किसानों को खेती में आसानी देने और उनकी लागत कम करने के लिए देशभर में सरकार सोलर पम्प पर सब्सिडी दे रही है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। अगले तीन साल में 30 लाख किसानों को सोलर पम्प देने का लक्ष्य रखा गया है। खास बात ये है कि इन सोलर पम्पों से बनने वाली अतिरिक्त बिजली को सरकार खरीदेगी भी। यानी किसानों को दोहरा मुनाफा होगा – सिंचाई का खर्चा बचेगा और बिजली बेचकर कमाई भी होगी। ये बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 18 मार्च को समत्व भवन में नेशनल डिफेंस कॉलेज के अध्ययन यात्रा दल को संबोधित करते हुए कही।
खेती में नंबर वन मध्य प्रदेश
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश की मिट्टी खेती के लिए बहुत उर्वर है और यहाँ खेती-किसानी फायदे का धंधा बन चुकी है। सरकार ने नई तकनीकें अपनाईं और कई नए तरीके आजमाए। इसी का नतीजा है कि आज मध्य प्रदेश खेती के विकास में पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों को पीछे छोड़कर देश में सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद सिर्फ खेती को बढ़ाना नहीं, बल्कि किसानों को भी समृद्ध करना है। इसके लिए लगातार कोशिशें हो रही हैं।
सोलर पम्प के साथ सस्ती बिजली
डॉ. यादव ने कहा कि पहले मध्य प्रदेश में सिंचाई का दायरा बहुत कम था। साल 2002-03 में सिर्फ 7 लाख हेक्टेयर जमीन ही सिंचित थी। लेकिन अब इसे बढ़ाकर 55 लाख हेक्टेयर से ज्यादा कर दिया गया है। किसानों को और सुविधा देने के लिए अगले तीन साल में 30 लाख सोलर पम्प बाँटे जाएँगे। साथ ही, इन पम्पों से बनी अतिरिक्त बिजली को सरकार खरीदेगी। इससे किसानों की जेब में पैसा आएगा। इतना ही नहीं, बिजली कनेक्शन भी सिर्फ 5 रुपये में दिया जा रहा है, ताकि बिजली का खर्च भी न के बराबर हो।
नीतियों से बदली किसानों की तकदीर
नेशनल डिफेंस कॉलेज के अध्ययन दल ने मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों का दौरा किया। वहाँ उन्होंने देखा कि सरकार की नीतियों से खेती और सहकारिता में जबरदस्त तरक्की हुई है। किसानों की हालत सुधरी है और उनकी कमाई बढ़ी है। साथ ही, स्व-सहायता समूहों के जरिए महिलाओं को आर्थिक ताकत देने का काम भी तेजी से हुआ है। ये सब देखकर दल ने माना कि मध्य प्रदेश ने इन क्षेत्रों में शानदार काम किया है।
दोहरा फायदा, नई उम्मीद
ये योजना किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। सोलर पम्प से सिंचाई का खर्चा कम होगा और बिजली बेचकर अतिरिक्त कमाई होगी। साथ ही, सस्ते बिजली कनेक्शन से खेती और आसान हो जाएगी। मध्य प्रदेश सरकार का ये कदम न सिर्फ खेती को मजबूत करेगा, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी बड़ा कदम है।
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