ऑर्गेनिक खेती कैसे करें- जानें इसके लाभ, महत्त्व और विशेषताएं

Organic Kheti Kaise Karen: क्या आप जानते हैं कि आजकल ऑर्गेनिक खेती केवल एक ट्रेंड नहीं है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए एक जरूरी कदम बन चुकी है? ऑर्गेनिक खेती न केवल मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारती है, बल्कि रसायनों के उपयोग को भी खत्म करती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि Organic Kheti Kaise Karen, ताकि आप इसे अपने जीवन में लागू कर सकें।

ऑर्गेनिक खेती का इतिहास

विश्व को जैविक खेती भारत की देन है ,आज के 4000 वर्ष पहले भारत और चीन में जैविक खेती ही की जाती थी । यहाँ पशुओं के अपशिष्ट से खाद तैयार कर उन्हें खेतों में डाला जाता था और मिट्टी की गुणवत्ता के लिए परती छोड़ना भेड़ो के झुंडों को गायों के झुंडों को बैठाया जाता था जिससे खेत अपनी क्षमता नही खोते थे और जो उत्पादन होता था वह बहुत पौष्टिक एवं स्वादिष्ट होते थे।

आज की हरितक्रांति युग मे उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से रसायनिक खादों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग ने मिट्टी की गुणवत्ता ,मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचा दिया है इसी को ध्यान में रखते हुए 1990 के दशक में विश्व पटल पर ऑर्गेनिक खेती का चलन प्रारंभ हुआ और जो विश्व के कई देश जैविक खेती को खूब बढ़ावा दे रहे हैं। आज शॉपिंग मॉल आदि में ऑर्गेनिक सब्जियों की अलग सेल भी लग रही है यह सतत विकास अथवा टिकाऊ विकास को भी मजबूती देता है

Organic Kheti Kaise Karen

जैविक खेती और रसायनिक खेती में अंतर

रसायनिक खेती आज पूरे विश्व में की जा रही है सभी देशों में खाद्यान्न की भारी मांग को पूरा करने की चुनौती है जो रसायनिक विधि से ही सम्भव हो पाई है लेकिन वर्तमान समय में रसायनिक खेती के दुष्प्रभाव इतना भयावह है कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो रही है, पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है मानव स्वास्थ्य पर तो इसके इतने बुरे प्रभाव हैं कि जो सक्षम देश हैं वे अपने यहाँ प्रतिबंध लगा दिए हैं, सब्जियों और फलों की खेती में रसायनिक खाद के जगह पर अन्य ह्यूमिक खाद का प्रयोग हो रहा है।

जैविक खेती अभी विश्व मे शैशवावस्था में है खाद्यान्न की भारी मांग को जैविक खेती से पूरा करना अभी चुनौती है जैविक खेती रसायनिक खेती से अलग है इसमें खाद के जगह पशुओं के अपशिष्ट पदार्थों से बने कम्पोस्ट , ड्रिप सिचाई, पॉलीहाउस आदि का उपयोग किया जाता है

ऑर्गेनिक खेती क्यों जरूरी है?

पर्यावरण और स्वास्थ्य पर बढ़ते रासायनिक प्रभावों को देखते हुए, ऑर्गेनिक खेती समय की मांग बन गई है। इसके कुछ प्रमुख लाभ:

  • मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार: जैविक खादें मिट्टी को पोषक तत्वों से भरपूर बनाती हैं।
  • पानी की खपत में कमी: ऑर्गेनिक विधियों से पानी की बचत होती है।
  • स्वास्थ्य के लिए लाभकारी: रसायन मुक्त उत्पाद स्वास्थ्य के लिए बेहतर होते हैं।
  • लाभदायक बाजार: ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।

जैविक खेती कैसे शुरू करे (Organic Kheti Kaise Karen) उसके लिए आवश्यक चीजें

1. भूमि का चयन 

जैविक खेती के लिए भूमि ऊपजाऊ हो मिट्टी की भी जांच कर लेना चहिये की किन पोषक तत्वों की जरूरत है।

2. सिंचाई का प्रबंध 

ऑर्गेनिक खेती के लिए सिचाई का उत्तम प्रबंध हो जिससे फसल को जितनी जरूरत हो उतना ही पानी दिया जाय ड्रिप सिचाई सबसे उत्तम मानी जाती है।

