Verticle Gardening Tips in Monsoon: मॉनसून में करें वर्टिकल गार्डनिंग की शुरुआत, छोटी सी जगह में उगाएं सब्ज़ियां और सजावटी पौधे

Verticle Gardening Tips in Monsoon: मॉनसून का मौसम आते ही हर तरफ हरियाली छा जाती है। अगर आपके पास बड़ा गार्डन नहीं है, तो वर्टिकल गार्डनिंग आपके लिए एकदम सही है। चाहे छोटी-सी बालकनी हो, दीवार का कोना हो, या घर का कोई खाली हिस्सा, इस तरीके से आप हर जगह पौधों की ताज़गी ला सकते हैं। ये कोई महंगा शौक नहीं, बल्कि सस्ता और पर्यावरण के लिए फायदेमंद तरीका है। मॉनसून में बारिश और नमी पौधों को तेज़ी से बढ़ने में मदद करती है, जिससे आपका घर और भी खूबसूरत लगने लगता है।

वर्टिकल गार्डनिंग क्या होती है?

वर्टिकल गार्डनिंग का मतलब है पौधों को ज़मीन की बजाय ऊपर की ओर, यानी दीवारों, स्टैंड या रैक पर उगाना। ये तरीका उन लोगों के लिए बेस्ट है, जिनके पास जगह कम है, जैसे कि अपार्टमेंट या छोटे घरों में रहने वालों के लिए। मॉनसून में ये और भी आसान हो जाता है, क्योंकि बारिश का पानी और हवा की नमी पौधों के लिए प्राकृतिक खुराक का काम करती है। इससे न सिर्फ़ आपका घर हरा-भरा होता है, बल्कि माहौल भी ताज़ा और ठंडा रहता है। ये आपके घर को एक नया, प्राकृतिक लुक देता है।

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छोटी जगह में बड़े फायदे (Benefits of Vertical gardening)

वर्टिकल गार्डनिंग का सबसे बड़ा फायदा है कि ये जगह की बचत करता है। छोटी बालकनी या दीवार पर भी आप ढेर सारे पौधे उगा सकते हैं। ये तरीका पर्यावरण के लिए भी बहुत अच्छा है, क्योंकि पौधे हवा को साफ करते हैं और गर्मी को कम करने में मदद करते हैं। इससे आपके घर में एसी या कूलर की ज़रूरत कम हो सकती है, जिससे बिजली का खर्चा बचता है।

मॉनसून में पौधों की चमक और ताज़गी आपके घर को और खूबसूरत बनाती है। आप चाहें तो इस तरीके से धनिया, पालक, मिर्च या छोटे टमाटर जैसे पौधे उगा सकते हैं, जो आपकी रसोई के लिए ताज़ा सब्जियाँ देंगे। बारिश का पानी इन पौधों को मुफ्त में सींचता है, जिससे पानी की भी बचत होती है।

वर्टिकल गार्डनिंग शुरू करने का तरीका

वर्टिकल गार्डनिंग शुरू करना बिल्कुल आसान है। सबसे पहले अपने घर में ऐसी जगह चुनें, जहाँ सुबह की धूप और हवा अच्छे से आए। बालकनी, दीवार या कोई खुला कोना इसके लिए ठीक है। बाज़ार में वर्टिकल गार्डनिंग के लिए खास गमले, फ्रेम या स्टैंड मिलते हैं। अगर बजट कम है, तो पुरानी प्लास्टिक की बोतलें, टिन के डिब्बे या लकड़ी के तख्तों से भी काम चल सकता है।

मॉनसून में मनी प्लांट, फर्न, इंग्लिश आइवी या धनिया जैसे पौधे लगाएँ, जो कम देखभाल में भी अच्छे बढ़ते हैं। पौधों को समय-समय पर जैविक खाद, जैसे गोबर की खाद या घर की बनी खाद, दें। फ्रेम को मज़बूती से लगाएँ, ताकि बारिश या हवा में वो टिके रहें। अगर बारिश बहुत ज्यादा हो, तो गमलों में पानी के निकास का इंतज़ाम रखें, ताकि पौधों की जड़ें न सड़ें।

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मॉनसून में क्यों है खास

मॉनसून का मौसम पौधों के लिए सबसे अच्छा समय होता है। बारिश का पानी और हवा की नमी पौधों को हरा-भरा और तंदुरुस्त रखती है। इस मौसम में आपको पौधों को बार-बार पानी देने की ज़रूरत नहीं पड़ती, क्योंकि बारिश ये काम खुद कर देती है। वर्टिकल गार्डनिंग से आपका घर न सिर्फ़ सुंदर दिखता है, बल्कि माहौल भी ताज़ा और ठंडा रहता है। पौधों की हरी चमक और बारिश की बूंदों का मेल आपके घर को प्रकृति के करीब लाता है।

अपने घर को दें प्राकृतिक सजावट

वर्टिकल गार्डनिंग सिर्फ़ हरियाली लाने का तरीका नहीं, बल्कि पर्यावरण को बचाने का एक छोटा-सा कदम भी है। ये आपके घर को ताज़गी, सुंदरता और सेहतमंद माहौल देता है। मॉनसून में इस तरीके को अपनाकर आप छोटी जगह में भी बड़ा गार्डन बना सकते हैं। तो इस बारिश के मौसम में अपने घर की दीवारों को पौधों से सजाएँ, ताज़ा सब्जियाँ उगाएँ और प्रकृति का मज़ा लें।

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  • Shashikant

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