Vegetables Cultivation: भारत में कृषि और सब्जी की खेती ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। सही समय पर सही फसल की खेती से किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। वर्तमान मौसम में वैज्ञानिकों ने किसानों को कुछ महत्वपूर्ण सलाह दी है, ताकि वे अधिक पैदावार और मुनाफा कमा सकें।
प्याज की खेती
वैज्ञानिकों के अनुसार, यह समय प्याज की खेती के लिए बेहतरीन है। प्याज की रोपाई के लिए पौध छ: सप्ताह से ज्यादा की नहीं होनी चाहिए। छोटी क्यारियों में रोपाई करें और पौधों की गहराई को संतुलित रखें।
आवश्यक उर्वरक:
- 20-25 टन सड़ी गोबर की खाद
- 20 किग्रा नाइट्रोजन
- 60-70 किग्रा फॉस्फोरस
- 80-100 किग्रा पोटाश
कतारों की दूरी:
- कतार से कतार: 15 सेमी
- पौधे से पौधे: 10 सेमी
गाजर का बीज बनाने का सही समय
यदि आप गाजर का बीज उत्पादन करना चाहते हैं, तो यह मौसम सबसे उपयुक्त है। जिन किसानों ने उन्नत किस्मों के बीज का प्रयोग किया है और उनकी फसल 90-105 दिन की हो गई है, वे अब बीज उत्पादन प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
प्रक्रिया:
- लंबी गाजरों का चयन करें।
- पत्तों को 4 इंच की ऊंचाई पर काटें।
- गाजर का ऊपरी 4 इंच हिस्सा छोड़कर शेष भाग काटें।
- इन गाजरों को 45 सेमी की दूरी पर कतारों में 6 इंच के अंतराल पर लगाएं।
कद्दूवर्गीय सब्जियों की अगेती खेती
कद्दू, तोरी, खीरा जैसी कद्दूवर्गीय सब्जियों की अगेती फसल के लिए बीजों को छोटी पॉलिथीन के थैलियों में डालकर पॉलीहाउस में रखें। यह प्रक्रिया फसल को शुरुआती विकास में लाभ पहुंचाएगी।
गोभी वर्गीय सब्जियों की खेती
गोभी, फूलगोभी और गांठगोभी की रोपाई के लिए यह मौसम अनुकूल है। इनकी खेती मेड़ों पर करना बेहतर होता है।
ध्यान देने योग्य बातें:
- पत्तों की बढ़वार के लिए प्रति एकड़ 20 किग्रा यूरिया का छिड़काव करें।
- कीट नियंत्रण:
- हीरा पीठ इल्ली, मटर में फली छेदक, और टमाटर में फल छेदक के लिए फीरोमोन ट्रैप का उपयोग करें।
पालक, धनिया और मेथी की बुवाई
इस मौसम में पालक, धनिया और मेथी की खेती बेहद लाभकारी हो सकती है। इनकी पत्तियों की बढ़वार के लिए भी 20 किग्रा यूरिया प्रति एकड़ छिड़काव करें।
गेंदे की फसल में रोग नियंत्रण
गेंदे की खेती में पुष्प सड़न रोग पर विशेष ध्यान दें। यदि लक्षण दिखाई दें तो बाविस्टिन या इंडोफिल-एम 45 का छिड़काव करें। छिड़काव के लिए दिन का साफ मौसम चुनें।
सब्जी की फसल में उर्वरक प्रबंधन
फसल की गुणवत्ता और पैदावार बढ़ाने के लिए संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें। वैज्ञानिकों के अनुसार, मिट्टी की जांच के आधार पर ही उर्वरक की मात्रा तय करें।
वैज्ञानिकों की एडवाइजरी
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा के वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए नई एडवाइजरी जारी की है। इसमें मौजूदा मौसम में होने वाली फसलों की वेरायटी और खेती के सही तरीके बताए गए हैं।
कीट और रोग नियंत्रण
सब्जियों की फसलों में रोग और कीटों से बचाव के लिए जैविक और रासायनिक नियंत्रण का संयोजन करें।
- फीरोमोन ट्रैप: कीटों की निगरानी और नियंत्रण के लिए।
- फसल चक्र: एक ही प्रकार की फसल बार-बार लगाने से बचें।
मौसम और बाजार के अनुसार योजना
किसानों को अपनी फसल की योजना मौसम और बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए बनानी चाहिए। जैसे कि सर्दियों में पालक, मेथी और धनिया की मांग अधिक होती है।
सब्जियों की खेती में सही समय और सही तकनीक का पालन करने से किसान अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए सुझावों को अपनाकर न केवल पैदावार बढ़ाई जा सकती है, बल्कि गुणवत्तापूर्ण फसल भी प्राप्त की जा सकती है। नए तरीकों और उन्नत किस्मों का उपयोग हर किसान के लिए फायदेमंद साबित होगा।
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