इस बार अपने खेतों में रोपाई कीजिए अगेती बासमती धान, एक हेक्टेयर से कमाई होगी 6 लाख रूपये

किसान साथियों, अगेती बासमती धान की खेती कम समय में बंपर मुनाफा देती है, ये 110-120 दिन में पककर तैयार हो जाता है, और बाजार में इसके चावल 4000-6000 रुपये प्रति क्विंटल बिकते हैं, इसकी सुगंध, लंबे दाने इसे निर्यात के लिए खास बनाते हैं, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार में ये खूब उगाया जाता है, कम पानी, कम लागत में 50-60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार मिलती है, पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1692 जैसी उत्तम किस्में छोटे-बड़े किसानों के लिए वरदान हैं, जून-जुलाई में शुरू करें, और अपनी आय को दोगुना करें।

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खेत की तैयारी

अगेती बासमती धान के लिए खेत को अच्छे से तैयार करें, चिकनी मटियार, दोमट मिट्टी जिसमें पानी रुकने की क्षमता हो, इसके लिए बेस्ट है, मिट्टी का pH 6-8 होना चाहिए, गहरी जुताई करें, 10-12 टन गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट प्रति हेक्टेयर डालें, जून के पहले हफ्ते में खेत तैयार करें, 21-31 डिग्री तापमान उपयुक्त है, खेत को लेजर लेवलर से समतल करें, ताकि पानी बराबर बंटे, 2-3 बार हल्की सिंचाई करें, नमी बनाए रखें, रासायनिक खाद से बचें, नीम की खली (500 किलो प्रति हेक्टेयर) डालें, सही तैयारी से पौधे स्वस्थ रहते हैं, और उत्पादन बढ़ता है।

उत्तम किस्म 1 : पूसा बासमती 1509

पूसा बासमती 1509 सबसे लोकप्रिय अगेती किस्म है, ये 115-120 दिन में पककर तैयार हो जाती है, इसके दाने लंबे, पतले, सुगंधित होते हैं, जो निर्यात के लिए आदर्श हैं, ये अर्ध-बौनी किस्म है, जिससे तेज हवाओं में गिरने का डर कम होता है, प्रति हेक्टेयर 50-60 क्विंटल पैदावार देती है, 12-15 किलो बीज प्रति हेक्टेयर काफी है, जून के पहले हफ्ते में नर्सरी डालें, और जुलाई में रोपाई करें, ये झुलसा रोग के प्रति सहनशील है, लेकिन फाल्स स्मट से बचाने के लिए कार्बेन्डाजिम (2 ग्राम प्रति किलो बीज) से उपचार करें, इसकी खेती से 4-5 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर कमाई संभव है।

उत्तम किस्म 2 : पूसा बासमती 1692

पूसा बासमती 1692 एक और शानदार अगेती किस्म है, जो 110-115 दिन में तैयार हो जाती है, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने इसे 2020 में विकसित किया, इसके दाने लंबे, सुगंधित, और कम टूटने वाले हैं, जो चावल की क्वालिटी बढ़ाते हैं, ये 7.35 टन प्रति हेक्टेयर तक उपज दे सकती है, 12-15 किलो बीज प्रति हेक्टेयर चाहिए, जून में नर्सरी डालें, 25-30 दिन बाद रोपाई करें, ये गैर-बिखरने वाली, अर्ध-बौनी किस्म है, जो कीटों, रोगों के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है, स्यूडोमोनास (10 ग्राम प्रति किलो बीज) से बीज उपचार करें, इसकी खेती से लागत कम लगती है, और मुनाफा 4-6 लाख तक हो सकता है।

देखभाल और सिंचाई कैसे करें

अगेती बासमती धान की देखभाल में सावधानी बरतें, रोपाई के बाद पहली सिंचाई तुरंत करें, फिर 5-7 दिन के अंतर पर पानी दें, ड्रिप सिस्टम से 20-30% पानी बचता है, 120 किलो नाइट्रोजन, 60 किलो फॉस्फोरस, 60 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर डालें, नाइट्रोजन को तीन बार (रोपाई, कल्ले, बाली निकलने) में बाँटें, जीवामृत (200 लीटर प्रति हेक्टेयर) हर 15 दिन में छिड़कें, झोंका रोग, तना छेदक से बचाने के लिए नीम तेल (5 मिलीलीटर प्रति लीटर) या कार्टैप हाइड्रोक्लोराइड (500 ग्राम प्रति हेक्टेयर) छिड़कें, 20-25 दिन बाद गुड़ाई करें, खरपतवार हटाएँ, सही देखभाल से फसल स्वस्थ रहती है, और पैदावार बढ़ती है।

उत्पादन और मुनाफा, मेहनत का फल

अगेती बासमती धान से उत्पादन 50-60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक मिलता है, पूसा बासमती 1509, 1692 की कटाई 110-120 दिन में शुरू करें, जब दाने हल्के सुनहरे हों, सुबह के समय कटाई करें, ताकि नमी कम हो, एक हेक्टेयर में लागत 50-60 हजार रुपये लगती है, और 50-60 क्विंटल फसल 4000-6000 रुपये प्रति क्विंटल बिकती है, यानी 2-3.6 लाख रुपये की कमाई होती है, लागत निकालकर 1.5-3 लाख मुनाफा बचता है, निर्यात बाजार, लोकल मंडियों, डेयरी में बेचें, ऑर्गेनिक बासमती की डिमांड 20-30% ज्यादा है, सरकार की सब्सिडी, बीज योजनाओं का लाभ उठाएँ, ये खेती मेहनत को सोने में बदल देती है।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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