UP Tarbandi Yojana 2025: उत्तर प्रदेश सरकार ने बागवानी फसलों को छुट्टा पशुओं और जंगली जानवरों से बचाने के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत तारबंदी योजना 2025 की घोषणा की है। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि इस योजना में 50% अनुदान मिलेगा, जिससे फल, सब्जी, मसाले, फूल और औषधीय फसलों की रक्षा हो सकेगी। वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रदेशभर में 2.5 लाख मीटर तारबंदी का लक्ष्य रखा गया है। अगर आप बागवानी कर रहे हैं और पशुओं से फसल बर्बाद हो रही है, तो ये योजना आपके लिए वरदान साबित होगी। जल्दी आवेदन करें, क्योंकि लाभ ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर मिलेगा!
तारबंदी योजना क्या है (UP Tarbandi Yojana 2025)?
उत्तर प्रदेश तारबंदी योजना 2025 का मुख्य उद्देश्य किसानों के खेतों को आवारा पशुओं से सुरक्षित बनाना है। योजना के तहत खेत की चारों ओर मजबूत तारबंदी लगाई जाती है, जिसमें सोलर पैनल से चलने वाले तार होते हैं। इन तारों में मात्र 12 वोल्ट का हल्का करंट होता है, जो पशुओं को डराने के लिए पर्याप्त है लेकिन किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता। न तो पशु घायल होते हैं और न ही इंसान। ये सिस्टम पूरी तरह पर्यावरण-अनुकूल है, क्योंकि इसमें बिजली की जरूरत नहीं पड़ती। योजना बागवानी किसानों को विशेष रूप से फायदा पहुंचाएगी, जहां जंगली सूअर, नीलगाय या सांभर जैसी समस्या आम है।
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फेंसिंग से फसलों की सुरक्षा और आर्थिक फायदा
इस योजना से आपकी फसलें पूरी तरह सुरक्षित रहेंगी। तारबंदी की कुल लागत 300 रुपये प्रति रनिंग मीटर है, जिसमें से सरकार 50% यानी 150 रुपये प्रति मीटर का अनुदान देगी। अधिकतम 1000 मीटर तक की फेंसिंग के लिए सब्सिडी मिल सकती है, जिसका मतलब एक छोटे खेत के लिए 1.5 लाख रुपये तक की मदद। इससे फसल बर्बादी रुकेगी, पैदावार बढ़ेगी और बाजार में बेहतर दाम मिलेंगे। उदाहरण के लिए, कोडरमा के किसान रामेश्वर यादव ने कहा कि इससे रात को चैन की नींद आती है, क्योंकि फसलों की चिंता खत्म हो जाती है। प्रदेश में लाखों किसान इस योजना से जुड़कर अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं
कैसे मिलेगा अनुदान का लाभ
सभी बागवानी करने वाले उत्तर प्रदेश के किसान इस योजना के पात्र हैं, खासकर वे जो फल, सब्जी, मसाले, फूल या औषधीय फसलों की खेती करते हैं और पशुओं से परेशान हैं। कोई आय सीमा या अन्य प्रतिबंध नहीं है। अनुदान ऑनलाइन पोर्टल www.dbt.uphorticulture.in पर रजिस्ट्रेशन के बाद मिलेगा। लाभ पहले आवेदन करने वालों को मिलेगा, इसलिए देरी न करें। जिले के उद्यान अधिकारी कार्यालय से संपर्क करें – वे पूरी प्रक्रिया में मदद करेंगे।
आवेदन कैसे करें: स्टेप बाय स्टेप प्रक्रिया
- आधिकारिक पोर्टल www.dbt.uphorticulture.in पर जाएं।
- ‘नई रजिस्ट्रेशन’ पर क्लिक करें और मोबाइल नंबर व ईमेल से सत्यापन करें।
- आधार कार्ड, खाता विवरण और खेत का नक्शा अपलोड करें।
- फेंसिंग की लंबाई (अधिकतम 1000 मीटर) दर्ज करें।
- आवेदन सबमिट करें, फिर जिला उद्यान अधिकारी से सत्यापन करवाएं। आवेदन स्वीकृत होने पर सब्सिडी सीधे बैंक खाते में आएगी। प्रक्रिया सरल है, लेकिन दस्तावेज पूरे रखें।
जरूरी दस्तावेज: ये साथ रखें तो काम आसान आवेदन के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक, खेत का रिकॉर्ड (खसरा-खतौनी), फोटो और मोबाइल नंबर अनिवार्य हैं। अगर सामूहिक आवेदन कर रहे हैं तो ग्रुप का प्रमाण पत्र भी लगेगा। दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करें।
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तारबंदी योजना के फायदे
तारबंदी योजना से न सिर्फ फसलें सुरक्षित होंगी, बल्कि समय और श्रम की भी बचत होगी। पशुओं को भगाने की मेहनत खत्म, सामूहिक खेती को बढ़ावा और किसानों में एकजुटता बढ़ेगी। सबसे बड़ी बात, ये सोलर तार पर्यावरण के लिए हानिरहित हैं, कोई बिजली बिल नहीं। फसल सुरक्षा से आय में वृद्धि होगी, मानसिक तनाव कम होगा और बागवानी क्षेत्र में नई ऊर्जा आएगी। विशेषज्ञों के अनुसार, योजना से प्रति एकड़ 20-30% तक अतिरिक्त पैदावार संभव है।
किसानों के लिए बड़ी राहत
यह योजना उन बागवानी किसानों के लिए खास तौर पर फायदेमंद है, जो फल, सब्जी, मसाले या औषधीय पौधों की खेती करते हैं। छुट्टा पशुओं की वजह से होने वाला नुकसान अब अतीत की बात हो सकता है। सरकार का यह प्रयास न सिर्फ फसलों को सुरक्षित रखेगा, बल्कि किसानों को आर्थिक रूप से भी मजबूती देगा। इस योजना से बागवानी को बढ़ावा मिलेगा और किसानों का आत्मविश्वास बढ़ेगा।
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