Weed Control in Soybean Farming: सोयाबीन की फसल में खरपतवार अगर समय पर न हटाए जाएँ, तो पैदावार में 30 से 50% तक की गिरावट आ सकती है। खासकर बुआई के 10 से 12 दिन बाद खरपतवार तेजी से उगते हैं और फसल के पोषक तत्व, पानी और धूप छीन लेते हैं। इससे फसल कमजोर पड़ती है और उपज पर बुरा असर पड़ता है।
ऐसे में जरूरी है कि किसान भाई इस समय उचित खरपतवारनाशी रसायनों का इस्तेमाल करें, ताकि फसल सुरक्षित रहे और पैदावार में कोई कमी न आए। इस लेख में हम बताएंगे कि बुआई से पहले, तुरंत बाद, और 10-12 दिन बाद किन-किन प्रभावी रसायनों का छिड़काव करना चाहिए, कितनी मात्रा में और कैसे, ताकि आपकी मेहनत बेकार न जाए और फसल को पूरा फायदा मिले।
बुआई से पहले खरपतवार नियंत्रण
बुआई से पहले खेत को साफ रखना फसल सुरक्षा का पहला कदम है। इस समय डायक्लोसुलम + पेंडीमिथालीन (22.5 + 875 सक्रिय तत्व/हेक्टेयर) को 2.5 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से इस्तेमाल करें। इसके साथ फ्लूक्लोरलिन 45% EC को 2.22 से 3.33 लीटर प्रति हेक्टेयर डाल सकते हैं। ये रसायन खेत में खरपतवार उगने से पहले ही उन्हें रोक देते हैं और मिट्टी को सोयाबीन के लिए तैयार रखते हैं। सही मात्रा और समय पर इस्तेमाल करने से खरपतवार की शुरुआती मार से फसल बच जाती है, और पौधों को बढ़ने का मौका मिलता है।
बुआई के तुरंत बाद का उपाय
बुआई के तुरंत बाद खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए डायक्लोसुलम 84% WDG को 26 ग्राम प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें। इसके साथ सल्फेन्ट्राझोन 39.6% SC को 0.75 लीटर या फ्लूमिआक्साझिन 50% SC को 0.25 लीटर प्रति हेक्टेयर इस्तेमाल कर सकते हैं। ये रसायन मिट्टी में मिलकर खरपतवार के अंकुरण को रोकते हैं और सोयाबीन के पौधों को मजबूती देते हैं। छिड़काव के लिए पर्याप्त पानी का इस्तेमाल करें, जैसे 450-500 लीटर प्रति हेक्टेयर नेपसैक स्प्रेयर से या 120 लीटर प्रति हेक्टेयर पावर स्प्रेयर से। खड़ी फसल में फ्लड जेट या फ्लैट फैन नोजल का प्रयोग करें, ताकि रसायन समान रूप से फैले और फसल को नुकसान न हो।
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बुआई के 10-12 दिन बाद प्रभावी कदम
बुआई के 10-12 दिन बाद खरपतवार सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचाते हैं, इसलिए इस समय सही रसायन का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है। क्लोरीम्यूरान इथाइल 25% WP + सर्फेक्टेंट को 36 ग्राम प्रति हेक्टेयर, इमाझेथापायर 10% SL को 1.0 लीटर, या क्विजालोफाप इथाइल 5% EC को 0.75-1.0 लीटर का छिड़काव करें। ये रसायन खरपतवार को जड़ से खत्म करते हैं और फसल को पोषण लेने का मौका देते हैं। छिड़काव के लिए उचित पानी की मात्रा और सही नोजल का इस्तेमाल करें, ताकि फसल पर असर न पड़े और खरपतवार पूरी तरह नष्ट हो जाएँ। ये कदम फसल की ग्रोथ को बढ़ावा देंगे और उपज को बचा लेंगे।
केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड की सलाह
बुआई से पहले
केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड ने 31 मार्च 2025 को जारी सूची में सोयाबीन के लिए खरपतवारनाशी रसायनों की पूरी जानकारी दी है। बुआई से पहले डायक्लोसुलम + पेंडीमिथालीन (22.5 + 875 सक्रिय तत्व/हेक्टेयर) को 2.51 लीटर, पेंडीमिथालीन इमाझेथापायर को 2.5-3.0 लीटर, और फ्लूक्लोरलिन 45% EC को 2.22-3.33 लीटर प्रति हेक्टेयर सुझाया गया है। ये रसायन खेत को खरपतवार से मुक्त रखते हैं और फसल की शुरुआती ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं।
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बुआई के तुरंत बाद
बुआई के तुरंत बाद डायक्लोसुलम + पेंडीमिथालीन (2.5 लीटर), डायक्लोसुलम 84% WDG (26 ग्राम), सल्फेन्ट्राझोन 39.6% SC (0.75 लीटर), क्लोमोझोन 50% EC (1.50-2.00 लीटर), पेंडीमिथालीन 30% EC (2.50-3.30 लीटर), पेंडीमिथालीन 38.7% CS (1.50-1.75 किलोग्राम), फ्लूमिआक्साझिन 50% SC (0.25 लीटर), मेट्रीब्युझिन 70% WP (0.75-1.00 किलोग्राम), सल्फेन्ट्राझोन क्लोमोझोन (1.25 लीटर), पायरोक्सासल्फोन 85% WG (150 ग्राम), और मेटालोक्लोर 50% EC (2.00 लीटर) प्रभावी हैं। ये रसायन मिट्टी में मिलकर खरपतवार के अंकुरण को रोकते हैं और सोयाबीन के पौधों को सुरक्षित रखते हैं।
किसानों के लिए सुझाव
सोयाबीन की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए समय पर रसायन का इस्तेमाल आपकी मेहनत को बचा सकता है। बुआई से पहले, तुरंत बाद, और 10-12 दिन बाद सही रसायन और मात्रा का ध्यान रखें। साथ ही, छिड़काव के लिए सही उपकरण और पानी का प्रयोग करें, ताकि फसल को नुकसान न हो। ये कदम न सिर्फ़ खरपतवार से छुटकारा दिलाएंगे, बल्कि आपकी उपज को भी दोगुना कर सकते हैं। तो आज से ही इन टिप्स को अपनाएँ और अपनी सोयाबीन फसल को समृद्ध बनाएँ।
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