Bitter Gourd Cultivation: मार्च का महीना आते ही सरसों की कटाई खत्म हो जाती है और खेत खाली पड़ जाते हैं। ऐसे में किसान भाई करेले की फसल लगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। करेला कम समय में तैयार होता है और गर्मियों में इसका बाजार में भाव बढ़िया मिलता है। खेत को खाली छोड़ने की बजाय सब्जियाँ उगाएँ, तो मेहनत का फल जल्दी हाथ में आएगा। करेले की किस्म “पूसा हाइब्रिड-1” 55-60 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और किसानों को शानदार पैदावार देती है। सही तरीके से बुवाई करें, तो कीट-रोग कम लगेंगे और मुनाफा बढ़ेगा। आइए, इसे आसान अंदाज़ में समझते हैं।
करेले की खास किस्म और फायदा
करेला की “पूसा हाइब्रिड-1” किस्म गजब की है। ये 55-60 दिनों में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 220-230 क्विंटल तक पैदावार देती है। गर्मियों में करेले की माँग बढ़ती है और बाजार में अच्छा दाम मिलता है। ये किस्म जल्दी तैयार होने के साथ-साथ कीट-रोगों से भी कम परेशान होती है। अगर सही विधि से खेती करें, तो एक एकड़ से भी बंपर उत्पादन लिया जा सकता है।
खेत की तैयारी का तरीका
मार्च में सरसों की कटाई के बाद खेत को करेले के लिए तैयार करें। पहले मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई करें। फिर डिस्क हैरो से खेत को भुरभुरा बनाएँ। इसके बाद रोटावेटर से एक बार और जुताई करें, ताकि मिट्टी अच्छी तरह तैयार हो। जुताई के बाद मृदा उपचार जरूरी है। गोबर की सड़ी खाद में ट्राइकोडर्मा मिलाकर खेत की आखिरी जुताई में डाल दें। ये मिट्टी को रोगों से बचाता है। फिर खेत को समतल करके ऊँची बेड बनाएँ और बीज बो दें।
जाल बनाकर करें खेती
करेले से ज्यादा फायदा लेने के लिए जाल आधारित खेती करें। बाँस या तार से जाल बनाएँ और करेले की बेल को उस पर चढ़ाएँ। इससे बेल की ग्रोथ अच्छी होती है, फल ज्यादा लगते हैं और कीट-रोग कम परेशान करते हैं। जाल पर फल लटकते हैं, जिससे उनकी गुणवत्ता बढ़ती है और तुड़ाई भी आसान हो जाती है। एक एकड़ में 1.5-2 किलो बीज बोएँ और 60 सेमी की दूरी रखें। ये तरीका पैदावार को बढ़ाने का शानदार रास्ता है।
खाद और पानी का इंतजाम
करेले की फसल को शुरू में 25 किलो नाइट्रोजन, 20 किलो फॉस्फोरस और 20 किलो पोटाश प्रति एकड़ डालें। नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के वक्त और बाकी 30 दिन बाद दें। गोबर की खाद 5-6 टन प्रति एकड़ मिलाएँ। गर्मियों में 5-7 दिन पर पानी दें। ड्रिप सिंचाई से पानी जड़ों तक सीधे पहुँचता है और बर्बादी कम होती है। फूल और फल बनते वक्त पानी की कमी न हो, वरना पैदावार घट सकती है।
बंपर कमाई का मौका
करेले की फसल 55-60 दिन में तैयार होकर बाजार में अच्छा दाम दिलाती है। पूसा हाइब्रिड-1 से एक एकड़ में 90-100 क्विंटल तक उपज मिल सकती है। गर्मियों में इसका भाव 20-30 रुपये प्रति किलो तक जाता है, जिससे 1-1.5 लाख रुपये की कमाई हो सकती है। लागत 15-20 हजार रुपये के आसपास आती है। ये फसल कम समय में तैयार होकर मेहनत का पूरा फल देती है।
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