न गुलाब, न चमेली! ये फूल दिखते कुछ और हैं, पर असलियत कर देगी हैरान बिना लाइसेंस नहीं कर सकते हैं खेती

Black Gold Opium Farming Tips: भाइयों, हमारे गाँव के खेतों में जब सफेद फूलों की चादर बिछती है, तो दूर से लगता है जैसे कोई फूलों की खेती हो रही हो। लेकिन गुलाब जैसे दिखने वाले फूल खुशबू नहीं, बल्कि नशा फैलाने का काम करते हैं। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं अफीम की, जिसे काला सोना कहते हैं। चारों तरफ खेतों में ये फसल लहलहाती है, और जहाँ तक नज़र जाए, सफेद फूलों के साथ डोडे आकार लेते दिखते हैं।

ये फसल न सिर्फ देखने में सुंदर है, बल्कि किसानों की जेब भी भरती है। अगर आप भी खेती से दोगुनी कमाई का रास्ता ढूंढ रहे हैं, तो अफीम की खेती आपके लिए एक बढ़िया जुगाड़ हो सकती है।

अफीम की खेती का आसान तरीका

अफीम की खेती हमारे गाँवों में बरसों से होती आई है। इसे नवंबर में बोया जाता है और अप्रैल तक फसल तैयार हो जाती है। बुवाई के 95-115 दिन बाद पौधों में सफेद फूल खिलते हैं। फिर धीरे-धीरे फूल झड़ते हैं और 15-20 दिन में डोडे बनने लगते हैं। इसे काला सोना इसलिए कहते हैं, क्योंकि कम मेहनत और लागत में अच्छा मुनाफा देती है।

10 बिस्वा ज़मीन पर इसकी खेती में 30-40 हज़ार रुपये का खर्च आता है, और 6 महीने में एक से डेढ़ लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है। लेकिन इसके लिए सरकार से लाइसेंस लेना ज़रूरी है, वरना ये गैरकानूनी मानी जाती है। ये फसल ज्यादातर दवाइयों में इस्तेमाल होती है, इसलिए इसकी माँग भी अच्छी रहती है।

Black Gold Opium Farming Tips

लाइसेंस और सरकारी नियमों का हिसाब

अफीम की खेती शुरू करने से पहले सरकार की इजाज़त लेनी पड़ती है। ये लाइसेंस वित्त मंत्रालय की ओर से मिलता है, और आवेदन सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स की वेबसाइट (cbn.nic.in) पर करना होता है। लाइसेंस के लिए कुछ शर्तें हैं, जैसे पिछले साल की उपज का ब्योरा देना। फसल तैयार होने पर सरकार डोडों को 200 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदती है। वहीं, इसके बीज बाज़ार में 1000 से 1200 रुपये प्रति किलो तक बिकते हैं। यानी डोडे सरकार को दें और बीज बाज़ार में बेचें, तो कमाई का दायरा और चौड़ा हो जाता है। लेकिन बिना लाइसेंस के ये काम न करें, वरना मुश्किल हो सकती है। नियम समझें और सही तरीके से आगे बढ़ें।

कम लागत में बड़ा फायदा

अफीम की खेती का सबसे बड़ा फायदा है कम लागत और मोटा मुनाफा। 10 बिस्वा में 30-40 हज़ार रुपये लगाकर अगर डेढ़ लाख तक की कमाई हो जाए, तो ये सौदा शानदार है। बीजों की बिक्री से अलग से फायदा होता है, जो खर्च निकालने के बाद भी अच्छा पैसा छोड़ जाता है। इस फसल में मेहनत का ध्यान रखना ज़रूरी है। फूलों से डोडे बनने तक पौधों की देखभाल करें, ताकि उपज अच्छी हो। कई किसान इसकी खेती से अपनी जिंदगी संवार रहे हैं। ये न सिर्फ कमाई का ज़रिया है, बल्कि खेतों को भी नई ताकत देती है। दवाइयों की माँग के चलते इसका बाज़ार हमेशा गर्म रहता है।

सही समय पर करें तैयारी

मार्च का महीना चल रहा है, और अभी खेतों में डोडे तैयार हो रहे हैं। अप्रैल में कटाई के बाद सरकार और बाज़ार से कमाई का मौका मिलता है। अगली फसल के लिए नवंबर में बुवाई शुरू करें, ताकि अप्रैल 2026 तक आपकी फसल तैयार हो। अगर आप भी इस काले सोने की खेती का मन बना रहे हैं, तो अभी से तैयारी शुरू कर दें। लाइसेंस का इंतज़ाम करें, सही समय पर बीज बोएँ और मेहनत से फसल तैयार करें। ये फसल आपकी मेहनत को सोने में बदल सकती है। बस सही रास्ता चुनें और आगे बढ़ें फायदा आपके हाथ में होगा।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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