Karpuri Thakur Kisan Nidhi: बिहार सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जो राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को नई गति देंगे। पहला, कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को Kisan Samman Nidhi के ₹6,000 के अतिरिक्त ₹3,000 की सहायता दी जाएगी, जिससे कुल ₹9,000 सालाना सहायता सुनिश्चित होगी। दूसरा, एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर में ₹1 लाख करोड़ का निवेश किया जाएगा, जो सिंचाई, संग्रहण, प्रोसेसिंग और मूल्य संवर्धन पर केंद्रित होगा। ये कदम बिहार के खेतों को उत्पादन का powerhouse बनाएंगे, किसानों की आय दोगुनी करेंगे और राज्य को कृषि हब के रूप में स्थापित करेंगे। आइए, जानें कि ये निर्णय किसानों के लिए क्या मतलब रखते हैं और कैसे लागू होंगे।
कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि: किसानों को ₹9,000 का गारंटीड समर्थन
बिहार में किसानों के लिए कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि एक ऐतिहासिक कदम है, जो पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की किसान हितैषी विरासत को साकार करेगी। केंद्र सरकार की PM-KISAN योजना के तहत पहले से ₹6,000 सालाना (तीन किश्तों में) मिल रहा है। अब राज्य सरकार इस पर अतिरिक्त ₹3,000 सालाना जोड़कर कुल ₹9,000 की सहायता सुनिश्चित करेगी। यह राशि हर किसान के खाते में सीधे पहुँचेगी, जिससे छोटे और सीमांत किसानों को विशेष लाभ होगा। बिहार में 87 लाख से अधिक किसान PM-KISAN के लाभार्थी हैं, और इस निधि से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। यह सहायता खाद, बीज और अन्य कृषि खर्चों में मदद करेगी, जिससे उत्पादकता बढ़ेगी। सरकार का लक्ष्य है कि यह निधि किसानों को आत्मनिर्भर बनाए, ताकि वे कर्ज के जाल से मुक्त हो सकें। कर्पूरी ठाकुर की सादगी और किसान प्रेम को याद करते हुए यह योजना राज्य के ग्रामीण विकास का प्रतीक बनेगी।
ये भी पढ़ें – यूपी में आज से शुरू हुई धान खरीद ₹2369 MSP पर मिलेगा दाम, 48 घंटे में खाते में पैसा
एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर में ₹1 लाख करोड़ निवेश: खेतों को आधुनिक रूप
बिहार के खेतों को उत्पादन का powerhouse बनाने के लिए सरकार ने एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर में ₹1 लाख करोड़ का निवेश करने का ऐलान किया है। यह निवेश सिंचाई, संग्रहण, प्रोसेसिंग और मूल्य संवर्धन पर केंद्रित होगा। सिंचाई के लिए नहरों का विस्तार, ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम की स्थापना और जल संरक्षण पर जोर दिया जाएगा, जिससे सूखा प्रभावित क्षेत्रों में फसलें सुरक्षित होंगी। संग्रहण के लिए कोल्ड स्टोरेज और गोदामों का निर्माण होगा, ताकि किसान अपनी उपज को सही समय पर बेच सकें। प्रोसेसिंग यूनिट्स से फल-सब्जियों, दूध और अनाज का मूल्य संवर्धन होगा, जिससे किसानों को मध्यस्थों से मुक्ति मिलेगी। यह निवेश FPOs (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) को मजबूत करेगा, जो छोटे किसानों को बाजार से जोड़ेंगे। बिहार में धान, गेहूं, मक्का और सब्जियों का उत्पादन बढ़ेगा, और निर्यात के नए अवसर खुलेंगे। यह निवेश ग्रामीण रोजगार भी पैदा करेगा।
किसानों को मिलने वाले लाभ: आय दोगुनी, जोखिम कम
ये निर्णय किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे। कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि से ₹9,000 की सहायता छोटे किसानों के लिए वरदान है, जो खाद, बीज और मजदूरी के खर्च को पूरा करेगी। इससे किसान नई तकनीक अपनाएंगे, और उत्पादकता 20-30% बढ़ेगी। एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश से सिंचाई की कमी दूर होगी, जिससे फसलें सुरक्षित होंगी। संग्रहण सुविधा से उपज सड़ने का नुकसान रुकेगा, और प्रोसेसिंग से मूल्य संवर्धन होगा। उदाहरण के लिए, सब्जियों को पिक्लिंग या जूस में बदलकर किसान 2-3 गुना कीमत पा सकेंगे। KCC और फसल बीमा का लाभ आसान होगा। ग्रामीण महिलाओं और युवाओं को रोजगार मिलेगा।
ये भी पढ़ें – किसानों का एल्गार मोर्चा, MSP कानून की मांग पर नागपुर में जाम, पूरे देश का किसान एकजुट!
कार्यान्वयन की योजना
कर्पूरी ठाकुर निधि का कार्यान्वयन राज्य के कृषि विभाग और DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) से होगा। रजिस्ट्रेशन PM-KISAN पोर्टल से होगा, और अतिरिक्त ₹3,000 तीन किश्तों में आएगा। एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश के लिए राज्य स्तर पर प्रोजेक्ट्स तैयार होंगे। सिंचाई के लिए नहरों का विस्तार, संग्रहण के लिए 100 नए गोदाम और प्रोसेसिंग यूनिट्स के लिए FPOs को लोन। 2025-26 से कार्य शुरू होगा।बिहार में बाढ़ और सूखा चुनौतियाँ हैं। निवेश से जल संरक्षण मजबूत होगा। छोटे किसानों को जागरूकता के लिए कैंप लगाएँगे। डिजिटल रजिस्ट्रेशन के लिए CSC सेंटर सक्रिय होंगे।
बिहार सरकार का यह निर्णय किसानों के लिए मील का पत्थर है। कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि से ₹9,000 सहायता और ₹1 लाख करोड़ निवेश से खेत मजबूत होंगे। किसान भाइयों, इस अवसर का लाभ उठाएँ।
ये भी पढ़ें – खेत में काम कर रहे किसानों की किडनी क्यों हो रही खराब? जानिए असली वजह