भाइयों, हमारे गाँवों में खेती-बाड़ी मेहनत का काम है, लेकिन अगर थोड़ा दिमाग लगाएँ, तो एक ही खेत से दोगुनी कमाई हो सकती है। आजकल किसान आलू की बुआई के साथ-साथ उसी खेत में मक्का भी बो रहे हैं। आलू 90-100 दिन में तैयार हो जाता है, जबकि मक्का को थोड़ा ज्यादा वक्त लगता है। यानी एक फसल निकलने के बाद दूसरी अपने आप तैयार हो जाती है। पहले के ज़माने में किसान एक बार में एक ही फसल उगाते थे, लेकिन अब आधुनिक तरीके से आलू और मक्का की संयुक्त खेती कर रहे हैं। बस थोड़ी सी मेहनत और सही प्लानिंग चाहिए, और आपकी जेब भरने के लिए दो-दो रास्ते खुल जाएँगे। आइए, इस देसी जुगाड़ को समझते हैं।
एक साथ दो फसलें, कैसे संभव?
कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि आलू की बुआई के दिन ही उसके मेढ़ों के दोनों ओर मक्का बोया जा सकता है। आलू जल्दी तैयार होने वाली फसल है, जो 90-100 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। वहीं, मक्का को पकने में 120-130 दिन लगते हैं। जब आलू की खुदाई हो रही होती है, तब मक्का अभी बढ़ रहा होता है। आलू निकालने के 30-35 दिन बाद मक्का की बालियाँ निकलने लगती हैं। यानी एक ही खेत से पहले आलू का मुनाफा, फिर मक्का का फायदा। ये तरीका हमारे किसानों के लिए वरदान है, क्योंकि इससे मेहनत और ज़मीन का पूरा इस्तेमाल होता है। बस सही समय और थोड़ी देखभाल चाहिए, और आपकी फसल दोगुनी खुशी देगी।
मिट्टी की सेहत का रखें ख्याल
संयुक्त खेती में मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना ज़रूरी है। आलू के लिए जो खाद और पोषक तत्व डालते हैं, उसमें सिर्फ 25% अतिरिक्त खाद मिला दें ये दोनों फसलों के लिए काफी होगा। गोबर की खाद, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का सही मिश्रण तैयार करें। इससे मिट्टी की ताकत बनी रहेगी और दोनों फसलों की पैदावार बढ़िया होगी। इस तरीके से न सिर्फ फसल अच्छी होगी, बल्कि खेत भी आने वाले सालों तक मुनाफा देता रहेगा। थोड़ा स्मार्ट खाद प्रबंधन, और आपकी मेहनत रंग लाएगी।
ठंड से बचाव, मक्का का साथ
आलू की फसल को सर्दियों में ठंड और पाले का बड़ा खतरा रहता है। कई बार कड़ाके की ठंड पूरी फसल चौपट कर देती है, और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन मक्के का साथ हो, तो ये दिक्कत कम हो जाती है। मक्के की लंबी पत्तियाँ ठंडी हवाओं को रोकती हैं, जिससे आलू के पौधों को सुरक्षा मिलती है। ये नेचुरल जुगाड़ आलू को पाले से बचाता है और फसल खराब होने का डर कम करता है ये तरीका न सिर्फ नुकसान बचाता है, बल्कि किसानों का हौसला भी बढ़ाता है।
दोगुनी कमाई का आसान रास्ता
इस संयुक्त खेती से किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं। लागत ज्यादा नहीं बढ़ती, बस थोड़ी अतिरिक्त खाद और देखभाल चाहिए। आलू की कटाई के बाद खेत खाली नहीं रहता, बल्कि मक्का तैयार होने लगता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये तरीका छोटे और बड़े दोनों किसानों के लिए फायदेमंद है। एक ही खेत से दो फसलों का उत्पादन मतलब दो बार मुनाफा। आलू बाज़ार में बिक जाए, और फिर मक्का कमाई का दूसरा रास्ता खोले। हमारे गाँवों में मेहनत करने वाले भाइयों के लिए ये तकनीक आर्थिक ताकत बढ़ाने का शानदार मौका है। बस थोड़ा ध्यान और सही समय पर काम, और खेती का फायदा दोगुना हो जाएगा।
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