JS 20-116: राजस्थान के किसानों के लिए सोयाबीन की बंपर कमाई वाली किस्म

Soybean JS 20-116 Variety: खेती हम किसानों का जीवन है, और सोयाबीन की खेती कम लागत में अच्छी कमाई का रास्ता खोलती है। राजस्थान के बूंदी जिले में 24 जून 2025 को केशवरायपाटन के कृषि विज्ञान केंद्र में एक खास प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ। इस कार्यक्रम में मॉडल ऑइलसीड विलेज योजना के तहत गाँव भीया के किसानों को सोयाबीन की उन्नत किस्म JS 20-116 और आधुनिक खेती के तरीकों की पूरी जानकारी दी गई। इसका मकसद है किसानों की मेहनत को फलदायी बनाना और उनकी आय को दोगुना करना। इस प्रशिक्षण में वैज्ञानिकों ने बताया कि सही तरीके अपनाकर किसान न सिर्फ ज्यादा फसल ले सकते हैं, बल्कि अपने खेतों को और बेहतर बना सकते हैं।

JS 20-116 की खासियत

सोयाबीन की JS 20-116 (Soybean JS 20-116 Variety) किस्म किसानों के लिए वरदान है। ये किस्म 95-100 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और सही देखभाल से प्रति हेक्टेयर 20-25 क्विंटल तक पैदावार दे सकती है। इसके दाने पीले और मध्यम आकार के होते हैं, जिनमें काले रंग की नाभिका होती है।

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इसकी फलियाँ चिकनी और तना मध्यम ऊँचाई का होता है। इस किस्म में 19-20% तेल की मात्रा होती है, जो बाजार में अच्छी कीमत दिलाती है। खास बात ये है कि ये किस्म पीला मोजेक, चारकोल सड़न, पत्ती धब्बा, तना मक्खी और पत्ती खाने वाली इल्लियों जैसे रोगों और कीटों से लड़ने में सक्षम है। बूंदी के प्रशिक्षण में किसानों को इस किस्म के बीज और जरूरी सामग्री भी दी गई, ताकि वे इसे आजमा सकें।

खेती के वैज्ञानिक तरीके

खेती में अच्छी पैदावार के लिए सही शुरुआत जरूरी है। बूंदी के कृषि वैज्ञानिकों ने सलाह दी कि बुवाई से पहले बीजों को उपचारित करना बहुत जरूरी है। इसके लिए प्रति किलो बीज पर 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम फफूंदनाशक, 10 मिली थायोमिथाक्सम कीटनाशक, और 5 मिली राइजोबियम व फास्फोबैक्टीरिया जीवाणु कल्चर का इस्तेमाल करें। ये उपचार फसल को कीटों और रोगों से बचाता है और पैदावार बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही, खेत की अच्छी जुताई करें और दोमट मिट्टी का इस्तेमाल करें, जिसका पीएच 6 से 7.5 के बीच हो। बरसात में 60-70 सेंटीमीटर बारिश इस फसल के लिए सबसे अच्छी है। बुवाई का सही समय जून के मध्य से जुलाई तक है।

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पैदावार बढ़ाने के टिप्स

कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि एकीकृत फसल प्रबंधन अपनाने से पैदावार में बड़ा फर्क पड़ता है। खेत में खरपतवार को समय पर हटाएँ और नियमित रूप से फसल की जाँच करें। अगर कीट या रोग दिखें, तो नजदीकी कृषि केंद्र से सलाह लेकर सही दवाओं का छिड़काव करें। साथ ही, JS 20-116 के बीजों को अगली बुवाई के लिए रखें या बेचकर अतिरिक्त कमाई करें। ये किस्म न सिर्फ पैदावार बढ़ाती है, बल्कि स्थानीय स्तर पर बीजों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करती है। इससे गाँव के अन्य किसान भी फायदा उठा सकते हैं।

क्यों चुनें JS 20-116 (Soybean JS 20-116 Variety)

ये किस्म उन किसानों के लिए सबसे अच्छी है, जो कम समय में ज्यादा मुनाफा चाहते हैं। इसकी उच्च अंकुरण क्षमता और रोगों के प्रति सहनशीलता इसे खास बनाती है। बूंदी के प्रशिक्षण में आए किसानों ने इस किस्म को आजमाने का फैसला किया, क्योंकि ये कम लागत में बंपर फसल देती है। खेती को आसान और फायदेमंद बनाने के लिए इस मौसम में JS 20-116 की बुवाई आजमाएँ। अपने खेतों को हरा-भरा रखें और कमाई बढ़ाएँ।

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  • Shashikant

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