सरसों के किसान ध्यान दें! ये कीट आपकी फसल का तेल निकाल देंगे, तुरंत करें ये उपाय

Mustard Crop Care Tips: सरसों की खेती भारत में एक प्रमुख तिलहनी फसल है, जिसका तेल रसोई में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इसकी मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा होता है। हालांकि, सरसों की फसल को कई रोग और कीटों का खतरा होता है, जो उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें माहू कीट और पाउडरी मिल्ड्यू रोग प्रमुख हैं। आइए, इन समस्याओं के लक्षण, नुकसान और उपचार के बारे में विस्तार से जानते हैं।

माहू कीट: लक्षण और नियंत्रण

लक्षण: माहू कीट सरसों के नरम और कोमल भागों पर हमला करते हैं। ये कीट पत्तियों और फूलों का रस चूस लेते हैं, जिससे पौधे कमजोर हो जाते हैं। फूलों से रस चूसने के कारण दाने नहीं बनते, जिससे उपज प्रभावित होती है। प्रतिकूल मौसम (बारिश या बदली) में इनकी संख्या तेजी से बढ़ती है।

नियंत्रण के उपाय: रासायनिक दवाओं में डाइमेथोएट 30% ईसी, क्यूनालफॉस 25%, क्लोरपायरीफॉस 20%, और साइपरमेथ्रिन 10% का उपयोग किया जा सकता है। इन्हें 1 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। यदि रासायनिक दवाएं उपलब्ध नहीं हैं, तो नीम तेल का छिड़काव करें। घरेलू उपाय के रूप में काली मिर्च, लाल मिर्च पाउडर, अदरक और लहसुन का पेस्ट बनाकर 5 लीटर पानी में घोलें और 15 लीटर टंकी में मिलाकर छिड़काव करें।

पाउडरी मिल्ड्यू रोग: लक्षण और नियंत्रण

लक्षण: पाउडरी मिल्ड्यू रोग में पत्तियों पर सफेद पाउडर जैसा फफूंद जम जाता है। छूने पर यह पाउडर हाथों में लग जाता है। पत्तियां कमजोर हो जाती हैं और पौधे का विकास रुक जाता है।

नियंत्रण के उपाय: इस रोग के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (3-4 ग्राम प्रति लीटर पानी), कार्बेंडाजिम 50% WP (1 ग्राम प्रति लीटर), या कार्बेंडाजिम 20% + मैंकॉजेब 63% (2 ग्राम प्रति लीटर) का छिड़काव करें। घरेलू उपचार के लिए नीम तेल या बेकिंग सोडा (1 चम्मच) और नीम तेल (1 चम्मच) को 1 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

सरसों की फसल के लिए सामान्य देखभाल

सरसों की फसल की नियमित निगरानी करें और किसी भी रोग या कीट के लक्षण दिखते ही तुरंत उपचार करें। संतुलित सिंचाई दें, लेकिन अधिक पानी देने से बचें। नियमित निराई-गुड़ाई करके खरपतवार को नियंत्रित करें। संतुलित मात्रा में जैविक और रासायनिक खाद का उपयोग करें।

सरसों की फसल में माहू कीट और पाउडरी मिल्ड्यू रोग का समय पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है। रासायनिक दवाओं और घरेलू उपायों का सही तरीके से उपयोग करके इन समस्याओं से निपटा जा सकता है। सही देखभाल और प्रबंधन से सरसों की फसल से अधिक उपज और बेहतर गुणवत्ता प्राप्त की जा सकती है।

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  • Shashikant

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