खरीफ सीजन की शुरुआत के साथ ही गाँव के किसानों में उत्साह है। गेहूं की कटाई पूरी होने के बाद अब धान की नर्सरी डालने की तैयारियाँ जोरों पर हैं। इस बार सरकार ने किसानों की मदद के लिए धान की नर्सरी के बीज पर 50 प्रतिशत सब्सिडी की घोषणा की है। इससे खेती की लागत कम होगी और किसानों को बेहतर उत्पादन के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। मऊ जिले में कृषि विभाग ने धान की नर्सरी के लिए 1,571 क्विंटल बीज वितरण का लक्ष्य रखा है, जो पिछले साल से काफी ज्यादा है।
सरकार की सब्सिडी से आसान होगी खेती
कृषि विभाग ने खरीफ सीजन 2025 के लिए धान की नर्सरी डालने वाले किसानों को बड़ी राहत दी है। धान के बीज पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी, जिससे किसानों को कम कीमत पर अच्छी गुणवत्ता वाले बीज मिल सकेंगे। मऊ जिले में नौ केंद्रों के माध्यम से 1,571 क्विंटल धान के बीज वितरित किए जाएँगे। यह पिछले साल के 551 क्विंटल के लक्ष्य से 1,020 क्विंटल ज्यादा है। विभाग को अभी तक 384 क्विंटल बीज प्राप्त हो चुके हैं, जिनका वितरण जल्द ही ब्लॉक मुख्यालयों के बीज गोदामों से शुरू होगा। यह सुविधा गाँव के छोटे और मझोले किसानों के लिए खास तौर पर फायदेमंद है, क्योंकि कम लागत में वे धान की नर्सरी डाल सकेंगे।
धान की नर्सरी का लक्ष्य और तैयारी
मऊ जिले में इस साल 5,457 हेक्टेयर भूमि पर धान की नर्सरी डालने का लक्ष्य रखा गया है। पिछले साल यह लक्ष्य 5,847 हेक्टेयर था, यानी इस बार 390 हेक्टेयर कम क्षेत्र निर्धारित किया गया है। फिर भी, बीज वितरण का लक्ष्य बढ़ाकर 1,571 क्विंटल किया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों को इसका लाभ मिल सके। गेहूं की कटाई पूरी होने के बाद किसानों ने खेतों की जुताई शुरू कर दी है और धान की नर्सरी डालने का काम भी शुरू हो गया है। कृषि विभाग ने बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। गाँव के किसान अपने नजदीकी बीज गोदाम से सब्सिडी का लाभ उठाकर बीज प्राप्त कर सकते हैं।
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उपलब्ध बीज किस्में और उनकी खासियत
कृषि विभाग द्वारा धान की छह उन्नत किस्मों का वितरण किया जाएगा, जिनमें बीपीटी-5204, सरजू-52, एचयूआर-917, शियाट्स-4, पंत-24/26, और एमटीयू-7029 शामिल हैं। इनमें से एचयूआर-917 के 180 क्विंटल और एमटीयू-7029 के 204 क्विंटल बीज विभाग के पास उपलब्ध हैं। ये किस्में अपनी अच्छी उपज और स्थानीय मिट्टी व मौसम के अनुकूल होने के लिए जानी जाती हैं। ये किस्में गाँव के किसानों के लिए खास तौर पर उपयुक्त हैं, क्योंकि ये कम समय में अच्छा उत्पादन देती हैं और रोगों के प्रति भी मजबूत होती हैं। जिला कृषि अधिकारी सोम प्रकाश गुप्ता के अनुसार, इन किस्मों का वितरण नौ केंद्रों से किया जाएगा, ताकि हर किसान तक आसानी से बीज पहुँच सकें।
बीज वितरण और सब्सिडी की प्रक्रिया
कृषि विभाग ने बीज वितरण की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया है। किसान अपने नजदीकी ब्लॉक मुख्यालय के बीज गोदाम से धान की नर्सरी के लिए बीज प्राप्त कर सकते हैं। सब्सिडी का लाभ लेने के लिए किसानों को अपने आधार कार्ड और खेती से संबंधित दस्तावेज साथ लाने होंगे। 50 प्रतिशत सब्सिडी के कारण बीज की कीमत आधी रह जाएगी, जिससे खेती की लागत काफी कम हो जाएगी। विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि बीज समय पर वितरित हों, ताकि किसान खरीफ सीजन की शुरुआत में नर्सरी डाल सकें। गाँव के किसानों को सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द अपने नजदीकी केंद्र से संपर्क करें और सब्सिडी का लाभ उठाएँ।
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