यूपी सरकार का नया रिकॉर्ड! किसानों से खरीदे 10.27 लाख मीट्रिक टन गेहूं, मोबाइल खरीद केंद्र बने वरदान

UP Wheat Procurement: उत्तर प्रदेश के किसान भाइयों के लिए गर्व की बात है! रबी विपणन वर्ष 2025-26 में योगी सरकार ने गेहूं खरीद का नया रिकॉर्ड कायम किया है। इस सीजन में 10.27 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं की खरीद हुई, जो पिछले साल के 9.31 लाख मीट्रिक टन के आँकड़े को पीछे छोड़ गया। दो लाख से ज्यादा किसानों ने अपनी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बेची, और सरकार ने उनके खातों में 2508.26 करोड़ रुपये का भुगतान किया। मोबाइल खरीद केंद्रों और पारदर्शी व्यवस्था ने इस कामयाबी में अहम भूमिका निभाई।

रिकॉर्ड तोड़ गेहूं खरीद

इस साल 17 मार्च से शुरू हुई गेहूं खरीद 15 जून तक चली। प्रदेश में 5,853 खरीद केंद्रों के जरिए दो लाख से ज्यादा किसानों ने अपनी फसल सरकार को बेची। पिछले साल की तुलना में इस बार 10.27 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई, जो 9.31 लाख मीट्रिक टन से कहीं ज्यादा है। योगी सरकार की कोशिशों का नतीजा है कि गाँव-गाँव तक खरीद केंद्रों की पहुँच बढ़ी। खाद्य व रसद विभाग के मुताबिक, इस साल 4.46 लाख से ज्यादा किसानों ने रबी सीजन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया, जिससे खरीद प्रक्रिया और पारदर्शी हुई। ये आँकड़े दिखाते हैं कि यूपी किसानों के लिए कितना बड़ा बाजार बन रहा है।

किसानों को 2508 करोड़ का भुगतान

किसानों की मेहनत का सही दाम मिले, इसके लिए सरकार ने तेजी से भुगतान की व्यवस्था की। खरीदे गए गेहूं के बदले 2508.26 करोड़ रुपये सीधे किसानों के आधार-लिंक्ड बैंक खातों में 48 घंटे के अंदर ट्रांसफर किए गए। ये भुगतान सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के जरिए हुआ, जिसने पारदर्शिता और गति दोनों सुनिश्चित की। केंद्र सरकार ने इस साल गेहूं का एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया, जो पिछले साल के 2275 रुपये से 150 रुपये ज्यादा है। इस बढ़ोतरी से किसानों की जेब में ज्यादा पैसे आए, और उनकी मेहनत का मोल मिला।

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मोबाइल खरीद केंद्र बने वरदान

योगी सरकार ने गेहूं खरीद को आसान बनाने के लिए कई नए कदम उठाए। सबसे खास रही मोबाइल खरीद केंद्रों की शुरुआत, जो गाँव-गाँव तक पहुँचे। इन केंद्रों ने दूर-दराज के किसानों को अपनी फसल बेचने का मौका दिया, बिना मंडी तक लंबा सफर तय किए। खरीद केंद्र सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खुले रहे, यहाँ तक कि छुट्टियों के दिन भी। खाद्य व रसद विभाग के अधिकारियों ने गाँवों में जाकर किसानों से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याएँ सुनीं। इन कोशिशों ने खरीद प्रक्रिया को न सिर्फ तेज किया, बल्कि किसानों का भरोसा भी जीता।

किसानों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता

उत्तर प्रदेश सरकार का ये रिकॉर्ड दिखाता है कि वो किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। मोबाइल केंद्र, बढ़ा हुआ एमएसपी, और तेज भुगतान जैसी पहलें किसानों की आय बढ़ाने में मदद कर रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए थे कि हर किसान को उसकी फसल का सही दाम मिले, और कोई परेशानी न हो। सरकार ने ये भी सुनिश्चित किया कि खरीद प्रक्रिया में बायोमेट्रिक सत्यापन और ई-पॉइंट ऑफ परचेज मशीनों का इस्तेमाल हो, ताकि फर्जीवाड़ा न हो। यूपी की इस कामयाबी ने पूरे देश में मिसाल कायम की है।

किसान भाइयों, ये रिकॉर्ड आपकी मेहनत और सरकार की कोशिशों का नतीजा है। अगर आपने इस साल गेहूं बेचा या अगले सीजन की तैयारी कर रहे हैं, तो फूड एंड सिविल सप्लाई विभाग की वेबसाइट (fcs.up.gov.in) या ‘यूपी किसान मित्र’ ऐप पर रजिस्ट्रेशन करें। अपनी फसल को साफ और सूखा रखें, ताकि खरीद में कोई दिक्कत न हो।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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