तारबंदी के लिए यूपी सरकार दे रही 80% सब्सिडी, जानें कैसे करें रजिस्ट्रेशन

UP Tarbandi Yojana 2025: उत्तर प्रदेश के किसान भाइयों के लिए फसल की सुरक्षा अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गई है। योगी सरकार की तारबंदी योजना ने खेतों को अन्ना मवेशियों से बचाने का एक मजबूत रास्ता खोल दिया है। ये योजना न सिर्फ किसानों की मेहनत और पैसे को सुरक्षित रखेगी, बल्कि उनकी फसलों को भी नुकसान से बचाएगी। अक्सर देखा जाता है कि आवारा पशु खेतों में घुसकर फसलों को तहस-नहस कर देते हैं।

ऐसे में किसान भाई कई तरह के जुगाड़ अपनाते हैं, लेकिन अब तारबंदी योजना के जरिए कम खर्च में मजबूत तारबंदी करवाकर अपनी फसल को पूरी तरह सुरक्षित किया जा सकता है। आइए, इस योजना की पूरी जानकारी आसान भाषा में समझते हैं, ताकि हमारे किसान भाई इसका फायदा उठा सकें।

तारबंदी योजना क्या है?

तारबंदी योजना का मकसद है किसानों के खेतों को आवारा पशुओं से बचाना। इस योजना के तहत खेत के चारों ओर मजबूत तारबंदी की जाती है, जिससे गाय, भैंस, नीलगाय या अन्य पशु खेत में घुसकर फसल को नुकसान न पहुँचाएँ। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना को खास तौर पर उन किसानों के लिए बनाया है, जो फसल बर्बादी की वजह से परेशान हैं। इस योजना की खास बात ये है कि इसमें सोलर प्लेट से चलने वाले तार लगाए जाते हैं, जिनमें 12 वोल्ट का हल्का करंट रहता है।

ये करंट पशुओं को सिर्फ डराने के लिए है, जिससे वो खेत में घुसने की कोशिश ही न करें। अच्छी बात ये है कि ये करंट न तो पशुओं को नुकसान पहुँचाता है और न ही इंसानों को। ये योजना न सिर्फ फसल की सुरक्षा करती है, बल्कि किसानों को मानसिक सुकून भी देती है।

सरकार दे रही है 80 फीसदी सब्सिडी

इस योजना की सबसे बड़ी खूबी है इसका कम खर्च। तारबंदी का कुल खर्च सरकार और किसान मिलकर उठाते हैं। सरकार 80 फीसदी खर्च यानी अनुदान देती है, जबकि बाकी 20 फीसदी हिस्सा किसान को देना होता है। यानी, अगर तारबंदी का कुल खर्च 1 लाख रुपये है, तो किसान को सिर्फ 20,000 रुपये देने होंगे और बाकी 80,000 रुपये सरकार देगी। ये सब्सिडी उन किसानों के लिए बड़ी राहत है, जो पैसे की तंगी की वजह से अपने खेतों की तारबंदी नहीं कर पाते। इस योजना से छोटे और सीमांत किसानों को भी बड़ा फायदा होगा, क्योंकि उनकी फसलें सुरक्षित रहेंगी और मेहनत बेकार नहीं जाएगी।

योजना का लाभ कैसे मिलेगा?

तारबंदी योजना का फायदा लेने के लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी। ये योजना खास तौर पर समूह में लागू की जाती है। मतलब, कम से कम 5 किसानों का समूह होना चाहिए या फिर 10 हेक्टेयर का एक क्लस्टर बनाना होगा। अगर कोई किसान अकेले आवेदन करना चाहता है, तो उसे भी समूह में शामिल होना होगा, ताकि न्यूनतम क्षेत्रफल या किसानों की संख्या पूरी हो सके। ऐसा इसलिए, क्योंकि सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा किसान एकजुट होकर इस योजना का लाभ लें।

समूह में काम करने से न सिर्फ खर्च कम होता है, बल्कि किसानों में आपसी सहयोग भी बढ़ता है। अगर आपके गाँव में चेकडैम, तालाब या नहर है, तो वहाँ से पानी लेकर खेती करने वाले किसानों के लिए ये योजना और भी फायदेमंद है।

तारबंदी योजना के फायदे

इस योजना से किसानों को कई तरह के फायदे मिलते हैं। सबसे बड़ा फायदा तो ये है कि खेतों में आवारा पशुओं का आना बंद हो जाएगा। इससे फसलें पूरी तरह सुरक्षित रहेंगी और पैदावार बढ़ेगी। दूसरा, किसानों को बार-बार पशुओं को भगाने की मेहनत नहीं करनी पड़ेगी, जिससे उनका समय और श्रम बचेगा। तीसरा, समूह में काम करने से किसानों में एकजुटता बढ़ेगी और सामूहिक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा।

चौथा, फसल की बर्बादी रुकेगी, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। और सबसे जरूरी, ये योजना पर्यावरण के लिए भी अच्छी है, क्योंकि सोलर से चलने वाला तार बिजली की खपत नहीं करता। कुल मिलाकर, ये योजना किसानों के लिए हर तरह से फायदेमंद है।

आवेदन कैसे करें?

तारबंदी योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करना बहुत आसान है। आपको अपने नजदीकी जनसुविधा केंद्र या कृषि विभाग के कार्यालय में जाना होगा। वहाँ जाकर आप पंजीकरण करवा सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी रखा गया है, ताकि हर किसान आसानी से इसका फायदा उठा सके। कुछ जगहों पर ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी है।

इसके लिए आपको उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वहाँ ‘यूपी तारबंदी योजना’ का विकल्प चुनकर फॉर्म भरना होगा। फॉर्म में अपनी जमीन, आधार कार्ड, बैंक खाता और समूह की जानकारी देनी होगी। आवेदन के बाद 20 फीसदी अंशदान जमा करना होगा। ये योजना ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर चलती है, इसलिए जल्दी आवेदन करना जरूरी है।

किसानों के लिए जरूरी सलाह

तारबंदी योजना का फायदा लेने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें। सबसे पहले, अपने गाँव के अन्य किसानों से बात करके 5 लोगों का समूह बनाएँ। दूसरा, अपनी जमीन के कागजात और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज तैयार रखें। तीसरा, नजदीकी कृषि कार्यालय से योजना की पूरी जानकारी लें, ताकि कोई गलती न हो। और सबसे जरूरी, जल्दी आवेदन करें, क्योंकि इस योजना में सीमित लक्ष्य हैं। अगर आप चूक गए, तो अगले मौके का इंतजार करना पड़ सकता है। ये योजना न सिर्फ आपके खेतों को सुरक्षित करेगी, बल्कि आपकी मेहनत को भी सही दिशा देगी।

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  • Shashikant

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