Tomato Care Tips: बरसात का मौसम खेतों में हरियाली लाता है, लेकिन टमाटर की खेती करने वालों के लिए यह थोड़ा मुश्किल भी हो सकता है। नमी, कीट, और फफूंदी जैसी समस्याएँ टमाटर के पौधों को परेशान करती हैं। कई बार मेहनत के बाद भी पौधों में फल कम आते हैं या जल्दी खराब हो जाते हैं। अगर सही तरीके अपनाए जाएँ, तो बरसात में भी टमाटर के पौधे फलों से लद सकते हैं। सही देखभाल और कुछ आसान उपायों से पैदावार को दोगुना किया जा सकता है। आइए जानें कि बरसात में टमाटर की खेती को कैसे बेहतर बनाया जाए।
पौधों की कटाई-छँटाई का ध्यान रखें
बरसात में टमाटर के पौधे बहुत तेजी से बढ़ते हैं, लेकिन बढ़ी हुई टहनियाँ फल कम देती हैं। पौधे की साइड की टहनियों को समय-समय पर काटते रहें। इससे पौधे का सारा पोषण फूलों और फलों की ओर जाता है। कटाई-छँटाई के लिए सुबह का समय चुनें, जब मौसम सूखा हो। इससे पौधा स्वस्थ रहता है और फल अधिक लगते हैं। कटाई के बाद कटी हुई टहनियों को खेत या गमले से हटा दें, ताकि फफूंदी की समस्या न हो।
मिट्टी को दें पोषण
टमाटर की अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी को पोषक तत्वों से भरपूर रखना ज़रूरी है। बरसात में मिट्टी जल्दी सड़ सकती है, इसलिए गोबर की खाद, नीम की खली, और राख को मिलाकर खेत या गमले में डालें। ये मिश्रण मिट्टी को उपजाऊ बनाता है और पौधों की जड़ों को मज़बूती देता है। नीम की खली फफूंदी और कीटों से भी बचाती है। मिट्टी की जाँच कराएँ, ताकि पोषक तत्वों की कमी का पता चल सके। अगर मिट्टी में पानी जमा हो, तो नाली बनाकर निकासी का इंतज़ाम करें। इससे जड़ें सड़ने से बचती हैं।
ये भी पढ़ें- लोबिया की बेस्ट किस्म जो बरसात में दे रही है बंपर उपज, जानिए बीज कहां से खरीदें
फूलों को झड़ने से बचाएँ
बरसात में टमाटर के पौधों में फूल झड़ने की समस्या आम है। इससे फल कम लगते हैं। इस परेशानी को दूर करने के लिए 1 लीटर पानी में 2 चम्मच दही मिलाकर पौधों पर छिड़काव करें। दही में मौजूद बैक्टीरिया पौधों की बढ़वार को बढ़ाते हैं और फूलों को झड़ने से रोकते हैं। छिड़काव सुबह या शाम को करें, जब बारिश न हो रही हो। इस आसान उपाय से फूल मज़बूत रहते हैं और फल अधिक बनते हैं। इसके अलावा, नीम तेल का हल्का छिड़काव भी कीटों से बचाने में मदद करता है।
पानी और धूप का सही प्रबंधन
बरसात में टमाटर के पौधों को ज़्यादा पानी से बचाना ज़रूरी है। अगर गमले में खेती कर रहे हैं, तो गमले में छेद हों, ताकि पानी निकल जाए। खेत में टमाटर की क्यारी को हल्का ऊँचा बनाएँ, ताकि बारिश का पानी जमा न हो। बरसात में धूप कम मिलती है, इसलिए पौधों को सुबह की हल्की धूप ज़रूर मिले। धूप से पौधों को क्लोरोफिल बनाने में मदद मिलती है, जिससे फल अधिक और स्वस्थ आते हैं। अगर पौधे छायादार जगह पर हैं, तो उन्हें धूप वाली जगह पर रखें।
ये भी पढ़ें- सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली बरसाती खीरे की किस्में, एक एकड़ से कमाइए 3 लाख रुपये
सही किस्म का चयन करें
टमाटर की ऐसी किस्में चुनें जो बरसात के मौसम में अच्छी पैदावार दें। चाइनीज़ चेरी, रोमा, और देशी गोल टमाटर जैसी किस्में बरसात में कम खराब होती हैं और अधिक फल देती हैं। जैविक खाद, जैसे वर्मी-कम्पोस्ट और गोबर की खाद, का इस्तेमाल करें। ये खाद पौधों को मज़बूत करती हैं और फलों का स्वाद बढ़ाती हैं। सही किस्म और जैविक खेती के तरीकों से बरसात में भी टमाटर की फसल शानदार हो सकती है।
कीटों और फफूंदी से बचाव
बरसात में कीट और फफूंदी टमाटर के पौधों को नुकसान पहुँचा सकते हैं। नीम तेल को पानी में मिलाकर हल्का छिड़काव करें। यह कीटों को भगाता है और फफूंदी को रोकता है। इसके अलावा, पौधों के बीच पर्याप्त दूरी रखें, ताकि हवा का प्रवाह बना रहे। इससे फफूंदी की समस्या कम होती है। अगर पत्तियों पर कोई धब्बे दिखें, तो तुरंत प्रभावित हिस्सों को हटाकर नष्ट करें।
ये भी पढ़ें- जुलाई में बोएं सोयाबीन की ये बेस्ट किस्म, 30 क्विंटल तक दे रही पैदावार, होगी बंपर कमाई