कम जगह में 10 गुना उपज! जानिए ऊर्ध्व कृषि कैसे बदल रही है खेती का भविष्य

Vertical Farming in India: किसान भाइयों, भूमि की कमी, पानी की किल्लत और मौसम की मार ये आज हर किसान की परेशानी है। लेकिन अब एक नया तरीका है, जो इन सबको हल कर सकता है: ऊर्ध्व कृषि (Vertical Farming)। ये पारंपरिक खेती से अलग है, जहां फसलें ऊर्ध्व दिशा में, बहु-स्तरीय रैक पर उगाई जाती हैं। एक छोटे से कमरे या पॉलीहाउस में साल भर हरी सब्जियां, जड़ी-बूटियां या मसाले उगा सकते हैं।

भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने इसे बढ़ावा देने के लिए कृषि अवसंरचना कोष (AIF) के तहत विशेष प्रावधान किया है। 3% ब्याज छूट पर ₹2 करोड़ तक का ऋण मिलेगा, जो 7 वर्ष तक चलेगा। 2025 में जब पारंपरिक फसलें मौसम पर निर्भर हैं, ऊर्ध्व कृषि आत्मनिर्भरता का नया द्वार खोल रही है। आइए, इसकी पूरी जानकारी समझें।

ऊर्ध्व कृषि क्या है और ये कैसे काम करती है

ऊर्ध्व कृषि आधुनिक तकनीक पर आधारित है, जहां फसलें बिना मिट्टी के, LED लाइट्स, हाइड्रोपोनिक्स या एरोपोनिक्स सिस्टम से उगाई जाती हैं। कल्पना कीजिए एक 1000 वर्ग फुट के कमरे में 10 मंजिलों पर लेट्यूस, पालक, टमाटर या धनिया उगाना। ये सिस्टम पानी का 90% बचाता है, कीटनाशक का इस्तेमाल न के बराबर करता है और उपज 10-20 गुना बढ़ा देता है। भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में, जहां कृषि भूमि घट रही है, ये शहरों के आसपास या ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे स्तर पर शुरू की जा सकती है। AIF योजना के तहत ये प्रोजेक्ट्स जैसे पॉलीहाउस, ग्रीनहाउस, हाइड्रोपोनिक फार्मिंग पूरी तरह कवर होते हैं। 

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AIF के तहत लाभ, 3% ब्याज छूट और ₹2 करोड़ ऋण

कृषि अवसंरचना कोष (AIF) केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जो कुल ₹1 लाख करोड़ के फंड से चल रही है। ऊर्ध्व कृषि के लिए विशेष प्रोत्साहन:

  • 3% ब्याज सब्वेंशन: ऋण पर 3% ब्याज सरकार देगी, यानी किसान को सिर्फ 6-7% ब्याज चुकाना पड़ेगा।
  • ₹2 करोड़ तक ऋण: प्रति प्रोजेक्ट, 7 वर्ष की अवधि (मोरेटोरियम सहित)।
  • क्रेडिट गारंटी: CGTMSE के तहत 85% गारंटी, जो जोखिम कम करती है। ये लाभ व्यक्तिगत किसानों, FPO (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन), SHG, PACS और एग्री-स्टार्टअप्स को मिलेंगे। अन्य योजनाओं जैसे NHM, MIDH के साथ जोड़ सकते हैं। उदाहरण: 1 एकड़ पॉलीहाउस की लागत ₹50-60 लाख AIF से 75% फाइनेंस, बाकी सब्सिडी से। इससे छोटे किसान भी बड़े स्तर पर शुरू कर सकेंगे।

ऊर्ध्व कृषि के फायदे, पर्यावरण और कमाई का दोहरा लाभ

पारंपरिक खेती में 70% पानी बर्बाद होता है, लेकिन ऊर्ध्व कृषि में सिर्फ 10% लगता है। ये साल भर फसल देती है – कोई मौसम की मार नहीं। उपज? एक छोटे यूनिट से 50-100 टन सालाना, जो बाजार में ₹50-100/किलो बिकती है। लेट्यूस जैसी सब्जी से ₹5-10 लाख मुनाफा संभव। पर्यावरण के लिए कार्बन उत्सर्जन कम, जैव विविधता सुरक्षित। शहरों में ऑर्गेनिक प्रोड्यूस की डिमांड बढ़ रही है, तो मार्केटिंग आसान। ग्रामीण क्षेत्रों में ये महिलाओं को रोजगार देगी – घर पर छोटे हाइड्रोपोनिक सेटअप से ₹10,000-20,000 मासिक कमाई। 2025 में जलवायु परिवर्तन के दौर में, ये सस्टेनेबल खेती का भविष्य है।

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कैसे शुरू करें ऊर्ध्व कृषि, स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

चरण 1: योजना बनाएं अपने क्षेत्र की मिट्टी, पानी और बाजार का आकलन करें। छोटे स्तर से शुरू 500 वर्ग फुट का पॉलीहाउस (लागत ₹5-10 लाख)। फसल चुनें: लेट्यूस, हर्ब्स, माइक्रोग्रीन्स।

चरण 2: तकनीक अपनाएं LED ग्रो लाइट्स, न्यूट्रिएंट फिल्म टेक्नीक (NFT) या डीप वॉटर कल्चर (DWC) सिस्टम लगाएं। पानी रिसाइकलिंग से 95% बचत।

चरण 3: AIF के लिए आवेदन

  • पोर्टल: agriinfra.dac.gov.in पर रजिस्टर करें।
  • दस्तावेज: आधार, बैंक पासबुक, प्रोजेक्ट रिपोर्ट।
  • बैंक: SBI, HDFC, फेडरल बैंक जैसे से ऋण लें। सब्सिडी DBT से। किसान कॉल सेंटर (1800-180-1551, सुबह 6 से रात 10) पर फ्री सलाह लें।

चरण 4: ट्रेनिंग लें KVK या ICAR सेंटर्स से कोर्स करें। ऑनलाइन YouTube, eNAM ऐप से सीखें।

चरण 5: मार्केटिंग बिगबास्केट, अमेजन फ्रेश या लोकल मॉल्स से टाई-अप। ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन लें।

भविष्य की संभावनाएं

शुरुआत में लागत ज्यादा लग सकती है, लेकिन AIF सब्सिडी से 50% कम हो जाती है। बिजली का खर्च? सोलर पैनल से हल। रोग? क्लोज्ड सिस्टम में न्यूनतम। छोटे किसान FPO जॉइन करें – साझा लागत, साझा बाजार। AIF से 2025-26 तक 1 लाख प्रोजेक्ट्स शुरू होंगे। ऊर्ध्व कृषि से भारत का खाद्य उत्पादन 20% बढ़ेगा। युवा किसान जैसे अनुष्का जायसवाल (जिनका पॉलीहाउस 1 करोड़ का टर्नओवर दे रहा) प्रेरणा हैं। ग्रामीण भारत में ये योजना रोजगार बढ़ाएगी।

ऊर्ध्व कृषि नई पीढ़ी की खेती है – कम संसाधन, ज्यादा लाभ। AIF के 3% ब्याज छूट और ₹2 करोड़ ऋण से सपना साकार करें। किसान भाइयों, कॉल सेंटर पर कॉल करें या QR कोड स्कैन करें। 2025 में ऊर्ध्व कृषि से खेतों को नया आयाम दें हरा-भरा भारत बनाएं।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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