Zinc Biofertilizer: इफ्को का जिंक घोलक जैव उर्वरक, जिसे Z.S.B. कहते हैं, किसानों के लिए एक अनमोल तोहफा बनकर आया है। ये उर्वरक जिंक को मिट्टी से घोलकर पौधों तक पहुँचाता है, जिससे सभी फसलों की पैदावार में 20% तक की बढ़ोतरी होती है। चाहे धान की हरी भरी फसल हो या गेहूँ और दालों की कतारें, Z.S.B. हर एक को ताकत देता है। जुलाई की बारिश के साथ खेती की शुरुआत के लिए ये सही वक्त है। आइए, जानते हैं कि ये जैविक खजाना कैसे काम करता है, इसे कैसे इस्तेमाल करें, और मुनाफा कैसे बढ़ाएँ।
जिंक की कमी से निजात
जिंक पौधों के लिए वही है, जो खाद इंसान के लिए। इसकी कमी से पत्तियाँ पीली पड़ती हैं और फसल कमजोर हो जाती है। Z.S.B. इस कमी को दूर करता है, क्योंकि ये जिंक को घोलकर मिट्टी से सीधे पौधों तक पहुँचाता है। इससे पौधों की ग्रोथ तेज होती है, फूलों की संख्या बढ़ती है, और दाने मोटे-मोटे बनते हैं। शोध बताते हैं कि इसके इस्तेमाल से उपज 20% तक बढ़ जाती है, जो किसानों की जेब को मोटा करता है। गाँवों में जहाँ मिट्टी जिंक से खाली है, वहाँ ये उर्वरक फसलों को नई जिंदगी दे रहा है।
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सभी फसलों का साथी
Z.S.B. की खासियत ये है कि इसे हर फसल में इस्तेमाल किया जा सकता है। धान के खेतों में बीज उपचार से लेकर गेहूँ, दालों, और सब्जियों में मिट्टी उपचार तक, ये हर जगह असर दिखाता है। फलों के बागों में ड्रिप सिंचाई के जरिए इसे डालने से आम, केला, और नींबू जैसे पेड़ों की सेहत बेहतर होती है। चाहे बारिश हो या सूखा, ये उर्वरक हर मौसम में फसलों को मजबूती देता है। मिट्टी में जिंक को सक्रिय करके ये पौधों के लिए आसान बनाता है, और लंबे समय तक मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है।
आसान इस्तेमाल का तरीका
Z.S.B. को खेत में लगाना बिल्कुल आसान है। बीज उपचार के लिए 200 ग्राम Z.S.B. को 10 लीटर पानी में मिलाकर 1 किलो बीज को 6-8 घंटे भिगोएँ। मिट्टी उपचार के लिए 5-6 किलो Z.S.B. को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बुआई से पहले खेत में मिलाएँ। ड्रिप सिंचाई के लिए 2-3 किलो को पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर डालें। जुलाई की शुरुआत में, जब फसल की जड़ें मिट्टी में गहरी होने लगती हैं, इसे इस्तेमाल करें। हर 15-20 दिन में मिट्टी की जाँच करें, ताकि जिंक की कमी का पता चल सके और जरूरत पड़ने पर दोबारा डालें। ये तरीका मेहनत कम और फायदा ज्यादा देता है।
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मिट्टी और फसल की सेहत
Z.S.B. न सिर्फ़ उपज बढ़ाता है, बल्कि मिट्टी की सेहत भी सुधारता है। रासायनिक उर्वरकों की जगह ये जैविक विकल्प मिट्टी को जहरीला नहीं बनाता। इससे मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की संख्या बढ़ती है, जो पौधों को पोषण देते हैं। फसलों की गुणवत्ता में सुधार होता है, और पत्तियाँ हरी-भरी रहती हैं। गाँवों में अब लोग इससे उगाई गई सब्जियाँ और अनाज को शुद्ध मानकर खरीद रहे हैं, जो बाजार में अच्छे दाम दिलाता है।
Z.S.B. के इस्तेमाल से उपज में 20% वृद्धि का मतलब है कि किसानों की आय में सीधा फायदा। धान में ज्यादा दाने, दालों में बेहतर क्वालिटी, और सब्जियों में चमकदार रंग इस उर्वरक का कमाल है। बाजार में जैविक उत्पादों की मांग बढ़ रही है, जहाँ Z.S.B. से उगाई फसलें अच्छे दाम पर बिकती हैं। इससे लागत में मामूली बढ़ोतरी के बावजूद मुनाफा कई गुना हो सकता है।
उपलब्धता और सहायता
Z.S.B. खरीदने के लिए नजदीकी कृषि केंद्र या इफ्को स्टोर का रुख करें, जहाँ प्रमाणित उत्पाद मिलता है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स जैसे Amazon India या इफ्को की आधिकारिक वेबसाइट भी विकल्प हैं। सरकार परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) के तहत जैव उर्वरकों पर सब्सिडी दे रही है, जो लागत कम करती है। नजदीकी केंद्र से सलाह लेकर इसका फायदा उठाएँ।
जुलाई 2025 से Z.S.B. का इस्तेमाल शुरू करें और अपनी फसलों को नई ऊँचाइयों पर ले जाएँ। ये जैव उर्वरक न सिर्फ़ मुनाफा बढ़ाएगा, बल्कि मिट्टी और सेहत को भी समृद्ध करेगा। आइए, मिलकर जैविक खेती की राह पर चलें और देश को अन्न का सच्चा आधार बनाएँ।
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