देश में दाल का संकट बफर स्टॉक खाली, सरकार की बढ़ी चिंता कीमतों पर पड़ेगा असर? समझें सबकुछ

देश में दाल का संकट गहराता जा रहा है। बफर स्टॉक में दाल की भारी कमी हो गई है। हालत ये है कि दाल का भंडार न्यूनतम स्तर पर पहुँच गया है। ये सब तब हो रहा है, जब केंद्र सरकार ने किसानों से तुअर, उड़द और मसूर दाल की 100 प्रतिशत खरीद का वादा किया था। लेकिन स्टॉक कम होने से कीमतें बढ़ने का डर सता रहा है। चलिए, समझते हैं कि ऐसा क्यों हुआ और सरकार क्या कर रही है।

बफर स्टॉक क्यों कम हुआ

दिल्ली विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर और कृषि मामलों के जानकार डॉ. पुरुषोत्तम कुमार आर्य ने बताया कि सरकार ने किसानों से पूरी दाल खरीदने का ऐलान किया। इससे बाजार में दाल के दाम बढ़ गए। अब खुले बाजार में कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ऊपर चली गई हैं। ऐसे में सरकार जरूरत जितनी दाल नहीं खरीद पा रही है। इसका असर बफर स्टॉक पर पड़ा है। डॉ. आर्य कहते हैं कि दाल की माँग बढ़ी है, लेकिन आपूर्ति कम है। दूसरी तरफ, दलहन की खेती में खास बढ़ोतरी नहीं हुई। उत्पादन घटने से स्टॉक और कम हो गया।

बफर स्टॉक का हाल

कीमतों को काबू में रखने के लिए बफर स्टॉक में कम से कम 35 लाख टन दाल होनी चाहिए। लेकिन अभी हालत खराब है। 2021-22 में ये 30 लाख टन था, 2022-23 में 28 लाख टन। अब तो सरकारी एजेंसियों नेफेड और एनसीसीसी के पास सिर्फ 14.5 लाख टन दाल बची है। सबसे ज्यादा माँग तुअर दाल की है, लेकिन स्टॉक में सिर्फ 35 हजार टन है। उड़द दाल का मानक चार लाख टन है, पर स्टॉक में सिर्फ नौ हजार टन। चना दाल कम से कम दस लाख टन होनी चाहिए, लेकिन 97 हजार टन ही है। मसूर दाल की हालत थोड़ी बेहतर है—मानक दस लाख टन के मुकाबले पाँच लाख टन से ज्यादा है।

सरकार क्या कर रही है

सरकार इस संकट से निपटने की कोशिश में जुटी है। पहला कदम है आयात बढ़ाना। बफर स्टॉक की कमी और कीमतें बढ़ने के डर से पीली मटर दाल के शुल्क-मुक्त आयात पर फैसला हो सकता है। 28 फरवरी को ये छूट खत्म हो गई थी, लेकिन अब इसे फिर शुरू करने की बात चल रही है। दूसरा, किसानों को प्रोत्साहन। सरकार दलहन की खेती बढ़ाने के लिए किसानों से अपील कर रही है। कई योजनाओं से मदद दी जा रही है ताकि खेती का रकबा बढ़े और उत्पादन हो।

खरीदारी में तेजी

तुअर दाल की खरीद को बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। सरकार को 13.20 लाख टन तुअर खरीदनी है। महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में खरीद शुरू हो गई है। मूंग, मसूर और चना दाल के स्टॉक में भी कमी है। सरकार इसे भरने की कोशिश में है, लेकिन उत्पादन कम होने से मुश्किल बढ़ रही है। कीमतें बढ़ने से आम आदमी की थाली पर असर पड़ सकता है।

किसानों के लिए सलाह

किसान भाइयों, दाल की खेती आपकी कमाई बढ़ा सकती है। सरकार पूरी दाल खरीद रही है। अपने नजदीकी कृषि केंद्र से संपर्क करें। तुअर, उड़द और मसूर की खेती बढ़ाएँ। खेत में गोबर की खाद डालें और सही समय पर बुआई करें। अगर उत्पादन बढ़ेगा तो बफर स्टॉक भी भरेगा और दाम भी काबू में रहेंगे। अभी से तैयारी करें ताकि अगले सीजन में फायदा हो।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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