आ गयी है बेल फल की नई प्रजाति, जिससे होगी एक एकड़ में 3 लाख तक की मोटी कमाई

भारत में बेल का पेड़ बहुत महत्वपूर्ण है। यह न सिर्फ धार्मिक कामों में इस्तेमाल होता है, बल्कि इसके फल सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। नरेन्द्र 7 बेल एक नई और बेहतर किस्म है, जो कम लागत में ज्यादा मुनाफा देती है। इसकी खेती करके गाँव के किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं।

नरेन्द्र 7 बेल की खास बातें

नरेन्द्र 7 बेल की किस्म बहुत तेजी से बढ़ती है और जल्दी फल देती है। एक पेड़ से 100 से 150 किलो तक फल मिल सकते हैं। इसके फल बड़े और भारी होते हैं, जिनका वजन 1 से 1.5 किलो तक होता है। यह किस्म बीमारियों से लड़ने में मजबूत है और कम पानी में भी अच्छी पैदावार देती है। इसके फल मीठे और खुशबूदार होते हैं, जो बाजार में अच्छे दामों पर बिकते हैं।

मिट्टी और बुआई का तरीका

नरेन्द्र 7 बेल गर्म और सूखे मौसम में अच्छी तरह बढ़ती है। यह 45 डिग्री तक के तापमान को सहन कर सकती है और ठंड में भी जीवित रहती है। इसकी खेती के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। मिट्टी में पानी न रुके, इसका ध्यान रखना जरूरी है। मिट्टी का pH स्तर 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।

बेल की खेती बीज या कलम (गूटी) से की जा सकती है। लेकिन नरेन्द्र 7 बेल की खेती के लिए कलम विधि बेहतर है क्योंकि इससे जल्दी और ज्यादा फल मिलते हैं। बुआई का सबसे अच्छा समय जून से अगस्त तक होता है। पौधे लगाते समय एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी 5 से 6 मीटर रखें ताकि उन्हें पर्याप्त धूप और पोषण मिल सके।

सिंचाई और खाद

गर्मियों में 15-20 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें। बारिश के मौसम में सिंचाई की जरूरत नहीं होती। ध्यान रखें कि खेत में पानी जमा न हो, नहीं तो पौधों की जड़ें सड़ सकती हैं। पौधों को अच्छी तरह बढ़ने के लिए गोबर की खाद और कुछ रासायनिक खाद देना जरूरी है। हर साल एक पौधे को 15-20 किलो गोबर की खाद, 300-400 ग्राम यूरिया, 250-300 ग्राम फॉस्फोरस और 250-300 ग्राम पोटाश दें। खाद फरवरी-मार्च और सितंबर-अक्टूबर में डालें।

नरेन्द्र 7 बेल में बीमारियाँ और कीट कम लगते हैं, लेकिन कुछ समस्याएँ आ सकती हैं। फंगस की बीमारी होने पर तांबे वाली दवा का छिड़काव करें। पत्तों पर धब्बे दिखने पर ट्राइकोडर्मा का छिड़काव करें। दीमक से बचाव के लिए क्लोरपाइरीफॉस का इस्तेमाल करें। फल मक्खी से बचने के लिए नीम के तेल या जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करें।

फल तोड़ना का समय 

फल फरवरी से मई के बीच तोड़े जाते हैं। जब फल हल्का पीला हो जाए, तब उसे तोड़ लें। फलों को ठंडी और सूखी जगह पर रखें ताकि वे लंबे समय तक सुरक्षित रहें।

बाजार में बिक्री

बेल के फलों की मांग आयुर्वेदिक दवाओं, खाने और धार्मिक कामों के लिए हमेशा बनी रहती है। नरेन्द्र 7 बेल के फल 20 से 50 रुपये प्रति किलो तक बिकते हैं। अगर सही तरीके से खेती की जाए, तो एक हेक्टेयर से 5-7 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है।

नरेन्द्र 7 बेल की खेती गाँव के किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह कम पानी, कम लागत और ज्यादा मुनाफा देने वाली किस्म है। अगर सही तरीके से खेती की जाए, तो किसान कम समय में अच्छी कमाई कर सकते हैं।

ये भी पढ़ें –खेती से करोड़पति बनने का मौका! इस तकनीक से उगाएं ये फसल, सरकार भी देगी 50% अनुदान

Author

  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

    View all posts

Leave a Comment