रासी सीड्स और ICAR-IGFRI का समझौता, किसानों को मिलेगा बरसीम-जई का गुणवत्तापूर्ण बीज

देश के डेयरी किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। भारत की प्रमुख बीज कंपनी रासी सीड्स ने हरे चारे की उपलब्धता बढ़ाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान (ICAR-IGFRI), झांसी के साथ समझौता किया है। इस करार से बरसीम और जई की दो उन्नत किस्मों के बीज डेयरी किसानों तक पहुंचेंगे। मैंने कई पशुपालकों से बात की है, जो चारे की कमी से परेशान रहते हैं। यह साझेदारी सर्दियों में चारे की किल्लत दूर करेगी, जिससे पशुओं का पोषण बेहतर होगा और दूध उत्पादन बढ़ेगा।

समझौते का उद्देश्य

इस समझौते पर रासी सीड्स के प्रबंध निदेशक आर. राजेंद्रन और सिरा सीड्स के प्रमुख एन. सरवनन ने हस्ताक्षर किए। ICAR-IGFRI के निदेशक पंकज कौशल और परियोजना समन्वयक विजय कुमार यादव भी मौजूद थे। यह साझेदारी रासी को बरसीम और जई की उच्च-गुणवत्ता वाली किस्मों के बीज अपने सिरा सीड्स ब्रांड के तहत बेचने की अनुमति देती है। भारत में 25 लाख हेक्टेयर से ज्यादा भूमि पर इन चारा फसलों की खेती होती है। फिर भी, अच्छे बीजों की कमी से किसानों को दिक्कत होती है। यह समझौता इस कमी को पूरा करेगा।

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डेयरी किसानों को क्या फायदा?

बरसीम और जई की उन्नत किस्में सर्दियों में ज्यादा उपज देती हैं। ये पौष्टिक चारा पशुओं को स्वस्थ रखता है, जिससे दूध की मात्रा 20-30% तक बढ़ सकती है। लागत कम होने से छोटे और सीमांत डेयरी किसानों की आय में सुधार होगा। अनुभव से कहूं तो, अच्छा चारा देने से गाय-भैंस का स्वास्थ्य बेहतर होता है और इलाज का खर्च बचता है। रासी सीड्स के राजेंद्रन का कहना है कि वे वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित बीज किसानों तक पहुंचाएंगे, ताकि चारे की किल्लत खत्म हो।

श्वेत क्रांति 2.0 को मिलेगा बल

यह साझेदारी श्वेत क्रांति 2.0 के राष्ट्रीय लक्ष्य को सपोर्ट करती है। इसका मकसद टिकाऊ खेती और बेहतर पशुधन पोषण से डेयरी उद्योग को मजबूत करना है। उन्नत बीजों से चारा उत्पादन बढ़ेगा, जिससे दूध की पैदावार और किसानों की आजीविका में सुधार होगा। खासकर उत्तर भारत में, जहां सर्दियों में चारा कम पड़ता है, यह योजना गेम-चेंजर साबित हो सकती है।

डेयरी किसान भाई, अपने नजदीकी कृषि केंद्र से रासी सीड्स के बरसीम और जई के बीज खरीदें। बुवाई अक्टूबर-नवंबर में करें, ताकि सर्दी में चारा तैयार हो। खेत की गहरी जुताई और जैविक खाद का इस्तेमाल करें। अगर बीज की कीमत ज्यादा लगे, तो सरकारी योजनाओं से सब्सिडी लें। यह समझौता लाखों किसानों को सस्ता और अच्छा चारा देगा, जिससे आपकी कमाई बढ़ेगी।

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  • Shashikant

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