किसानों के लिए खुशखबरी: 91 कृषि उपकरणों पर 80 फीसदी तक सब्सिडी, अभी आवेदन करें

बिहार के खेतों में मेहनत करने वाले किसान भाइयों के लिए एक बड़ी राहत वाली खबर आ रही है। राज्य सरकार ने कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत 91 तरह के आधुनिक कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत तक की मोटी सब्सिडी का ऐलान किया है। यह योजना जुताई से लेकर कटाई तक के हर काम को आसान बनाने के लिए लाई गई है। नालंदा जिले से शुरू होकर पूरे बिहार के छोटे-बड़े किसानों तक यह फायदा पहुंचेगा। अगर आप भी खेती में मशीनों की तलाश कर रहे हैं, तो यह मौका हाथ से न जाने दें। मैंने खुद कई किसान दोस्तों से बात की, जो कहते हैं कि इससे उनका बोझ हल्का हो जाएगा और फसल का उत्पादन भी बढ़ेगा।

योजना में कितनी छूट मिलेगी

इस योजना की सबसे अच्छी बात यह है कि सब्सिडी हर किसान के लिए अलग-अलग रखी गई है, ताकि कोई पीछे न छूटे। सामान्य वर्ग के किसानों को 40 से 50 फीसदी तक की छूट मिलेगी, जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति के भाइयों को 60 से 80 फीसदी तक का लाभ होगा। कुल मिलाकर 4.3 करोड़ रुपये का खर्चा सरकार उठाएगी, जो सीधे आपके बैंक खाते में आएगा। पहले आप यंत्र खरीदिए, फिर सब्सिडी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से मिल जाएगी। इससे छोटे खेत वाले किसान भी बिना कर्ज के मशीनें ले सकेंगे। बिहार कृषि विभाग के अनुसार, यह कदम खेती को ज्यादा उत्पादक बनाने के लिए उठाया गया है, और शुरुआती आंकड़ों से लगता है कि हजारों किसान इसका इंतजार कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें- गेहूं के मुफ्त बीज वितरण के लिए केंद्र ने जारी किए 74 करोड़ रुपये

ऑनलाइन आवेदन कैसे करें

योजना का फायदा लेना अब घर बैठे आसान हो गया है। बिहार के किसान भाई www.farmech.bihar.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन भर सकते हैं। आवेदन की शुरुआत 6 अक्टूबर 2025 से हो चुकी है, और आखिरी मौका 31 अक्टूबर 2025 तक है। साइट पर जाइए, कृषि यंत्र सब्सिडी का ऑप्शन चुनिए, अपनी बेसिक डिटेल्स जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक और जमीन के कागजात अपलोड कर दीजिए। आवेदन जमा करने के बाद एक नंबर मिलेगा, जिससे ट्रैकिंग कर सकेंगे। चयन लॉटरी से होगा, ताकि सबको बराबर मौका मिले। चुने गए किसानों को 21 दिनों का लेटर मिलेगा, जिसके साथ डीलर से यंत्र खरीदना होगा। अगर कोई दिक्कत आए, तो नजदीकी कृषि कार्यालय में जाकर मदद लें वहां के अधिकारी काफी सहयोगी हैं।

कौन-कौन से यंत्र शामिल हैं

इस योजना में कुल 91 कृषि यंत्रों को चुना गया है, जो खेती के हर चरण को कवर करते हैं। मसलन, रोटरी मल्चर से जमीन की तैयारी तेज हो जाएगी, सुपर सीडर से बीज बोना आसान और कम खर्चीला बनेगा। धान ट्रांसप्लांटर रोपाई के झंझट को खत्म कर देगा, जबकि मिनी राइस मिल से चावल साफ-सुथरा और बाजार में बेहतर दाम पर बिकेगा। ये सब यंत्र न सिर्फ समय बचाएंगे, बल्कि श्रमिकों पर निर्भरता भी कम करेंगे। भुगतान का नया तरीका भी सरल है डीलर को पूरी रकम दीजिए, सरकार सब्सिडी आपके खाते में डाल देगी। हां, छोटे किसानों के लिए शुरुआती पेमेंट थोड़ा चुनौतीपूर्ण लग सकता है, लेकिन बैंक लोन या सहकारी समितियों से मदद मिल सकती है। कुल मिलाकर, यह योजना बिहार की मिट्टी को ज्यादा उपजाऊ बनाने का एक मजबूत कदम है।

क्यों है यह योजना किसानों की उम्मीद

बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर किसान छोटे जोत वाले हैं, ऐसी योजनाएं वाकई गेम चेंजर साबित हो सकती हैं। इससे न सिर्फ उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि खेती का खर्चा भी घटेगा। । सरकार का मकसद साफ है पारदर्शी तरीके से सबको फायदा पहुंचाना। अगर आप पात्र हैं, तो देर न करें और आवेदन भरें।

ये भी पढ़ें- MP में 6 लाख से ज्यादा किसानों ने कराया रजिस्ट्रेशन, भावांतर योजना के तहत 24 अक्टूबर से शुरू होगी सोयाबीन की बिक्री

Author

  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

    View all posts

Leave a Comment