Makka Ki Kheti Tips: किसान भाइयों, आलू की फसल कटते ही अगर आप मक्के की खेती करते हैं, तो एक बात ध्यान रखें—मक्के को पानी खूब चाहिए। जायद मक्के की फसल को पूरी अवधि में 500 से 600 मिलीमीटर पानी लगता है। अब इतना पानी हर बार देना आसान नहीं, और ज्यादा पानी डालने से फसल की जड़ें साँस भी नहीं ले पातीं।
जिला उद्यान अधिकारी सीपी अवस्थी कहते हैं कि जैसे इंसान को एक गिलास पानी की जरूरत हो और वो बाल्टी भर पी ले, तो नुकसान होगा। वैसे ही फसल को भी सही मात्रा में पानी चाहिए। उद्यान विभाग की “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” योजना से ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर लेकर आप 30 से 60 फीसदी पानी बचा सकते हैं। इससे फसल की क्वालिटी बढ़ेगी, पैदावार ज्यादा होगी और बाज़ार में अच्छा दाम मिलेगा।
ड्रिप और स्प्रिंकलर से पानी की बचत
मक्के की खेती में पानी की सही व्यवस्था बड़ी जरूरी है। मिनी स्प्रिंकलर इस काम में कमाल करता है। ये फव्वारे की तरह पानी देता है, जितना फसल को चाहिए, उतना ही। ड्रिप सिस्टम भी बड़ा फायदेमंद है—इससे पानी सीधे जड़ों तक पहुँचता है और बर्बादी नहीं होती। उदाहरण के लिए, अगर आप 40-50 फीसदी पानी बचा लेते हैं, तो वो बचत आपकी जेब में मुनाफे के रूप में आएगी। आप भी इस योजना का फायदा लें और पानी की बचत करें।
ज्यादा पानी से नुकसान, सही मात्रा से फायदा
अधिक पानी फसल को नुकसान पहुँचाता है। जड़ों को हवा चाहिए होती है, जो ज्यादा पानी से नहीं मिलती। इससे फसल की उर्वरक क्षमता और क्वालिटी पर बुरा असर पड़ता है। उद्यान अधिकारी कहते हैं कि फसल को जरूरत से ज्यादा पानी देना सही नहीं। मिट्टी का प्रकार, मौसम और सिंचाई की दक्षता के हिसाब से पानी देना चाहिए। ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम से ये काम आसान हो जाता है। ये तरीके सुनिश्चित करते हैं कि फसल को जितना पानी चाहिए, उतना ही मिले।
योजना का फायदा कैसे लें
उद्यान विभाग की “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” योजना से ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम सस्ते दामों में मिलता है। इसके लिए अपने नजदीकी उद्यान विभाग कार्यालय में संपर्क करें। वहाँ आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा और कुछ कागजात जैसे आधार कार्ड, खेत की जमाबंदी और बैंक खाता विवरण देना होगा। योजना के तहत सब्सिडी मिलेगी, जिससे लागत कम होगी। आप भी इस मौके को हाथ से न जाने दें।
देसी नुस्खे से करें खेती
ड्रिप सिस्टम के साथ कुछ देसी तरीके भी आजमाएँ। मक्के की बुवाई से पहले खेत में गोबर की खाद डालें, इससे मिट्टी में ताकत आएगी। खेत की हल्की गुड़ाई करें, ताकि पानी जड़ों तक अच्छे से पहुँचे। अगर स्प्रिंकलर नहीं है, तो पानी देने के बाद मिट्टी को ढीला छोड़ दें, इससे हवा का संचार होगा। गाँव में लोग नीम की पत्तियाँ मिट्टी में मिलाते हैं, ये कीड़ों को भगाने में मदद करता है। सही पानी और सही देखभाल से मक्के की फसल लहलहाएगी। आप इस बार ड्रिप सिस्टम आजमाएँगे क्या?
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