छत्तीसगढ़ में सिंचाई का नया दौर शुरू, 14 परियोजनाओं से एक लाख हेक्टेयर खेत हरे-भरे होंगे

छत्तीसगढ़ सरकार ने सिंचाई व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई में कैबिनेट की बैठक में 14 नई सिंचाई परियोजनाओं को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। इनसे करीब एक लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को फायदा होगा, जिससे वर्षा पर निर्भरता कम होगी और खेती ज्यादा उत्पादक बनेगी। राज्य के मैदानी इलाकों से लेकर सरगुजा और बस्तर के जंगली क्षेत्रों तक पानी की पहुंच बढ़ेगी, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति देगी। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ये परियोजनाएं न सिर्फ फसल पैदावार बढ़ाएंगी, बल्कि भूजल स्तर को रिचार्ज करके पेयजल की समस्या भी दूर करेंगी।

सिंचाई बोर्ड की 33वीं बैठक में बनी रूपरेखा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई छत्तीसगढ़ सिंचाई परियोजना बोर्ड की 33वीं बैठक में इन योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई। उप मुख्यमंत्री अरुण साव, कृषि मंत्री रामविचार नेताम और वित्त मंत्री ओपी चौधरी जैसे प्रमुख नेता मौजूद थे। बैठक में तय हुआ कि ये परियोजनाएं राज्य की सिंचाई क्षमता को दोगुना करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी। कुल मिलाकर, ये 14 प्रोजेक्ट्स किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि उत्पादन में तेजी लाने का लक्ष्य रखते हैं। अभी लागत और समयसीमा का विस्तृत आकलन बाकी है, लेकिन जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

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बस्तर से बिलासपुर तक पानी की नई लहर

इन परियोजनाओं से एक लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि सिंचित हो जाएगी, जिससे धान, गेहूं और सब्जियों की खेती में क्रांति आएगी। बस्तर जिले में देउरगांव और मटनार बैराज-कम-लिफ्ट सिंचाई योजनाएं आदिवासी किसानों को राहत देंगी, जहां पानी की किल्लत आम है। रायपुर के आरंग ब्लॉक में महानदी पर मोहमेड़ा-सिरपुर बैराज से हजारों एकड़ खेतों को नमी मिलेगी। बिलासपुर में छपरीटोला फीडर जलाशय और खरंग-अहिरन लिंक परियोजना से स्थानीय मंडियों में फसल की आवक बढ़ेगी। जशपुर में बगिया बैराज-कम-प्रेशराइज्ड लिफ्ट सिंचाई योजना छोटे किसानों के लिए वरदान बनेगी, जबकि सामोदा बैराज से कुम्हारी जलाशय तक पाइपलाइन बिछाने से पानी की बर्बादी रुकेगी। इनसे भूजल रिचार्ज होगा, जिससे गर्मी में भी कुएं भरे रहेंगे।

आय वृद्धि के साथ पेयजल की गारंटी

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, “किसानों की आय बढ़ाना और कृषि उत्पादन में तेजी लाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए सिंचाई नेटवर्क का विस्तार तेजी से किया जा रहा है, ताकि वर्षा पर निर्भरता कम हो और खेती अधिक उत्पादक बन सके।” उन्होंने आगे जोड़ा, “नई परियोजनाएं सिंचाई के साथ-साथ ग्राउंडवाटर रिचार्ज को भी बढ़ावा देंगी, जिससे पेयजल आपूर्ति की समस्या कम होगी।” अधिकारियों का मानना है कि इनसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को व्यापक गति मिलेगी, क्योंकि सिंचाई से फसलें मजबूत होंगी और बाजार में अच्छे दाम मिलेंगे। छोटे-मझोले किसान खासतौर पर फायदा उठाएंगे, जो अब रबी में गेहूं या दालें बोने की हिम्मत जुटा सकेंगे।

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  • Rahul

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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