केंद्र सरकार का बड़ा फैसला! महिला स्वयं सहायता समूहों को मिलेंगे 15,000 कृषि ड्रोन

केंद्र सरकार की नमो ड्रोन दीदी योजना ग्रामीण महिलाओं को तकनीक के साथ जोड़कर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का एक बड़ा कदम है। इस योजना के लिए 2023-24 से 2025-26 तक ₹1,261 करोड़ का बजट मंजूर किया गया है। इसके तहत देशभर में 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को ड्रोन दिए जाएँगे, ताकि वे खेती में उर्वरक और कीटनाशक छिड़काव जैसी सेवाएँ दे सकें। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में बताया कि यह योजना न सिर्फ खेती को आधुनिक बनाएगी, बल्कि महिलाओं को हर साल कम से कम ₹1 लाख की अतिरिक्त आय का मौका देगी। यह योजना ग्रामीण भारत की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।

योजना से क्या होगा फायदा

नमो ड्रोन दीदी योजना का मकसद है खेती में ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाना। इससे फसलों की पैदावार और गुणवत्ता में सुधार होगा। महिला SHGs को ड्रोन खरीदने के लिए 80% सब्सिडी (अधिकतम ₹8 लाख) दी जाएगी। बाकी राशि के लिए कृषि अवसंरचना कोष (AIF) के तहत 3% ब्याज छूट के साथ लोन मिलेगा। हर SHG से एक महिला को ‘ड्रोन सखी’ के रूप में चुना जाएगा, जिसे 15 दिन का ड्रोन पायलट प्रशिक्षण और 5 दिन का सहायक प्रशिक्षण मुफ्त दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद इन्हें हर महीने ₹15,000 का वेतन भी मिलेगा। यह योजना 10-15 गाँवों के क्लस्टर में काम करेगी, जहाँ ड्रोन सखियाँ किसानों को किराए पर ड्रोन सेवाएँ देंगी।

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अब तक कितना काम हुआ

कृषि राज्यमंत्री के मुताबिक, 2023-24 में 1,094 ड्रोन SHGs को वितरित किए गए, जिनमें से 500 नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत दिए गए। सभी SHG सदस्यों को डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) से मान्यता प्राप्त संस्थानों में प्रशिक्षण दिया गया। बैंगलोर के एडीआरटीसी के अध्ययन के अनुसार, ड्रोन 7-8 मिनट में एक एकड़ क्षेत्र में उर्वरक या कीटनाशक छिड़क सकते हैं, और इनके साथ चार अतिरिक्त बैटरियाँ दी जाती हैं, जिनकी उड़ान क्षमता 5-20 मिनट है।

परिवहन की चुनौतियाँ और समाधान

योजना के तहत कुछ चुनौतियाँ भी सामने आई हैं। लगभग 42.68% ड्रोन दीदियों को ड्रोन ले जाने के लिए वाहनों की कमी का सामना करना पड़ा, खासकर दक्षिण भारत में, जहाँ 78.82% महिलाएँ प्रभावित हुईं। साथ ही, 68.66% ड्रोन दीदियों के लिए वाहन किराया महँगा साबित हुआ। इन समस्याओं से निपटने के लिए सरकार ने सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन (SMAM) योजना के तहत 80% सब्सिडी पर बहुउपयोगी मशीनों की खरीद के लिए सहायता शुरू की है। इन मशीनों का इस्तेमाल ड्रोन परिवहन के लिए भी हो सकता है। इससे ड्रोन सखियों को अपने काम में और आसानी होगी।

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कैसे लें योजना का लाभ

नमो ड्रोन दीदी योजना का लाभ लेने के लिए SHG से जुड़ी 18 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाएँ आवेदन कर सकती हैं। आवेदक को निम्न आर्थिक वर्ग से होना चाहिए। जरूरी दस्तावेजों में SHG की पंजीकरण संख्या और सभी सदस्यों के आधार कार्ड शामिल हैं। आवेदन के लिए नजदीकी प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र या ग्राम पंचायत कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है। चयन जिला स्तर की समिति द्वारा किया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद ही ड्रोन और सब्सिडी दी जाएगी।

महिलाओं के लिए नई उड़ान

नमो ड्रोन दीदी योजना न सिर्फ खेती को आधुनिक बना रही है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद कर रही है। ड्रोन के जरिए फसल निगरानी, उर्वरक-कीटनाशक छिड़काव और मिट्टी विश्लेषण जैसे काम अब आसान हो गए हैं। गरुड़ एयरोस्पेस जैसी कंपनियों ने 20 राज्यों में 500 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया और 446 ड्रोन वितरित किए हैं। यह योजना ग्रामीण भारत की महिलाओं को नई पहचान और आर्थिक मजबूती दे रही है।

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  • Rahul

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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