गेहूं की फसल में कितना डालें खाद? बस इतनी मात्रा से चमकने लगेंगे दाने और दोगुनी होगी पैदावार

Wheat Farming Tips: रबी सीजन शुरू हो चुका है, और किसान गेहूँ की खेती की तैयारियों में जुट गए हैं। धान की कटाई के बाद अब खेतों में गेहूँ की बुवाई जोरों पर है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सही उर्वरक और उसका सही समय आपकी पैदावार को दोगुना कर सकता है? कृषि वैज्ञानिकों और कन्नौज के कृषि विभाग का कहना है कि संतुलित उर्वरक और मिट्टी परीक्षण से न केवल गेहूँ के दाने चमक उठेंगे, बल्कि लागत कम और आय में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी। आइए जानते हैं कि गेहूँ की खेती में उर्वरक कैसे और कितना डालें, ताकि आप भी बंपर फसल पा सकें।

पैदावार बढ़ाने की पहली सीढ़ी

कृषि विज्ञान केंद्र, कन्नौज के विशेषज्ञ डॉ. एके सिंह बताते हैं कि गेहूँ की फसल की नींव मजबूत करने के लिए मिट्टी परीक्षण जरूरी है। यह टेस्ट बताता है कि आपके खेत में नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), और पोटाश (K) की कितनी कमी या अधिकता है। इसके आधार पर उर्वरक का उपयोग करने से 20-30% तक पैदावार बढ़ सकती है। मिट्टी परीक्षण के लिए नजदीकी कृषि केंद्र या मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का लाभ लें। बिना टेस्ट के अंधाधुंध उर्वरक डालने से मिट्टी की उर्वरता घटती है, और फसल की गुणवत्ता पर असर पड़ता है।

बुवाई के समय उर्वरक

गेहूँ की बुवाई नवंबर के पहले दो हफ्तों में सबसे अच्छी होती है। बुवाई के समय डीएपी (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) या एनपीके (12:32:16 या 10:26:26) उर्वरक का उपयोग करें। प्रति हेक्टेयर 100-120 किलो डीएपी या 150 किलो एनपीके डालें, जो जड़ों को मजबूत करता है और पौधों की शुरुआती बढ़ोतरी को तेज करता है। अगर मिट्टी में पोटाश की कमी हो, तो 40-50 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश (MOP) डालें। यह बेस उर्वरक फसल को शुरुआती पोषण देता है। कृषि अधिकारी राजेश यादव सलाह देते हैं कि डीएपी को बीजों के साथ सीधे संपर्क में न आने दें, वरना अंकुरण प्रभावित हो सकता है। ड्रिल विधि से बुवाई करें, ताकि खाद सही गहराई पर जाए।

ये भी पढ़ें- रबी सीजन में गेंहूँ की जगह कर दे मक्के के इस किस्म की खेती, हो जायेंगे मालामाल

सिंचाई के बाद यूरिया

पहली सिंचाई (बुवाई के 20-25 दिन बाद) के समय यूरिया डालें। प्रति एकड़ 45-50 किलो यूरिया (लगभग 110-120 किलो प्रति हेक्टेयर) पर्याप्त है। अगर मिट्टी रेतीली है, तो दो हिस्सों में यूरिया डालें – आधा पहली और आधा दूसरी सिंचाई (45-50 दिन बाद) पर। नीम कोटेड यूरिया का उपयोग करें, क्योंकि यह धीरे-धीरे नाइट्रोजन छोड़ता है और मिट्टी की सेहत बनाए रखता है। दूसरी सिंचाई के समय 20-25 किलो जिंक सल्फेट डालने से दानों की चमक बढ़ती है और पैदावार 10-15% तक सुधरती है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि यूरिया का छिड़काव सुबह या शाम को करें, ताकि नमी की वजह से खाद बर्बाद न हो।

जैविक खाद और पर्यावरण: मिट्टी को बनाएँ जीवंत

अंधाधुंध यूरिया डालने से बचें, क्योंकि यह मिट्टी में सूक्ष्मजीवों को नुकसान पहुँचाता है। कृषि विभाग गांव-गांव जागरूकता शिविर लगा रहा है, जहाँ जैविक खाद और वर्मीकम्पोस्ट के फायदे बताए जा रहे हैं। प्रति हेक्टेयर 5-10 टन गोबर खाद या 2-3 टन वर्मीकम्पोस्ट बुवाई से पहले डालें। यह मिट्टी की संरचना सुधारता है और पानी धारण क्षमता बढ़ाता है। कन्नौज में कई किसानों ने जैविक और रासायनिक खाद का मिश्रण अपनाया, जिससे उनकी फसल में रोग कम हुए और दाने मोटे हुए। नीम तेल (5 मिली/लीटर पानी) का छिड़काव कीटों से बचाव के लिए करें। यह पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है।

किसानों के लिए टिप्स: लागत कम, मुनाफा ज्यादा

  1. मिट्टी परीक्षण: बुवाई से पहले मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनवाएँ। यह मुफ्त है और खाद की सही मात्रा बताता है।
  2. सही समय: डीएपी बुवाई के समय, यूरिया पहली और दूसरी सिंचाई पर, और जिंक सल्फेट 45-50 दिन बाद डालें।
  3. जैविक विकल्प: गोबर खाद, वर्मीकम्पोस्ट या जैव उर्वरक (जैसे PSB) का उपयोग करें।
  4. सब्सिडी का लाभ: सरकार की योजनाओं से नीम कोटेड यूरिया और डीएपी सस्ते दामों पर लें।
  5. पानी प्रबंधन: गेहूँ को 4-5 सिंचाई (20, 45, 70, 90 दिन बाद) दें, लेकिन पानी का ठहराव न होने दें।

कुछ किसानों ने बताया कि सही उर्वरक से उनकी पैदावार 40-50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुँच गई, जो सामान्य 30-35 क्विंटल से कहीं ज्यादा है। यह न केवल आय बढ़ाता है, बल्कि MSP (2,585 रुपये/क्विंटल, 2025-26) के साथ मुनाफा दोगुना करता है।

ये भी पढ़ें- काले गेंहू की खेती से यहाँ के किसान कमा रहे बम्पर मुनाफा

Author

  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

    View all posts

Leave a Comment