फरवरी में आलू के खाली खेतों में करें प्याज की ये किस्म की खेती, कमाएं 15 से 28 लाख रुपये

Onion Farming Tips: फरवरी का महीना प्याज की खेती के लिए बहुत उपयुक्त होता है। इस समय तापमान में बढ़ोतरी होने लगती है, जिससे प्याज की फसल तेजी से बढ़ती है। ऐसे में किसान अपने आलू के खाली खेतों में NHRDF रेड-2 और NHRDF रेड-3 किस्म के प्याज लगाकर 300 से 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक का उत्पादन कर सकते हैं। इससे किसान 15 से 28 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं।

खेत की तैयारी कैसे करें? 

प्याज की खेती के लिए सबसे पहले खेत को अच्छी तरह से तैयार करना जरूरी है। इसके लिए पहले डिस्क हैरो से गहरी जुताई करें, फिर रोटावेटर से मिट्टी को भुरभुरा बनाएं। इसके बाद खेत को समतल कर उसमें कूड़ बना लें, जिनके ऊपर प्याज की पौध लगाई जा सके। खेत की अंतिम जुताई करने से पहले गोबर की सड़ी हुई खाद का इस्तेमाल जरूर करें। इससे मिट्टी में जैविक तत्वों की मात्रा बढ़ेगी और प्याज का साइज बड़ा होगा, जिससे उत्पादन में वृद्धि होगी।

प्याज की उन्नत किस्में और उनकी खासियत

प्याज की फसल लगाने के लिए सही किस्म का चुनाव करना बहुत जरूरी है। किसान फरवरी महीने में NHRDF रेड-2 और NHRDF रेड-3 किस्में लगाकर अच्छा उत्पादन ले सकते हैं।

NHRDF रेड-2 प्याज की किस्म रबी मौसम के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इसके प्याज का आकार गोल और रंग हल्का लाल होता है। यह किस्म उत्तरी, मध्य और पश्चिमी भारत के किसानों के लिए बेहतर विकल्प है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे लंबे समय तक भंडारित किया जा सकता है। यह किस्म 100 से 120 दिन में तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 300 से 400 क्विंटल उत्पादन देती है

NHRDF रेड-3 प्याज की किस्म भी एक बेहतरीन विकल्प है। इस किस्म के प्याज भी गोल आकार और हल्के लाल रंग के होते हैं। यह किस्म रोपाई के 110 से 130 दिन में तैयार हो जाती है और 300 से 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देती है। इसे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसान रबी मौसम में उगा सकते हैं

प्याज की रोपाई कैसे करें?

प्याज की अच्छी पैदावार के लिए पौधों के बीच उचित दूरी रखना बहुत जरूरी होता है। पौधों के पास सही मात्रा में धूप और पोषक तत्व पहुंचाने के लिए पंक्ति से पंक्ति की दूरी 15 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटीमीटर रखें। अगर मिट्टी रेतीली हो तो पौधों के बीच थोड़ी अधिक दूरी रखी जा सकती है।

अगर किसान के पास पहले से तैयार प्याज की पौध नहीं है तो वे बाजार से अच्छी किस्म की पौध खरीद सकते हैं। सही किस्म और अच्छी गुणवत्ता वाली पौध से ही बेहतर उत्पादन संभव है।

कितनी होगी कमाई?

अगर किसान सही तकनीक और अच्छी देखभाल के साथ प्याज की खेती करें तो एक हेक्टेयर खेत में 300 से 400 क्विंटल तक प्याज का उत्पादन हो सकता है। वर्तमान बाजार दर के हिसाब से 15 से 28 लाख रुपए तक की कमाई संभव है

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  • Shashikant

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