यूपी की 18.55 लाख महिलाएँ बनीं ‘लखपति दीदी’, स्टार्टअप से बदली किस्मत – जानें कैसे मिला मौका

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM) के तहत स्वयं सहायता समूहों (SHG) से जुड़ी महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ी सफलता मिली है। गत वर्ष में 75 लाख SHG सदस्यों में से 18.55 लाख से अधिक महिलाएँ ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं, जिनकी वार्षिक आय 1 लाख रुपये से अधिक हो गई है। यह केंद्र सरकार की लखपति दीदी योजना का हिस्सा है, जो 15 अगस्त 2023 को शुरू हुई थी। योजना के तहत महिलाओं को ब्याज मुक्त लोन (1-5 लाख रुपये) और प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार के अवसर दिए जाते हैं।

मिशन निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि 34,269 से अधिक कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन (CRP) को प्रशिक्षण देकर प्रत्येक लखपति महिला के लिए आजीविका रजिस्टर बनाया गया है। आइए जानते हैं कि योजना कैसे काम कर रही है, स्टार्टअप के माध्यम से महिलाओं की जिंदगी कैसे बदली, और लाभ कैसे लें।

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का मिशन

लखपति दीदी योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के जरिए सालाना 1 लाख रुपये की आय सुनिश्चित करना है। केंद्र सरकार का लक्ष्य 2027 तक 3 करोड़ महिलाओं को लखपति बनाना है, जिसमें उत्तर प्रदेश का लक्ष्य 28.92 लाख है। योजना में SHG से जुड़ी महिलाओं को बिना ब्याज का लोन मिलता है, जिसकी राशि पात्रता पर निर्भर करती है।

उत्तर प्रदेश में UPSRLM के तहत रेशम, कृषि, उद्यान, बाल विकास, पंचायती राज, राजस्व, MSME, पशुपालन, मनरेगा, सहकारिता, डेयरी, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, मत्स्य, पर्यटन, भूमि संरक्षण, परिवहन, पावर, कौशल विकास और खादी ग्रामोद्योग जैसे विभागों से जुड़कर महिलाएँ स्वरोजगार शुरू कर रही हैं। मिशन ने 90.87 लाख SHG सदस्यों को जोड़ा है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है।

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दूध कारोबार-बेकरी से लाखों की कमाई

योजना के तहत महिलाएँ छोटे स्टार्टअप शुरू कर रही हैं, जो उनकी जिंदगी बदल रहे हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र (झांसी, ललितपुर आदि) में 13,000 से अधिक महिलाएँ दूध कारोबार से लखपति बनीं। एक महिला ने SHG से 2 लाख का लोन लेकर डेयरी यूनिट शुरू की, जहाँ 10 भैंसें रखकर रोज 100 लीटर दूध बेचा जाता है। इससे सालाना 1.5 लाख की कमाई हो रही है। बेकरी स्टार्टअप में लखनऊ की एक महिला ने 1.5 लाख का लोन लेकर बेकरी खोली, जहाँ कुकीज-केक बेचकर 1.2 लाख सालाना कमा रही हैं।

सिलाई यूनिट में कानपुर की दीदी ने 3 लाख से मशीनें खरीदीं, और अब 20 महिलाओं को रोजगार देकर खुद 1.5 लाख कमा रही हैं। मुर्गी पालन में गोरखपुर की महिलाओं ने 2 लाख से 500 मुर्गियाँ शुरू कीं, जो 1.8 लाख की आय दे रही हैं। ये उदाहरण दर्शाते हैं कि योजना से महिलाएँ न केवल आत्मनिर्भर बनीं, बल्कि परिवार और समुदाय को भी मजबूत कर रही हैं।

पात्रता और लाभ

योजना का लाभ ग्रामीण SHG से जुड़ी महिलाओं को मिलता है। पात्रता में उत्तर प्रदेश की मूल निवासी होना, 18 वर्ष से अधिक उम्र, और SHG सदस्य होना जरूरी है। लोन 1-5 लाख रुपये ब्याज मुक्त है, जो स्वरोजगार (दूध, बेकरी, सिलाई, मुर्गी पालन) पर लगाया जा सकता है। इसके अलावा, प्रशिक्षण, बाजार लिंकेज और आजीविका रजिस्टर की सुविधा मिलती है। 2026-27 तक 28.92 लाख महिलाओं का लक्ष्य है। योजना से महिलाओं की आय दोगुनी हो रही है, और ग्रामीण रोजगार बढ़ रहा है।

आवेदन प्रक्रिया

आवेदन सरल है। पहले नजदीकी SHG केंद्र या UPSRLM कार्यालय से जुड़ें। फिर बिजनेस प्लान (जैसे दूध यूनिट) बनाकर दस्तावेज (आधार, बैंक पासबुक, SHG प्रमाण) जमा करें। ऑनलाइन upsrln.gov.in पर फॉर्म भरें। चयन के बाद लोन DBT से मिलेगा। ऑफलाइन SHG दफ्तर में जाकर भी आवेदन करें। प्रक्रिया 15-30 दिनों में पूरी होती है। हेल्पलाइन 1800-1800-125 पर कॉल करें।

28 लाख लक्ष्य

योजना से उत्तर प्रदेश में महिलाओं का सशक्तिकरण तेज हो रहा है। दूध-बेकरी जैसे स्टार्टअप से लाखों परिवारों की जिंदगी बदली है। सरकार का लक्ष्य 2026-27 तक 28 लाख लखपति दीदी बनाना है। अगर आप SHG से जुड़ी हैं, तो जल्द आवेदन करें यह आपकी आय का नया द्वार खोलेगी।

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  • Shashikant

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