Agriculture Research News: सागर जिले के कृषि विज्ञान केंद्र की पोषण वाटिका में नवंबर में लगाई गई रंगीन गोभी की फसल अब तैयार हो चुकी है। यह गोभी सफेद के अलावा नारंगी और बैंगनी रंग में भी उगाई जा रही है, जो न केवल आकर्षक दिखती है बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है।
रंगीन गोभी की खासियत यह है कि इसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और जिंक अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है और बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद लाभकारी होती है। इसकी मांग होटल और रेस्टोरेंट में तेजी से बढ़ रही है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलने की उम्मीद है।
तेजी से बढ़ती मांग और ऊंचा बाजार मूल्य
यह गोभी जैविक विधि से तैयार की गई है और बाजार में आम गोभी की तुलना में चार गुना अधिक दाम मिलने की संभावना है। अधिक उत्पादन के कारण किसानों को सामान्य गोभी के सही दाम नहीं मिलते, लेकिन यह रंगीन किस्म अपनी पोषण गुणवत्ता और आकर्षक रंगों के कारण ग्राहकों को खूब पसंद आ रही है।
फसल की अवधि और उत्पादन
रंगीन गोभी की यह किस्म केवल 80 दिनों में तैयार हो जाती है। एक गोभी का वजन 1 से 2 किलो तक होता है। यदि इसे टमाटर के साथ लगाया जाए तो कीटों और बीमारियों का खतरा कम हो जाता है, जिससे श्रम और उर्वरकों की भी बचत होती है।
कृषि वैज्ञानिकों की राय
कृषि विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. केएस यादव का कहना है कि जिले में गोभी की अच्छी पैदावार होती है, लेकिन अधिक उत्पादन होने पर किसानों को सही दाम नहीं मिलते। रंगीन गोभी की यह किस्म किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है क्योंकि यह बाजार में विशेष पहचान बनाएगी और इससे किसानों को अधिक मुनाफा मिलेगा।
किसानों के लिए नए अवसर
रंगीन गोभी की खेती उन किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन सकती है जो पारंपरिक फसलों से हटकर कुछ नया आजमाना चाहते हैं। इसकी ऊंची बाजार मांग और पोषण से भरपूर गुण इसे एक लाभदायक फसल बनाते हैं। यदि सही तकनीक और जैविक विधि से इसकी खेती की जाए, तो किसान इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
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