अब ट्रैक्टर खरीदना होगा सस्ता! सरकार घटा सकती है GST, किसानों को मिलेगा सीधा फायदा

किसान भाइयों के लिए खुशखबरी! सरकार ट्रैक्टर और खेती के उपकरणों पर GST (वस्तु एवं सेवा कर) को कम करने की तैयारी में है। अभी ट्रैक्टरों पर 12% GST लगता है, लेकिन इसे घटाकर 5% करने पर विचार चल रहा है। यह बदलाव न सिर्फ किसानों के लिए खेती को सस्ता करेगा, बल्कि Mahindra & Mahindra और Force Motors जैसी कंपनियों को भी बड़ा फायदा देगा। आइए, जानते हैं कि यह योजना क्या है और इससे किसानों को कैसे लाभ होगा।

GST कटौती की योजना

वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) पिछले कुछ समय से GST को आसान और सस्ता बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। जून 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें ट्रैक्टर और अन्य जरूरी वस्तुओं पर GST घटाने का प्रस्ताव था। अब सरकार इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। अगला कदम राज्यों से सलाह-मशविरा है, जिसके बाद GST काउंसिल अंतिम फैसला लेगी। यह कवायद 2025-26 के बजट और आर्थिक एजेंडे का हिस्सा है, जिसका मकसद कर व्यवस्था को सरल करना और किसानों को राहत देना है।

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किसानों को कैसे मिलेगा फायदा

अभी ट्रैक्टर और खेती के उपकरण, जैसे सीडर, रोटावेटर, और ड्रिल, पर 12% GST लगता है। अगर इसे 5% कर दिया जाता है, तो ट्रैक्टर की कीमत 5-7 लाख रुपये होने पर किसानों को 35,000-49,000 रुपये की बचत होगी। यह छोटे और सीमांत किसानों के लिए बड़ी राहत होगी, जो 86% से ज्यादा हैं और जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम जमीन है। सस्ते उपकरणों से खेती में मशीनीकरण बढ़ेगा, जिससे मेहनत कम होगी और पैदावार ज्यादा। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी रोटावेटर, सुपर-सीडर जैसे 10 उपकरणों पर GST हटाने की माँग की है, जो किसानों के लिए और फायदेमंद होगा।

कंपनियों को क्या लाभ होगा

ट्रैक्टर बनाने वाली कंपनियों, जैसे Mahindra & Mahindra और Force Motors, को इस कटौती से बड़ा फायदा होगा। अभी ट्रैक्टर के पार्ट्स और मटेरियल पर 18% इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) मिलता है, लेकिन अगर ट्रैक्टर पर GST 5% हो जाता है, तो कंपनियों को ITC का पूरा फायदा नहीं मिलेगा। इससे उनकी लागत कम होगी, और वे सस्ते दाम पर ट्रैक्टर बेच सकेंगी। इससे बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और किसानों को सस्ते दाम पर बेहतर उपकरण मिलेंगे।

सरकार सिर्फ ट्रैक्टर तक सीमित नहीं है। रोजमर्रा की जरूरी चीजें, जो अभी 12% GST स्लैब में हैं, उन्हें भी 5% स्लैब में लाने पर विचार हो रहा है। इससे आम लोगों पर टैक्स का बोझ कम होगा। सरकार का मकसद ऐसी वस्तुओं को सस्ता करना है, जो खेती और रोजमर्रा की जिंदगी में जरूरी हैं। यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और खेती को और लाभकारी बनाएगा।

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पहले भी हुई थी GST में कटौती

पहले ट्रैक्टर के पार्ट्स पर 28% GST था, जिसे 2017 में घटाकर 18% किया गया। इससे छोटे और मझोले किसानों को बड़ी राहत मिली थी। अब 12% से 5% GST की संभावना और बड़ा कदम है। ट्रैक्टर निर्माता संगठन (TMA) ने इस कटौती की तारीफ की है और कहा है कि इससे खेती की लागत कम होगी।

किसान भाइयों, GST काउंसिल की अगली बैठक पर नजर रखें, क्योंकि इसका फैसला राज्यों की सहमति के बाद होगा। अपने नजदीकी कृषि विभाग या ट्रैक्टर डीलर से संपर्क करें और नई सब्सिडी योजनाओं की जानकारी लें। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) और कृषि मशीनीकरण उप-मिशन (SMAM) जैसी योजनाएँ पहले से ही 50% तक सब्सिडी देती हैं। GST कम होने पर सस्ते ट्रैक्टर और उपकरण खरीदने का यह सही मौका है।

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  • Shashikant

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