज चुनें। मानसून की बारिश का इंतजार करें, ताकि खेत में नमी बनी रहे। बुआई के बाद पौधों को समय पर खाद और पानी दें। फसल में रोग या कीट दिखें, तो देर न करें और तुरंत कृषि केंद्र से सलाह लें। अपने गाँव के उन किसान भाइयों से बात करें, जो पहले से अच्छी खेती कर रहे हैं। उनकी मेहनत और अनुभव आपके लिए रास्ता दिखा सकते हैं। सही फसल और मेहनत से खरीफ सीजन आपकी जेब भर सकता है।

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  • Shashikant

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