नई टमाटर किस्म से किसानों की होगी बंपर कमाई, जानिए इसकी जबरदस्त खासियतें

रबी के मौसम में किसान भाई पारंपरिक फसलों से ऊब चुके हैं। अब सबकी नजर टमाटर जैसी सब्जियों पर है, जो न सिर्फ ज्यादा पैदावार देती हैं बल्कि जेब भी भरती हैं। इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट (IARI) पूसा ने ऐसी 4 नई किस्में लाई हैं पूसा रक्षित, पूसा टोमैटो हाइब्रिड-1, पूसा चेरी-1 और पूसा गोल्डन चेरी टोमैटो-2 जो बीमारियों से लड़ती हैं और पॉलीहाउस में उगाने से 1000 वर्ग मीटर में 1.3 लाख रुपये तक शुद्ध मुनाफा दिला सकती हैं। ये किस्में छोटे किसानों के लिए खास हैं, जो साल भर खेती करके परिवार की आर्थिक तंगी मिटा सकते हैं।

पारंपरिक तरीके से टमाटर की फसल 3-4 महीने में तैयार हो जाती है। लेकिन IARI की ये किस्में प्रोटेक्टेड कल्टीवेशन यानी पॉलीहाउस या नेटहाउस में उगाएं तो 10-11 महीने तक फल देती रहेंगी। इससे किसान लगातार कटाई कर सकेंगे और ऑफ-सीजन में ऊंची कीमतों का फायदा उठा सकेंगे। दिल्ली-एनसीआर जैसे इलाकों में ये किस्में नोटिफाई हो चुकी हैं, जो साबित करता है कि ये बाजार में टिकाऊ हैं।

प्रोटेक्टेड कल्टीवेशन से क्यों बनेगी कमाई

पॉलीहाउस या नेटहाउस में खेती करने से मौसम की मार नहीं पड़ती। फसल की उम्र बढ़ जाती है, पानी और खाद की बचत होती है। IARI के वैज्ञानिकों का कहना है कि इन संरचनाओं में हवा और रोशनी का सही नियंत्रण रहता है, जिससे फल बड़े, चमकदार और लंबे समय तक ताजा रहते हैं। छोटे किसान भी कम जमीन पर शुरू कर सकते हैं। 1000 वर्ग मीटर में ही इतनी पैदावार हो जाएगी कि लागत निकलते ही लाखों का फायदा बचेगा। गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के किसान पहले से ही ऐसी तकनीक आजमा रहे हैं और उनका अनुभव सकारात्मक है।

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किस्मों की खास बातें जो दिलाएंगी दोगुना फायदा

पूसा रक्षित एक हाइब्रिड किस्म है, जो प्रोटेक्टेड जगहों के लिए बनी है। इसके पौधे मजबूत बढ़ते हैं, फल मोटे छिलके वाले, गोल और चमकीले लाल होते हैं। बीमारियां जैसे लीफ कर्ल दूर रहती हैं, और स्टोरेज लंबा चलता है। इससे किसान दूर के बाजारों में बेच सकेंगे।

पूसा टोमैटो हाइब्रिड-1 भी हाइब्रिड है, जो गोल-गोल फल देती है। ये आकर्षक दिखते हैं, जो प्रीमियम दाम दिलाते हैं। हर पौधे से 3.5-4.5 किलो तक फल मिल सकते हैं, और ये 20-25 फुट ऊंचे पौधों पर लगातार आते रहते हैं।

पूसा चेरी-1 चेरी टमाटर की किस्म है, छोटे-छोटे चमकदार लाल फल देती है। सलाद या एक्सपोर्ट के लिए बेस्ट है। स्वाद मीठा और दिखने में इतना अच्छा कि ग्राहक तुरंत खरीद लेंगे।

पूसा गोल्डन चेरी टोमैटो-2 सुनहरी-पीली चेरी टमाटर है, जो पहली देसी किस्म है। इसमें बीटा-कैरोटीन और विटामिन C भरपूर है। स्वास्थ्य के शौकीनों को पसंद आएगी, और नेटहाउस में आसानी से उग सकती है। ये सभी किस्में अनिश्चित काल तक फल देती हैं, यानी एक बार लगाओ तो साल भर कमाई।

नई तकनीक से खेती होगी तेज और आसान

IARI ने बीज के अलावा तने की कटिंग से रोपाई का तरीका भी सुझाया है। हाइड्रोपोनिक्स में कटिंग 8-10 दिन में जड़ें जमा लेती है, और तीन हफ्ते में रोपने लायक हो जाती है। इससे समय बचता है और पैदावार बढ़ती है। विशेषज्ञों का सलाह है कि पौधों को 50 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाएं, पंक्तियों में 100 सेंटीमीटर छोड़ें। सिंगल स्टेम तरीके से बढ़ने दें, ताकि ऊपर की तरफ ग्रोथ हो और हवा अच्छी चले। इससे कटाई आसान होगी और बीमारी का डर कम।

मैंने पूसा के वैज्ञानिकों से बात की, उन्होंने बताया कि ये किस्में छोटे किसानों के लिए डिजाइन की गई हैं। लागत 50-60 हजार रुपये प्रति 1000 वर्ग मीटर आ सकती है, लेकिन पैदावार 50-60 टन प्रति हेक्टेयर तक पहुंच जाएगी। बाजार में 20-30 रुपये प्रति किलो मिले तो मुनाफा पक्का।

किसान भाई, अभी शुरू करें ये खेती

अगर आप सीमांत किसान हैं तो घबराएं नहीं। नजदीकी कृषि केंद्र से बीज लें, पॉलीहाउस सब्सिडी का फायदा उठाएं। रबी में लगाएं तो अगले साल तक कमाई चलेगी। ये किस्में न सिर्फ आमदनी दोगुनी करेंगी बल्कि खेती को मजेदार बना देंगी। मौका हाथ से न जाने दें, आज ही प्लान बनाएं।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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