एक बार लगाओ, तीन बार कमाओ: मऊ के किसान की अनोखी खेती का राज!

खेती-किसानी के इस दौर में, जब कई लोग कृषि को घाटे का सौदा मानकर छोड़ चुके हैं, कुछ किसान ऐसे भी हैं जो अपने नवाचारों और मेहनत से खेती को मुनाफे का व्यवसाय बना रहे हैं। बींस की खेती उन किसानों के लिए एक आदर्श विकल्प बन रही है, जो कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने की सोच रखते हैं। आज हम आपको मऊ जनपद के प्रगतिशील किसान रामलेश मौर्य की कहानी बताएंगे, जिन्होंने बींस की खेती से अपनी तकदीर बदली और दूसरे किसानों को भी प्रेरणा दी।

बींस की खेती: कम लागत में अधिक मुनाफा

बींस एक ऐसी सब्जी है जो कम समय में तैयार हो जाती है और बाजार में हमेशा इसकी मांग बनी रहती है। रामलेश मौर्य ने तीन साल पहले बींस की खेती शुरू की थी, और अब वे इसे जीरो बजट खेती का उदाहरण मानते हैं। बींस की खेती का सबसे बड़ा लाभ यह है कि एक बार पौधा लगाने के बाद इससे तीन बार उपज ली जा सकती है।

क्यों है बींस की खेती लाभदायक?

बींस के पौधे से तीन बार तुड़ाई की जा सकती है, जिसका मतलब है कि एक बार निवेश के बाद आपको तीन गुना फायदा होता है। एक बार बींस उगाने के बाद, आगे की खेती के लिए आपको बीज खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसके अलावा, बींस की कीमत बाजार में 30 से 35 रुपये प्रति किलो तक होती है, जो इसे कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसल बनाती है।

बींस की खेती कैसे शुरू करें?

बींस की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मिट्टी दोमट बलुई मिट्टी होती है। यह मिट्टी नमी को लंबे समय तक बनाए रखती है और पौधों को आवश्यक पोषण प्रदान करती है। उच्च गुणवत्ता वाले बीज जैसे सेब्रिज ओरललेंट वैरायटी का चयन करें। खेत में मंचिंग और बेड लगाने से मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है। इस प्रक्रिया को एक बार करने के बाद तीन साल तक उपयोगी रखा जा सकता है।

बीज बोने के लिए अक्टूबर का महीना सबसे अच्छा माना जाता है। इस समय मिट्टी में नमी और तापमान दोनों अनुकूल होते हैं। जैविक खाद का इस्तेमाल करें और पौधों को नियमित रूप से पानी दें।

उत्पादन और उपज की प्रक्रिया

एक बींस के पौधे से चार से पांच किलोग्राम बींस प्राप्त होते हैं। यदि सही देखभाल की जाए, तो एक एकड़ खेत से 50-60 क्विंटल बींस का उत्पादन संभव है। बीज बोने के 45-50 दिन बाद पहली फसल तैयार होती है। इसके बाद हर 20-25 दिन में तुड़ाई की जा सकती है।

बींस के पौधों की देखभाल

खरपतवार को नियमित रूप से साफ करें और जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें ताकि फसल को नुकसान न पहुंचे। सप्ताह में एक बार सिंचाई करना भी आवश्यक है।

बींस का बाजार में विक्रय

बाजार में बींस की मांग हमेशा बनी रहती है। आप इसे स्थानीय मंडी में बेच सकते हैं या प्रत्यक्ष बिक्री के माध्यम से बेहतर दाम प्राप्त कर सकते हैं। यदि आपके पास अधिक उत्पादन है, तो आप इसे रेस्त्रां और सुपरमार्केट में भी सप्लाई कर सकते हैं।

प्रगतिशील किसान रामलेश मौर्य की कहानी

मऊ जनपद के पकड़ी ग्राम सभा के निवासी रामलेश मौर्य ने तीन साल पहले बींस की खेती शुरू की। उन्होंने न केवल अपनी आय बढ़ाई, बल्कि दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा भी बने। रामलेश बताते हैं कि उनकी खेती से न केवल आर्थिक लाभ हुआ, बल्कि अन्नदाता होने का गर्व भी महसूस हुआ।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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