Sugarcane Price: यूपी के गन्ना किसानों को बड़ा तोहफा, सरकार ने गन्ने के दाम 30 रुपये बढ़ाए, अब मिलेगा ₹400 प्रति क्विंटल

Sugarcane Price: उत्तर प्रदेश के गन्ना खेतों में अभी फसल लहलहा रही है, और किसान भाइयों के लिए एक अच्छी खबर आ गई है। राज्य सरकार ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ने की कीमतों में तगड़ी बढ़ोतरी की घोषणा कर दी है। अब अग्रणी किस्मों का गन्ना 400 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा, जबकि सामान्य किस्मों का भाव 390 रुपये प्रति क्विंटल तय हो गया है। यह 30 रुपये की सीधी बढ़ोतरी है, जो किसानों की जेब में करीब 3,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त पैसा डाल देगी। गर्मियों की तपिश में पसीना बहाकर उगाई गई फसल का अब बेहतर दाम मिलेगा, इससे खेती का जोश और बढ़ेगा।

पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ते दाम

गन्ना एवं चीनी उद्योग विभाग के अफसर बताते हैं कि यह कदम किसानों की कमाई को दोगुना करने और चीनी उद्योग को पंख लगाने के लिए उठाया गया है। देखिए, 2017-18 से लेकर आज तक सरकार ने गन्ने के दामों को बार-बार ऊपर चढ़ाया है। पहले साल 10 रुपये की बढ़ोतरी हुई, फिर 2021-22 में 25 रुपये, 2023-24 में 20 रुपये जोड़े गए, और अब 2025-26 के लिए 30 रुपये की छलांग। इन बदलावों से न सिर्फ किसान खुश हैं, बल्कि खेतों में गन्ने की पैदावार भी बढ़ रही है।

पुराने समय की तुलना में दोगुना पैसा

विभाग की रिपोर्ट्स देखें तो वर्तमान सरकार ने गन्ना किसानों को जो पैसा दिया है, वो इतिहास रच रहा है। 2007 से 2017 तक के दस सालों में कुल 1 लाख 47 हजार करोड़ रुपये ही किसानों के खाते में आए थे। लेकिन 2017 से अब तक, यानी आठ सालों में ही 2 लाख 90 हजार करोड़ रुपये पहुंचा दिए गए। मतलब, पुराने दौर से 1 लाख 42 हजार करोड़ ज्यादा। यह आंकड़े बताते हैं कि अब किसान को पर्ची कटते ही पैसा मिल जाता है, पहले महीनों इंतजार करना पड़ता था।

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12 हजार करोड़ का निवेश आया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में चीनी उद्योग ने रफ्तार पकड़ ली है। राज्य में अब तक 12 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है, जो नई फैक्टरियां खड़ी करने और पुरानी को चमकाने में लगे हैं। चार नई चीनी मिलें शुरू हुईं, छह जो बंद पड़ी थीं उन्हें फिर से चला दिया गया। ऊपर से 42 मिलों की क्षमता बढ़ाई गई, जो आठ नई मिलों जितनी है।

देश में नंबर वन बना यूपी

गन्ने से सिर्फ चीनी ही नहीं, इथेनॉल भी बन रहा है, और यहां यूपी ने सबको पीछे छोड़ दिया। 2017 में जहां 61 आसवनियां थीं, अब संख्या 97 तक पहुंच गई। उत्पादन की बात करें तो पहले सालाना 41 लाख लीटर था, जो अब 182 करोड़ लीटर हो गया। यह बढ़ोतरी गन्ना किसानों के लिए वरदान है, क्योंकि इथेनॉल से अतिरिक्त कमाई हो रही है। पर्यावरण के लिहाज से भी अच्छा है, पेट्रोल में मिलाकर प्रदूषण कम होता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि आने वाले दिनों में यह और तेजी से बढ़ेगा, जिससे किसानों को नई बाजार मिलेगी।

गन्ने के खेत क्षेत्रफल में 50 फीसदी की उछाल

खेती का रंग बदल रहा है। 2016-17 में जहां 20 लाख हेक्टेयर जमीन पर गन्ना उगता था, अब यह 29 लाख 51 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया। यानी आधे से ज्यादा बढ़ोतरी। इसके पीछे पारदर्शिता का हाथ है। “स्मार्ट गन्ना किसान प्रणाली” और ऑनलाइन पर्ची व्यवस्था ने सब आसान कर दिया। केंद्र सरकार ने भी इसे मॉडल बताया है, दूसरे राज्यों को सलाह दी है कि यूपी की नकल करें। अब किसान ऐप पर ही सब देख लेते हैं, कोई भ्रम नहीं रहता।

सरकार के इन कदमों से यूपी गन्ना उत्पादन, इथेनॉल बनाने और मिल चलाने में देश का बेताज बादशाह बन गया। नई दरों से न सिर्फ किसान की जेब भरेगी, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। लेकिन याद रखें, अच्छी किस्म के बीज चुनें, समय पर खाद दें ताकि पैदावार और बढ़े। विभाग की वेबसाइट पर जाकर नई दरों का पूरा ब्योरा देख लें।

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  • Shashikant

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