मूंग की खेती से छापें लाखों, बस 60 दिनों में तैयार होगी ये 10 हाई-यील्ड वैरायटी, जानें पूरी प्रक्रिया

Moong Farming Tips: गर्मी का मौसम सिर्फ पसीना बहाने का नहीं, बल्कि खेत से कमाई बढ़ाने का भी वक्त है। अगर आपके खेत मार्च में खाली होने वाले हैं और पानी का इंतजाम है, तो मूंग की खेती आपके लिए तीसरी फसल का सुनहरा मौका ला सकती है। कृषि वैज्ञानिक कहते हैं कि 25 मार्च तक मूंग की बुवाई कर लें, तो अच्छी उपज हाथ लगेगी। खास बात ये है कि मूंग की कुछ खास किस्में 50-70 दिन में तैयार हो जाती हैं, कम पानी माँगती हैं, रोगों से लड़ती हैं और भरपूर पैदावार देती हैं। तो भाइयों, खेत तैयार करें और मूंग से जेब भरें।

25 मार्च तक बुवाई करें, मुनाफा पक्का

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गर्मियों में मूंग की खेती खरीफ के अलावा जायद सीजन में भी शानदार नतीजे देती है। बस खेत को अच्छे से जोत लें, गोबर की खाद मिलाएँ और 25 मार्च से पहले बीज डाल दें। जिनके पास सिंचाई का इंतजाम है, उनके लिए तो ये सोने पे सुहागा है। मूंग की ऐसी किस्में चुनें जो कम दिनों में पक जाएँ और रोगों से बचें। आजकल बाज़ार में ऐसी टॉप वैरायटी मौजूद हैं, जो 50 दिन में ही फसल दे देती हैं। गाँव के एक किसान भाई ने बताया कि पिछले साल उन्होंने मूंग लगाई, और अप्रैल आते-आते जेब में पैसे आ गए। आप भी ये मौका न गँवाएँ।

मूंग की टॉप 10 वैरायटी जो कमाल करें

मूंग की कई किस्में हैं जो गर्मी में धमाल मचाती हैं। यहाँ टॉप 10 वैरायटी की पूरी डिटेल दी जा रही है, जो कम समय में पकती हैं, अच्छी उपज देती हैं और रोगों से लड़ती हैं:
1. आई.पी.एम.205-7 (विराट) – ये किस्म 52 से 55 दिन में तैयार हो जाती है। प्रति हेक्टेयर 12 से 14 क्विंटल तक उपज देती है। गर्मी के मौसम में ये सबसे मुफीद है और पीला मोजैक रोग इसे छू भी नहीं पाता।
2. हम-16 – बुवाई के 55 से 58 दिन में कटाई के लिए तैयार। गर्मी में कम समय में पकने वाली ये किस्म 16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार देती है। पीला मोजैक रोग का खतरा भी इससे दूर रहता है।
3. आई.पी.एम.99-125 (मेहा) – गर्मी में ये 60 से 62 दिन में पकती है और 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देती है। उत्पादन के मामले में ये किसानों की पसंदीदा है।
4. पी.डी.एम.11 – ये वैरायटी 60 से 65 दिन में 8 से 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज लाती है। फरवरी में बुवाई करें, तो अप्रैल के आखिरी हफ्ते तक बाज़ार में बिकने को तैयार हो जाती है।
5. पी.डी.एम.139 (सम्राट) – 60 से 65 दिन में तैयार होने वाली ये किस्म 12 क्विंटल तक उपज देती है। पीला मोजैक रोग से बचाने में भी ये माहिर है।
6. आई.पी.एम.2-14 – 62 से 65 दिन में पककर तैयार। इसमें पीला मोजैक रोग नहीं लगता और प्रति हेक्टेयर 12 क्विंटल तक मूंग देती है।
7. आई.पी.एम.410-3 (शिखा) – ये 65 से 70 दिन की फसल है। पीला मोजैक और पाउडरी मिल्ड्यू रोगों से लड़ती है, जिससे पैदावार अच्छी रहती है।
8. टी.जे.एम-3 – 61 से 70 दिन में तैयार होने वाली ये वैरायटी 8 से 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर देती है। पीला मोजैक और पाउडरी मिल्ड्यू से बचाव में भी ये मज़बूत है।
9. आई.पी.एम.512-1 (सूर्या) – सिर्फ 60 दिन में पककर तैयार। 12 क्विंटल तक उपज देती है और गर्मी में कम पानी से काम चला लेती है।
10. आई.पी.एम.02-03 – 68 दिन में पकने वाली ये किस्म 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक मूंग लाती है। गर्मी के लिए ये भी शानदार है।

देसी तरीके से बढ़ाएँ पैदावार

मूंग की खेती में थोड़ी देसी अक्ल काम आती है। बुवाई से पहले बीज को हल्के गुनगुने पानी में भिगो दें, इससे अंकुरण जल्दी होगा। खेत में नीम की खली मिला दें, कीड़े कम परेशान करेंगे। पानी का इंतजाम ऐसा रखें कि मिट्टी नम रहे, पर डूबे नहीं। गर्मी में मूंग जल्दी तैयार होती है, तो अप्रैल-मई में बाज़ार में बेचकर अच्छा दाम पाएँ।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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