3. जैविक खाद 

जैविक खेती (Organic Kheti) के लिए कम्पोस्ट खाद की आवश्यकता होती है, इसके अलावा हरि खाद आदि का उपयोग किया जाता है कीटनाशक के लिए नीम की खली या मेथी और छाछ का प्रयोग किया जाता है

4. फसल चयन 

ऑर्गेनिक खेती में फसल चयन बड़ी भूमिका निभाती है ,उन फसलों का चयन करें जिनमें कम लागत आती हो और वो अपने पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित कर ले ,ताकि उसे रोगों से बचाया जा सके मौसम एवम जलवायु को ध्यान में रख कर ही फसल का चयन करें।

5. कीट और रोग प्रबंधन 

जैविक खेती में किट और रोग के लिए नीम की खली ,नीम का तेल ,लहसुन और अदरक , छाछ ,मेथी आदि का प्रयोग कर फसलों को बचाया जा सकता है।

Organic Kheti Kaise Karen

जैविक खाद और वर्मी-कंपोस्ट का उपयोग

वर्मी-कंपोस्ट और जैविक खाद ऑर्गेनिक खेती का दिल हैं। वर्मी-कंपोस्ट बनाने के लिए गोबर की सुखी पत्तियां और केंचुए की जरुरत पड़ती है। जिससे खाद बनने में लगभग 2-3 महीने का समय लगता है। खेत की उर्वरता बढाने के लिए गोबर की खाद को सीधे खेत में डालें। 

ऑर्गेनिक फसल का विपणन

ऑर्गेनिक खेती के लिए सरकार की कई योजनाएं हैं जैविक खेती के उत्पाद का सही मूल्य के लिए बाजार में उचित मूल्य मिलता है । आज कल डिजिटल मार्केटिंग ने भी जैविक खेती के उत्पाद को बेचना शुरू कर दिया है ।आप ऑनलाइन शॉपिंग से जुड़ कर यहाँ अपने ऑर्गेनिक उत्पाद बेंच सकते हैं।

ऑर्गेनिक उत्पादों का प्रमाणीकरण

ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन बाजार में आपके उत्पाद की मांग बढ़ाने में मदद करता है। भारत में उपलब्ध प्रमाणन एजेंसियां:

  • एनओपी (NOP)
  • एनपीओपी (NPOP)

जैविक खेती का भविष्य

आज पूरी दुनिया में ऑर्गेनिक खेती ने जिस तरह से लोगो का ध्यान खींचा है उससे कह सकते हैं कि आज कई गांव या जिले या राज्य जैविक घोषित हो रहे हैं । जैविक खेती (Organic Kheti Kaise Karen) आज विश्व मे जितने भी सम्पन परिवार या देश हैं वे अपने खाद्य पदार्थों में ऑर्गेनिक खाद्यान्न को ही शामिल कर रहे हैं ऑस्ट्रेलिया जैसे देश ने अपने खाद्य पदार्थों के लिए सिर्फ जैविक खेती को ही अनिवार्य कर दिया है आज समस्त यूरोप और कुछ एशियाई देशों में भी जैविक खेती को खूब बढ़ावा दिया जा रहा है।

ऑर्गेनिक खेती न केवल किसानों को आर्थिक लाभ देती है बल्कि पर्यावरण और समाज के लिए भी बेहद फायदेमंद है। इसे अपनाने से आप स्वस्थ जीवनशैली और हरित भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं। सही योजना, तकनीक और मेहनत से आप ऑर्गेनिक खेती में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

FAQs

1. ऑर्गेनिक खेती शुरू करने में कितना समय लगता है? ऑर्गेनिक खेती की प्रक्रिया शुरू करने में 1-3 साल का समय लग सकता है। यह मिट्टी की गुणवत्ता पर निर्भर करता है।

2. क्या ऑर्गेनिक खेती महंगी होती है? शुरुआत में लागत अधिक हो सकती है, लेकिन लंबे समय में यह सस्ती साबित होती है।

3. जैविक बीज कहां से खरीदें? प्रमाणित जैविक बीज स्थानीय कृषि केंद्रों या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से खरीदे जा सकते हैं।

4. ऑर्गेनिक खेती में कौन-कौन सी फसलें उगा सकते हैं? धान, गेहूं, सब्जियां, और फल जैसी कई फसलें जैविक रूप से उगाई जा सकती हैं।

5. क्या सरकार से आर्थिक मदद मिलती है? हां, कई सरकारी योजनाओं के तहत किसानों को सब्सिडी और अन्य सहायता प्रदान की जाती है।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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