Castor cultivation in Hindi: किसान भाइयों, आजकल देश में बागवानी और औषधीय फसलों की खेती बढ़ रही है। इससे किसानों की जेब भर रही है। अगर आप भी अच्छी कमाई की सोच रहे हैं, तो अरंडी यानी रेंडी की खेती आपके लिए बेस्ट है। इसका तेल दवाइयों में खूब काम आता है और बाजार में इसकी माँग हमेशा रहती है। राष्ट्रीय बीज निगम ने किसानों की आसानी के लिए अरंडी की हाइब्रिड ICH-66 किस्म का बीज ऑनलाइन बेचना शुरू किया है। इसे आप घर बैठे मंगवा सकते हैं और खेती शुरू कर सकते हैं। चलिए, जानते हैं इसके बारे में सबकुछ।
ऑनलाइन सस्ते में मिलेगा अरंडी का बीज
राष्ट्रीय बीज निगम ने अरंडी का हाइब्रिड ICH-66 बीज ऑनलाइन उपलब्ध कराया है। आप इसे ओएनजीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं। यहाँ सब्जियों, फलों और औषधीय फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे। ऑर्डर करने के लिए निगम की वेबसाइट पर जाएँ, वहाँ से बीज चुनें और घर मंगवाएँ। ये सुविधा किसानों के लिए बड़ी राहत है। अभी 2 किलो का पैकेट 28% छूट के साथ 970 रुपये में मिल रहा है। इतने सस्ते में बीज लेकर आप मोटा मुनाफा कमा सकते हैं।
Castor की खेती के लिए उत्तम: हाइब्रिड Castor ICH-66
NSC के ऑनलाइन स्टोर से 2 किलो का पैक ऑर्डर करें@ https://t.co/syWhwGWU9z मात्र 970/-रू. में| #NationalSeedsCorpLtd #NationalMissionforEdibleOilseeds #NMEO @AgriGoI @ChouhanShivraj @mpbhagirathbjp @mkaurdwivedi @ONDC_Official pic.twitter.com/n35jKcsjLN
— National Seeds Corp. (@NSCLIMITED) March 7, 2025
अरंडी ICH-66 की खासियत
अरंडी की ICH-66 एक खास हाइब्रिड किस्म है। ये मध्यम समय में तैयार होती है और पहली तुड़ाई 94-97 दिनों में हो जाती है। प्रति हेक्टेयर 1450-1750 किलो बीज की पैदावार देती है। ये किस्म फ्यूजेरियम विल्ट, मैक्रोफोमिना रूट रॉट और लीफ हॉपर जैसे रोगों से लड़ सकती है। बारिश वाले इलाकों में इसकी खेती सबसे ज्यादा होती है। कम मेहनत में अच्छी पैदावार की वजह से ये किसानों के लिए फायदेमंद है।
अरंडी की खेती के लिए मिट्टी और मौसम
अरंडी की खेती हर तरह की जमीन पर हो सकती है। मिट्टी का पीएच 6 होना चाहिए और खेत में पानी निकासी की अच्छी व्यवस्था हो। गर्म और शुष्क मौसम में ये पौधा तेजी से बढ़ता है। जहाँ ज्यादा गर्मी पड़ती है, वहाँ ये फसल सोने की तरह चमकती है। अरंडी का पौधा झाड़ी जैसा दिखता है और इसके बीज से तेल निकाला जाता है। इस तेल से औषधीय दवाइयाँ बनती हैं, जिसकी बाजार में बड़ी कीमत मिलती है।
खेती का तरीका
अरंडी की बुआई के लिए खेत को अच्छे से जोत लें। जून-जुलाई में बरसात शुरू होते ही इसे लगाना ठीक रहता है। 2-3 इंच गहराई पर बीज बोएँ और पौधों में 2-3 फीट की दूरी रखें। शुरू में हल्का पानी दें और खरपतवार हटाएँ। गोबर की खाद डालने से पैदावार बढ़ती है। 94-97 दिनों में पहली तुड़ाई हो जाती है और बीज तैयार हो जाते हैं।
किसानों के लिए सलाह
किसान भाइयों, अरंडी की ICH-66 किस्म आपके लिए कमाल कर सकती है। अभी राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट से 970 रुपये में 2 किलो बीज मंगवाएँ। इसे गर्म इलाकों में लगाएँ और पानी निकासी का ध्यान रखें। तेल निकालकर बेचें, क्योंकि इसकी माँग दवा कंपनियों में खूब है। अपने नजदीकी कृषि केंद्र से सलाह लें और खेती शुरू करें। ये फसल आपकी मेहनत को दोगुना फल देगी और जेब को जल्दी भर देगी। अभी ऑर्डर करें ताकि अगले सीजन में मुनाफा आपके हाथ में हो।
ये भी पढ़ें- ये 5 औषधीय पौधे बना सकते हैं आपको करोड़पति, बस एक बार करें खेती और जीवनभर होगी कमाई