Ragi ML-365 Variety: खेती में कुछ नया करने का मन है? तो रागी, जिसे गाँव में मडुआ भी कहते हैं, आपके लिए सही विकल्प हो सकता है। यह मोटा अनाज न सिर्फ़ सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि बाजार में इसकी माँग भी सालभर रहती है। आजकल किसान धान-गेहूं के साथ-साथ रागी की खेती की तरफ बढ़ रहे हैं, क्योंकि यह कम पानी में भी अच्छी पैदावार देता है।
खास बात यह है कि सरकार भी रागी जैसी मोटी फसलों को बढ़ावा दे रही है। राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) अब रागी की उन्नत किस्म के बीज सस्ते दामों में ऑनलाइन बेच रहा है। आइए जानते हैं कि आप रागी की खेती कैसे शुरू कर सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
रागी क्यों है खास?
रागी को ‘सुपरफूड’ कहा जाता है, और यह नाम इसे यूं ही नहीं मिला। यह अनाज प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और आयरन जैसे पोषक तत्वों से भरा हुआ है। डायबिटीज और दिल की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए रागी खाना बहुत फायदेमंद है। बाजार में इसकी माँग तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि लोग अब सेहतमंद खाने की तरफ ध्यान दे रहे हैं।
Ragi ML-365 किस्म की ताकत
अगर आप रागी की खेती करना चाहते हैं, तो ML-365 किस्म आपके लिए शानदार विकल्प है। यह किस्म खास तौर पर खरीफ सीजन के लिए बनाई गई है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह कम पानी में भी अच्छी पैदावार देती है। सूखे वाले इलाकों में यह प्रति एकड़ 8 से 10 क्विंटल तक फसल दे सकती है। अगर आपके खेत में सिंचाई की अच्छी व्यवस्था है, तो यह 12 क्विंटल तक पैदावार दे सकती है। इतना ही नहीं, यह किस्म 105 दिनों में पककर तैयार हो जाती है, यानी आप जल्दी फसल काटकर बाजार में बेच सकते हैं।
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सस्ते में बीज कहाँ से लें?
रागी की खेती शुरू करने के लिए सबसे जरूरी है अच्छे बीज। राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) किसानों की मदद के लिए ML-365 किस्म के बीज सस्ते दामों में ऑनलाइन बेच रहा है। अभी 5 किलो का पैकेट सिर्फ़ 422 रुपये में मिल रहा है, जो बाजार से करीब 19 फीसदी सस्ता है। आप इसे NSC की आधिकारिक वेबसाइट या ONDC के ऑनलाइन स्टोर mystore.in से घर बैठे मंगवा सकते हैं। ऑर्डर करना भी आसान है। वेबसाइट पर जाकर बीज चुनें, अपने पते का ब्योरा डालें, और कुछ ही दिनों में बीज आपके घर पहुँच जाएंगे।
Ragi ML-365: Drought tolerant, short duration, high yielding variety.
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— National Seeds Corporation Limited (@NSCLIMITED) August 5, 2025
रागी की खेती कैसे करें?
रागी की खेती के लिए ज्यादा जटिलता की जरूरत नहीं है। इसके लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। खेत में पानी का जमाव नहीं होना चाहिए, क्योंकि जलभराव से फसल खराब हो सकती है। सामान्य बारिश रागी के लिए काफी है। बीज बोने का सबसे अच्छा तरीका है ड्रिल विधि, जिसमें बीज को सीधे लाइनों में बोया जाता है।
अगर आपके पास ड्रिल मशीन नहीं है, तो समतल खेत में बीज छिड़ककर भी बो सकते हैं। खेत तैयार करते समय गोबर की खाद डालें, ताकि मिट्टी को ताकत मिले। कर्नाटक के एक कृषि विशेषज्ञ डॉ. प्रकाश राव कहते हैं, “रागी की खेती में ज्यादा पानी या केमिकल की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए यह छोटे किसानों के लिए भी फायदेमंद है।”
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Ragi ML-365 मुनाफा
रागी की खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा है। एक हेक्टेयर में 4 से 5 किलो बीज काफी हैं। अगर आप ML-365 किस्म बोते हैं, तो सामान्य हालात में 12 से 14 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार मिल सकती है। बाजार में रागी का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) करीब 3846 रुपये प्रति क्विंटल है। यानी अगर आपकी फसल 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हुई, तो आप 46,000 रुपये तक कमा सकते हैं। लागत निकालने के बाद भी 30,000 से 35,000 रुपये का शुद्ध मुनाफा आसानी से हो सकता है।
केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारें मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहन दे रही हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) के तहत रागी की खेती के लिए सब्सिडी और तकनीकी मदद दी जा रही है। आप अपने नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क करके इन योजनाओं का फायदा उठा सकते हैं।
आज ही रागी की खेती शुरू करें और अपने खेत को हरा-भरा बनाएँ। यह न सिर्फ़ आपके लिए मुनाफा लाएगा, बल्कि देश की सेहत को भी बेहतर बनाएगा।
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